आदमखोर हो गए हैं केदारनाथ में पालतू कुत्ते! विजेन्द्र रावत---- देहरादून, शमशान बने केदारनाथ, रामबाड़ा व गौरीकुंड में गाँव के पालतू कुत्तों ने डेरा डाल रखा है और वे लाशों को खा रहे हैं जिस कारण वे अब आदमखोर हो गए हैं। जान जोखिम में डालकर गुप्तकाशी से केदारनाथ तक पैदल सफ़र करने वाले वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी ने अपनी आँखों देखी का हृदय विदारक वर्णन करते हुए बताया कि आदमियों की लाशें खाने के कारण ये कुत्ते अब उग्र हो गए हैं साथ ही जंगली जानवर जैसे भालू, बाघ, सियार आदि भी लावारिश पड़ी लाशों को खा रहे हैं। जहां राहत दल के लोगों के लिए सरकार के लिए राशन पहुंचाना भी एक समस्या बन गई है तो वहां लाशों का अंतिम संस्कार करना एक बेमानी सी हो गयी हैं। इसलिए अधजली लाशें इधर-उधर बिखरी पडी हैं। सरकारी कारिंदे व सरकार खुद ही इन लाशों को सड़कर खुद ही समाप्त होने के इन्तजार में हैं। तीन सप्ताह में मिट्टी में दफन लाशें बुरी तरह सड़ चुकी हैं और पूरे केदार नाथ में बदबू फ़ैली हुई है। आपदाग्रस्त गाँववालों को भय है कि लाशें समाप्त हो जाने के बाद आदमखोर हो चुके पालतू कुत्ते और जंगली जानवर उन पर ही टूट पड़ेंगे और यहाँ एक दूसरी आपदा का दौर शुरू हो जाएगा। आपदा के सामने अपने हाथ खड़े कर चुकी राज्य सरकार को इस विकराल होती समस्या की ओर भी ध्यान देना चाहिए कम से कम इसे अपने एजेंडे में तो जोड़ ही दे। नेगी का कहना है कि जब बिना किसी ख़ास उपकरणों के वे अपने कैमरामैन के साथ पैदल ही केदारनाथ तक जा सकते हैं तो प्रशिक्षित पर्वतारोहियों, सेना व पूर्व फौजियों के लिए तो यह काफी आसान है तो सरकार राहत कामों में उनकी मदद क्यों नहीं ले रही है?
प्रकृति की मार के साथ अब लुटेरों का आतंक! देहरादून, आपदा में मरे लाशों को लूटने वाले अब लोगों की आजीविका पर भी डाका दाल रहे हैं केदारनाथ में अपने घोड़े खचरो को यों ही छोड़ कर अपनी जान बचाकर भागे व कई अपनी जान गवां चुके घोड़े मालिकों पर अब नेपाली लुटेरों का कहर टूट रहा है। ग्वालदम पुलिस ने नेपाली मूल के खड़क बहादुर से केदार नाथ से चोरी कर लाये 8 खचर बरामद कर लिय है। खड़क बहादुर के साथियों ने बताया कि वे लोग केदारनाथ व राम बाड़ा से 21 खचरों को चोरी कर लाये थे जिन में से वे कुछ को औने-पौने दामों में बेच चुके हैं। स्थानीय लोग अपने घोड़े-खचर चोरी के थानों में कई मामले दर्ज करा चुके हैं, खड़क बहादुर के गिरोह में दो अन्य नेपाली युवक भी शामिल थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि यात्रा में मजदूरी करने गए कई नेपालियों से बड़ी मात्रा में गहने व नकदी पकड़ी की गयी थी जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। 2 रुपये सेब व टमाटर खरीदने वाला भी कोई नहीं ! देहरादून, शहरों में भले ही सब्जी और फलों के दाम आसमान को छू रहे हों पर आपदा ग्रस्त उत्तरकाशी के गंगोत्री क्षेत्र में सेब ,टमाटर, आडू व खुमानी को कोई दो रु. किलो के दाम पर भी खरीदने वाला नहीं मिल रहा है और अब वे यों ही सड़ने लगे है।सरकार की सुस्त चाल से यहाँ की सडके नहीं खुल पा रही हैं। जिस कारण किसानों को अपनी सालभर की कमाई को यों ही सड़ते हुए देखना पड़ रहा है। अब लोग उग्र प्रदर्शन करने लगे है और नेता देहरादून में ही बैठे -बैठे आपदा प्रबंधन की रणनीतियों का खाका बनाने व राहत के पैसे को इधर -उधर करने की रणनीति में जुटे हैं।
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