Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Monday, September 3, 2012

कार्यस्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न रोकने संबंधी विधेयक को लोस की मंजूरी

कार्यस्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न रोकने संबंधी विधेयक को लोस की मंजूरी

Monday, 03 September 2012 16:05

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (एजेंसी) कार्र्यस्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए लोकसभा ने आज एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी।


सदन में कोल ब्लाक आवंटन मामले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी भाजपा के सदस्यों के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ ने ''महिलाओं का कार्यस्थलों पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण विधेयक 2010 '' को विचार तथा पारित किए जाने के लिए पेश किया।
हंगामे के कारण विधेयक को सदन ने बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक के संबंध में तीरथ द्वारा पेश किए गए कुछ संशोधनों को भी सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी।
विधेयक को लेकर माकपा सदस्य सुष्मिता बाउरी द्वारा पेश संशोधनों को उनकी गैर मौजूदगी के कारण सदन ने अस्वीकार कर दिया।
विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कार्यस्थलों पर महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के साथ ही कहा गया है कि महिलाओं के साथ उचित सम्मान, विनम्रता और गरिमा के साथ पेश आया जाए।
इसमें आगे कहा गया है कि भारत का संविधान धर्म , नस्ल, जाति , लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करने के साथ ही हर नागरिक को समानता का अधिकार देता है। इसके साथ ही सभी नागरिकों को कोई भी पेशा अपनाने का भी मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
इस अधिकार के तहत महिलाओं के लिए कार्यस्थलों पर अनुकूल और हर प्रकार से सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना भी शामिल है।
विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि संगठित और असंगठित क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर महिलाओं के लिए कार्यस्थलों पर अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने की दृष्टि से सरकार एक विधेयक की लंबे समय से जरूरत महसूस कर रही थी और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
विधेयक में आगे कहा गया है कि कार्यस्थलों पर उत्पीड़न के सभी मामलों में जवाबदेही नियोक्ता के साथ ही जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर की होगी और साथ ही इस प्रकार की शिकायतों के निपटारे के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित करना होगा।

No comments: