दिल्ली से इन दो बच्चों और उनकी मां को भी चिन्यालीसोढ़ के पास गांव में लाया गया। उन्हें यही बताया कि निहाल सिंह को कुछ चोट आई हैं। लेकिन कब तक छुपाएंगे। घर पहुंचने पर तो पता लगा ही होगा।
उन बच्चों की मुझे याद आती है। डर भी कि कही पढ़ाई न छूट जाए। उनका मां के सिवा कोई नहीं। गांव वाले भी कब तक साथ देंगे। ईश्वर उन बच्चों को सहारा देना। आगे की जिंदगी में उन पर रहम करना।
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