नागरिक जीवन की यह अनंत नरकगाथा है
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
आफिस टाइम के वक्त मंगलवार की सुबह कोलकाता,हावड़ा,विधाननगर नगरनिगम इलाकों के अलावा उपनगरीय बंगाल में झामाझम बारिश की वजह ये यातायात की भारी समस्या हो गयी। उल्टाडांगा में हजारों की तादाद में लोग ट्रेनों से उतरकर बीच बारिश बस,आटो,टैक्सी से साल्टलेक,लेक टाउन, बागुईहाटी, राजारहाट, न्यू टाउन,सेक्टर फाइव के दफ्तरों,अस्पतालों और शिक्षाकेंद्रों में पहुंचने के लिए भीगते हुए घंटाभर की कसरत के बावजूद जैसे नाकाम रहे, वह तस्वीर महानगरों और उपनगरों में आम रही।सड़के जलमग्न हो जाने से सर्वत्र ट्रापिक जाम।रेल यातायात भी बाधित।
दो दिन की कड़ी धूप के बाद फिर निम्नदबाव से कल दोपहर आंधी पानी से ही दक्षिणबंग जलमग्न हो गया। सुवर्ण रेखा,कंसावती,दामोदर के पानी से जनपदों में तबाही है तो खतरे के निशान से बह रहे डीवीसी के बांधो से पानी छोड़ने का सिलसिला भी शुरु हो गया।
पद्मा पगलाने लगी है तो मुर्शिदाबाद और मालदह में किनारे चबाने लगी है।कटाव में गांव के गांव तबाह हो रहे हैं। दूसरी ओर,उत्तर बंगाल में तमाम नदियां उफन रही हैं।गोरखालैंड आंदोलन में अवरुद्ध पहाड़ों में जनजीवन इस विपर्यय से एकदम ठप है और राहत के कोई उपाय भी नहीं किये जा सकते।
ईएम बाईपास के दोनों किनारे चलें तो आप हिसाब लगा सकते हैं कि सोमवार की दोपहर के अंधकार समय के दौरान तेज हवाओं ने कितने पेड़ोकी जानें ली। बारुईपुर सोनार पुर से लेकर बांकड़ा मौरीग्राम आंदुल,बाली लुलुआ से लेकर बेंडिल,बेलघरिया से लेकर कल्याणी और एअर पोर्ट से लेक बारासात तक , हावड़ा,कोलकाता और विधाननर के महानगरीय इलाकों में सर्वत्र घर घऱ पानी है।सर्वत्र सड़कें बेहाल।जलनिकासी असंभव।
नागरिक जीवन की यह अनंत नरकगाथा है!
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