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Wednesday, August 28, 2013

जल महानगर में तब्दील कोलकाता हावड़ा और विधाननगर,केशपुर और चंद्रकोणा दुनिया से बाहर,बाढ़ का संकट गहराया

जल महानगर में तब्दील कोलकाता हावड़ा और विधाननगर,केशपुर और चंद्रकोणा दुनिया से बाहर,बाढ़ का संकट गहराया


और तो और, मंदिरतला में नया राइटर्स भी जलबंदी है। राजधानी स्थानांतरण के लिए अब सबसे जरुरी है हावड़ा और कोलकाता के बीच आवाजाही अबाधित करना और इसके साथ ही हावड़ा में तत्काल कारगर जल निकासी का इंतजाम।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



बंगाल में बारिश का सिलसिला रुक ही नहीं रहा है।हालात ऐसे ही रहे तो 1978 की पुनरावृत्ति हो सकती है।एक के बाद एक निम्नदबाव का सिलसिला जारी है।कोलकाता में बारिश ने अगस्त का रिकार्ड तोड़ दिया है।2003 के बाद अगस्त 2013 में सबसे ज्यादा 610 मिलीमीटर बारेश हो चुकी है।2007 में अगस्त में 470 मिमी बारिश हुई थी।2007 के मुकाबले अभी बयालीस फीसद बारिश ज्यादा है।बाकी बचे दो चार दिन में यह रिकार्ड बेहतर होगा।बारिश के कारण महानगर कोलकाता के प्रमुख मार्ग जलमग्न हो गए हैं, कई पेड़ उखड़ गए हैं तथा यातायात लगभग अवरुद्ध हो गया है। उपनगरों का तो कोई माईबाप ही नहीं है।पालिकाएं बिना हाथ पांव के जगन्नाथ हैं, जिनकी सिर्फ पूजा अर्चना ही की जा सकती है। महानगरों से उपनगरों को जोड़ने वाली तमाम सड़कें जलमग्न हैं।भारी बारिश के बीच ही पुलिस और अग्निशमन दल के कर्मचारी गिरे हुए वृक्षों को मार्ग से हटाने में जुटे रहे। लगातार जारी बारिश के कारण परिवहन के बुरी तरह प्रभावित होने के कारण महानगर के कई स्कूलों में मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। मौसम विभाग ने अनुमान जाहिर किया है कि बुधवार को भी शहर में कई जगहों पर रुक-रुक कर तथा कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।जन्मष्टमी के अवकाश होने से एक दिन के लिए महानगरों में यातायात दबाव थोड़ कम होगा ौर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से एक दिन के लिए ही सही लोगों को नरकयंत्रमा से राहत मिल रही है।हालांकि जल भराव होने के कारण सामान्य जीवन प्रभावित हो गया है और रेल सेवाएं भी आंशिक रूप से बाधित हो गई हैं। सेंट्रल, नॉर्थ और साउथ कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में जल भराव के कारण लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।


अच्छी खरीफ की उम्मीद


गौरतलब है कि इस मॉनसून में हो रही भारी बारिश से देश के तमाम हिस्सों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, जम्मू में तो सरकार बाढ़ से निपटने में लगी है और लोग जान बचाने में।  बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से और उसके आसपास निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से ओड़िशा में अगले 48 घंटे में भारी बारिश हो सकती है।गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी में तैयार हुए गंभीर निम्न चाप के कारण कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है।भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपनी चार महीने की यात्रा के अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है और देश में बारिश की मात्रा के संदर्भ में मौजूदा वर्ष श्रेष्ठï वर्षों में से एक के तौर पर याद किया जाएगा। उम्मीद से अधिक बारिश की वजह से अब तक खरीफ की बुआई शानदार रही है जिससे न सिर्फ जीडीपी वृद्घि को मजबूती मिलेगी बल्कि इससे महंगाई की धार कुंद करने में भी मदद मिलेगी।भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों का मानना है कि देश 98 फीसदी एलपीए (लॉन्ग पीरियड एवरेज) के बजाय 100 फीसदी एलपीए से अधिक बारिश दर्ज कर सकता है।


