इस अंक में:
सामयिकी
डीएमके की 'बुरी दोस्ती' का अंत - अभिषेक श्रीवास्तव
आवरण कथा 1
चावेज- बात बोलेगी, हम नहीं - प्रभाती नौटियाल
'दि एसाशिनेशन ऑपफ चावेज' - ग्रेग पालास्ट
चावेज को नेपाल की जनता का लाल सलाम - नरेश ज्ञवाली
संघर्ष के शुरुआती दिन - मार्ता हार्नेकर/चावेज
नेपाल
अंतरिम चुनावी मंत्रिपरिषद का गठन - नरेश ज्ञवाली
आवरण कथा 2
भूटानः जनतंत्रा का ढोंग
राजनीतिक बंदियों का 'अपराध्' - के.एस. दोरजी
भारत द्वारा निरंकुश व्यवस्था का समर्थन - अनंत राय
चीन-भूटान की बढ़ती निकटता - दीर्घराज प्रसाई
प्रसंगवश
त्रिपुराः एक अनूठा मुख्यमंत्री - वीरेंद्र सेंगर
कश्मीर
मिलिटेंसी से उपजा एक नया वर्ग - निदा नवाज़
निधन
उपन्यासकार चीनुआ एचेबे नहीं रहे
कविता
कुछ कविताएं - माया एन्जेलू
दो कविताएं - कृष्ण प्रताप सिंह
मुद्दा
जूलियन असांज से बातचीत - एमी गुडमैन
अब किसानों के हक पर डाका - जाहिद खान
सरोकार
अमेरिका में दवाओं से कितनी मौतें होती हैं - बारबरा स्टारपफील्ड
चिकित्सा और हम
पूंजीवाद की सेवा में गुलाम डॉक्टर - ब्रॉयन मैकेना
संदर्भ
...भगत सिंह के सपनों के पफूल - सत्यनारायण पटेल
मीडिया
खबर नहीं प्रोडक्ट खोजते पत्राकार - अटल तिवारी
सिनेमा
पिफल्मकार लेख टंडन - दीप भट्ट
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