Thursday, 29 August 2013 10:44 | |
रवि शंकर जनसत्ता 29 अगस्त, 2013 : विश्व में छह हजार से ऊपर भाषाएं हैं तो भारत में पचास साल पहले यानी 1961 की जनगणना के बाद सोलह सौ बावन मातृभाषाओं का पता चला था। इनमें से करीब ग्यारह सौ को भाषा का दर्जा मिला हुआ है। उसके बाद ऐसी कोई सूची नहीं बनी, जिससे भाषाओं का सटीक अनुमान लगाया जा सके। हालांकि 1971 में केवल एक सौ आठ भाषाओं की सूची सामने आई थी, क्योंकि सरकारी नीतियों के हिसाब से किसी भाषा को सूची में शामिल करने के लिए उसे बोलने वालों की तादाद कम से कम दस हजार होनी चाहिए। यह कसौटी भारत सरकार ने स्वीकार की थी। लेकिन हाल में वडोदरा के 'भाषा अनुसंधान एवं प्रकाशन केंद्र' द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक यह बात सामने आई है कि पिछले पांच दशक में भारत की करीब बीस फीसद यानी करीब दो सौ बीस भाषाएं खत्म हो गई हैं।
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Thursday, August 29, 2013
भाषाओं का विस्थापन
भाषाओं का विस्थापन
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