जल महानगर


कोलकाता, हावड़ा और विधाननगर में जल महानगर का कार्निवाल है इन दिनों।राजमार्ग हो या नागरिक बंद गलियां,बाजार हो या कटरा,जमा हुआ पानी निकल ही नहीं रहा है। सैम पित्रोदा कोलकाता को गंदगी का शहर कह चुके हैं।कभी दिवंगत राजीव गांधी ने कोलकाता को मरणासण्ण शहर कहा था। तब भी विरोध खूब हुआ था और परिवर्तन सरकार के मुख्य सलाहकारों में एक पित्रोदा के बयान पर चाय की प्याली में तूफान है।न जल निकासी का इंतजाम बेहतर हो रहा है और न जमा हुआ जल में गंदगी की संड़ांध से निजात मिल रही है नागरिकों को।और तो और, मंदिरतला में नया राइटर्स भी जलबंदी है। राजधानी स्थानांतरण के लिए अब सबसे जरुरी है हावड़ा और कोलकाता के बीच आवाजाही अबाधित करना और इसके साथ ही हावड़ा में तत्काल कारगर जल निकासी का इंतजाम।


अलीपुर मौसम कार्यालय का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव होने के कारण आगे भी बारिश होने की संभावना है। अगले 24 घंटे में जोरदार बारिश हो सकती हैं। महानगर के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, 24 परगना, बांकुड़ा, वीरभूम आदि जिलों में जोरदार बारिश होने की संभावना है।


हावड़ा के कई इलाकों में गत सप्ताह हुई बारिश का पानी अभी निकल भी नहीं पाया था कि नये सिरे से बारिश ने शहर को एक बार फिर पानी में डुबो दिया। हावड़ा का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया।फकीर बागान, गुहा रोड, बामनगाछी, बीएल राय रोड, नंद घोष रोड, बेलिलियस रोड, पंचाननतला, बेलघरिया, सलकिया, माधव दत्ता लेन, छोटूलाल मिश्र रोड, हरिकृष्ण नगर, बनारस रोड व टिकियापाड़ा में जलजमाव हो गया। फकीर बागान में बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया।



बारिश के कारण बड़ाबाजार, धर्मतल्ला, बालीगंज, सीआर एवेन्यू, एमजी मार्ग, जकारिया स्ट्रीट, विधान सरणी और कॉलेज स्ट्रीट इलाके प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा भारी बारिश की वजह से पतिपुकुर और दमदम की गलियों में भी पानी भर गया है। काकुड़गाछी, ईएम बाइपास व वीआईपी रोड से संग्लन इलाकों में कई स्थानों में पेड़ टूटकर गिर गये। कई स्थानों पर रास्ते में लगे बिल बोर्ड तेज हवा के थपेड़ों से उखड़ गये।


जनपदों का हाल बुरा


जनपदों का हाल और बुरा है।उत्तर और दक्षिण 24 परगना, समूचा सुंदरवन इलाका और सागरद्वीप, हावड़ा,मेदिनीपुर पूर्व और पश्चिम, हुगली,नदिया जिलों के ज्यादातर जिले जलप्लावित हैं।वृहत्तर मेदिनीपुर में कंसावती के पानी से बाढ़ की हालत तेजी से बिगड़ रही है।पांशकुड़ा के अलावा अब तमलुक ब्लाक भी जलप्लावित है।विष्मुपुर और कुदुमपुर ब्लाक बी पानी के नीचे।कंसाई बांध टूटने से जलमग्न हैं 25 गांव।तमलुक शहर में बाढ़ का खतरा है तो चारों तरफ से केशपुर और चंद्रकोना जलबंदी इस दुनिया से बाहर हैं।बांधों की मरम्मत का काम न सुंदरवन इलाके में, न सागरद्वीप में , न नदिया और उत्तर 24 परगना और न मेदिनीपुर पूर्व या पश्चिम में कहीं हुआ है।आपदा प्रबंधन के इंतजामात गैरहाजिर हैं सिरे से।


दुर्गापुर आसनसोल समेत समूचा शिल्पांचल डीवीसी की कृपा पर जी रहा है। लेकिन बारिश होती रही तो बांधों से जल छोड़ने के अलावा कोई उपाय भी नहीं है।डल छूटते ही शिल्पांचल जलांचल में तब्दील होने को है। उधर उत्तर बंगाल की हर नदी उफन रही है तो मुर्शिदाबाद और मालदह पद्मा की चपेट में हैं।गांव के गांव कट रहे हैं।हालत यह तक है कि कटाव के मद्देनजर सीमा को अरक्षित अरक्षित छोड़ हटने लगी हैं बीएसेफ की चौकियां। तस्करों के लिए तो आंधी पानी और बाढ़ प्रकृति के आशीर्वाद हैं।वैसे भी बांग्लादेश सीमा पर उन्हींका निरकुंश राज है।





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