कुख्यात डॉन दाउद इब्राहिम का कनेक्शन बैंक ऑफ बड़ौदा से?
नई दिल्ली. कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम बहामास के नसाऊ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में मनी लांडरिंग कर रहा है। यह बात कुछ खोजी पत्रकारों की जांच में पता चली है। जांच में यह भी पता चला है कि दाउद पाकिस्तान और अफगानिस्तान में चल रहे आतंकी संगठनों के फंड भी हैंडल कर रहा है। इन फंडों में बड़े पैमाने में धन का आदान प्रदान हुआ है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक बॉब की नसाऊ शाखा में पाया गया है कि इसमें दुबई के तीन करेंसी एक्सचेंज- अल जरौनी एक्सचेंज, दुबई एक्सचेंज और अल धिरहम एक्सचेंज से लाखों डॉलर आए। हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि बैंक ने अपना व्यवसाय किया है, इसमें ऐसी कोई बात नहीं है।
इस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के मुताबिक दाउद दक्षिणी एशिया में नारकोटिक्स और जिहादियों के लिए सबसे ज्यादा धन उपलब्ध कराता है। अनुमान है कि दाउद साल भर में तकरीबन 3.5 बिलियन डॉलर का आदान प्रदान अपनी फर्जी कंपनियों के जरिए करता है। इससे पहले वर्ष 2011 में भारत सरकार ने पाकिस्तानी सरकार को एक डोजियर दिया था जिसमें संयुक्त अरब अमीरात के रहने वाले ऐसे 11 लोगों का नाम था जो दाउद के इस खूनी धन को ठिकाने लगाने की व्यवस्था करते हैं।
अल दिरहम करेंसी एक्सचेंज, अलमास इलेक्ट्रॉनिक्स, यूसुफ ट्रेडिंग, रीम यूसुफ ट्रेडिंग, फलौदी ट्रेडिंग कंपनी और गल्फ कोस्ट रियल इस्टेट उनमें से कुछ हैं। बताया जाता है कि अल दिरहम एक्सचेंज दाउद इब्राहिम का है। दाउद का धन पाकिस्तान को भेजा गया तो वहां की अर्थव्यवस्था में तरक्की हुई। वर्ष 2012 में यह वापसी दस बिलियन डॉलर तक पहुंच गई जिसकी वजह से कराची स्टॉक एक्सचेंज ने 49 फीसद की बढ़त पाई। जानकारों का मानना है कि यह सारा धन दाउद ने भेजा था।
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