कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेते हुए भाजपा ने दावा किया, ''संप्रग अंदर से टूट रहा है, उसमें बिखराव हो रहा है। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यह भरोसा भी नहीं है कि संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक को सहयोगी दलों का समर्थन मिला पाएगा। इसीलिए इसे अध्यादेश के जरिए लागू किया गया।''
उसने कहा कि सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिलने के भय से कांग्रेस संसद का मानसून सत्र बुलाने से भी डर रही है और इसीलिए अभी तक मानसून सत्र बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई है।
अनंत कुमार ने कहा, ''अपने सहयोगी दलों के इस असहयोग और दबाव के चलते कांग्रेस समय से पूर्व चुनाव करा सकती है। पहले ये चुनाव 2014 में होने थे लेकिन अब ये 2013-14 में हो सकते हैं। चुनाव जब भी हों, हम उसका सामना करने के लिए तैयार है और उसमें विजय हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे।''
उन्होंने बताया कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति और खाके पर गहन चर्चा की गई। बोर्ड की पिछली बैठक पिछले सप्ताह 4 जुलाई को हुई थी।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में उपस्थित सदस्यों में मोदी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, मुरलीमनोहर जोशी, अनंत कुमार और एम वेंकैया नायडु आदि शामिल हैं।
यह पूछे जाने पर कि पार्टी में मोदी का कद बढ़ाए जाने से नाराज आडवाणी क्या अभी भी गुस्से में हैं, कुमार ने कहा, ''पूरी पार्टी का गुस्सा कांग्रेस के खिलाफ है।''
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