Shamshad Elahee Shams
२८ मिलियन की आबादी वाले लैंड लॉक्ड देश नेपाल जिसकी जी डी पी मात्र २० अरब डालर हो, २५ अप्रैल को आये महाभूकंप में जिसके ९००० से ज्यादा लोग मारे गए हो, लाखो ज़ख़्मी, पांच अरब डालर की संपत्ति नष्ट हुई हो, ३०लाख बच्चों पर दवाओं के आभाव से मौत मंडरा रही हो, ऐसे असहाय स्थिति में नरभक्षी मोदी सरकार द्वारा नेपाल को सड़क के रास्ते जाने वाली रसद पर पाबंदी लगाना समूची मानवता के प्रति अपराध है.
कंसर्न नेपाल द्वारा आहूत, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में मेरी शिरकत एक वक्ता के रूप में कम, बल्कि नेपाली आवाम के इस कष्टपूर्ण समय में उनके प्रति एकजुटता दिखाने, उनके दुखों में साथ खड़ा होने की ज्यादा थी. उक्त अवसर पर मैंने टिहरी गढ़वाल के राजा नरेन्द्र सिंह शाह- कनकपाल के समय में हुई ऐतिहासिक दुर्घटना का हवाला दिया जिसमे उन्हें अपने राज्य के बहुमूल्य अंग सहारनपुर,मसूरी, देहरादून,ऋषिकेश,हरिद्वार अंगेजों को गंवाने पड़े थे. राजतन्त्र में राजा की गलतियाँ उसे राज्य या उसका भूभाग खो कर चुकानी पड़ती थी, लोकतंत्र में शासकदल चुनाव हार कर सजा भुगतता है. मैंने नेपाली मित्रों को आश्वासन दिया कि नरभक्षी मोदी शासन में २०करोड़ मुसलमान, ४० करोड़ दलित और सेकुलर ताकतें भी घुटन महसूस कर रही हैं, देश की सीमाओं के बाहर यही घुटन नेपाल में महसूस हो रही है, जिसके नतीजे में पहले वह दिल्ली का चुनाव हारा हाल ही में बिहार में तमाचा पड़ा, शीघ्र ही पंजाब, पश्चिमी बंगाल और केरल में भी यही हश्र होगा. धीरज रखिये इन पशुपुत्रों की सरकार को जनता कड़ा सबक सिखाएगी तभी भारत की जनता के साथ नेपाल के सर से भी गर्दिश के बादल छटेंगे.
उक्त आयोजन में मेरी हिस्सेदारी इंडो कनेडियन वर्कस्र के प्रतिनिधी के रूप में हुई, अन्य वक्ताओं में उत्तर अमेरिकी तर्कशील सोसाइटी के बलविंदर बरनाला, प्रोग्रेसिव पाकिस्तानी कनेडियन की फोज़िया तनवीर, कनेडियन पीस कांग्रेस के डेवमैकी ने भी अपनी बातें मजबूती के साथ रखी और भारतीय शासक वर्ग की कड़ी भर्त्सना की. कार्यक्रम के बाद भीगे भीगे मौसम में मिसीसागा के सेलिब्रेशन स्कायर पर एक प्रदर्शन भी हुआ.
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