Press Note by Ekta Parishad - जमीन से बेदखल कर ग्रामीणों को शहरों में भिखारी बना रही है सरकार : राजगोपाल
29 अप्रैल, 2015
प्रेस विज्ञप्ति
प्रति,
संपादक महोदय,
भोपाल।
ऽ जमीन से बेदखल कर ग्रामीणों को शहरों में भिखारी बना रही है सरकार : राजगोपाल
ऽ गरीबों को उपेक्षित कर किए गए विकास से अहिंसक समाज की रचना संभव नहीं : रनसिंह परमार
ऽ प्रदेश सरकार ने भूमि के मुद्दे पर टास्क फोर्स गठित करने जारी किए आदेश
ऽ भूमि संबंधी समस्याओं को लेकर भोपाल में होगा चक्का जाम
भोपाल। वर्तमान विकास नीति से किसान एवं ग्रामीण गांव से बेदखल हो रहे हैं, उनकी जमीनें छिनी जा रही है और वे शहरों में भिखारी बन रहे हैं। हमें इस विकास का विरोध करना है, जिसमें भूमि स्वामी को भूमिहीन बनाया जा रहा है और भूमिहीनों को भूमि नहीं दिया जा रहा है। आज देश के 99 हजार गांव नक्शे से गायब हो गए हैं। हम विकास की ऐसी अवधारणा को चुनौती दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि लोगों को उनकी आजीविका से बेदखल नहीं किया जाए। लोगों को जंगल एवं जमीन पर अधिकार दिया जाए। पूंजीपतियों के पक्ष में बनाए जा रहे कानूनों को खत्म कर किसान एवं वंचित समुदाय को अधिकार दिलाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए और इनके लिए नए कानून बनाए जाएं। ये बातें आज चार दिनों से 20 आंदोलनकारियों के साथ उपवास पर बैठे प्रसिद्ध गांधीवादी एवं एकता प्रसिद्ध के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. ने आम सभा को संबोधित करते हुए कही।
एकता परिषद द्वारा पिछले चार दिन से चल रहे उपवास एवं धरने को आज नीलम पार्क में आयोजित आमसभा के बाद खत्म किया गया। धरने को देश भर से राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला। राज्य स्तरीय उपवास एवं धरने के समर्थन में प्रदेश के 37 जिलों में किसान एवं आदिवासी धरने पर बैठे थे, जो भूमि संबंधी और वन अधिकार संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आज भोपाल आए 2000 लोगों ने शहाजहांनी पार्क से रैली निकाली एवं नीलम पार्क में आयोजित सभा में शामिल हुए। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार ने कहा कि गरीबों के हितों की अनदेखी कर लाए जा रहे किसी भी विकास के ढांचे से समाज में विद्रोह की भावना बनी रहेगी। हमें समाज को अहिंसक बनाए रखने के लिए ऐसी अवधारणाओं का विरोध करना है और जबतक भूमिहीनों को भूमि नहीं मिल जाती, तब तक अहिंसक आंदोलन को चलाते रहना है। भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक सुरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि गांव एवं किसान की उपेक्षा की राजनीति से देश का विकास नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की जरूरत है। देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने लिए साजिश की जा रही है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने कहा कि जमीन की इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ना है। किसान नेता एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम् ने कहा कि देश भर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की जमीनें छिनी जा रही है, जिससे वे आक्रोशित हैं।
धरने पर बैठे श्री राजगोपाल को राज्य शासन ने पत्र भेजकर अवगत कराया कि प्रदेश में भूमि संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया किसंगठन के सभी मांगों पर राज्य सरकार ने निर्णय नहीं लिया है, इसलिए अब गांव-गांव में पोस्टकार्ड लिखो अभियान चलाया जाएगा। 15 अगस्त को सांसदों एवं विधायकों का घेराव, 11 सितंबर को जिला स्तरीय प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन और 2 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में चक्का जाम किया जाएगा।
भवदीय
दीपक अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक, एकता परिषद, मोबाइल - 9425735037
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प्रेस विज्ञप्ति
प्रति,
संपादक महोदय,
भोपाल।
ऽ जमीन से बेदखल कर ग्रामीणों को शहरों में भिखारी बना रही है सरकार : राजगोपाल
ऽ गरीबों को उपेक्षित कर किए गए विकास से अहिंसक समाज की रचना संभव नहीं : रनसिंह परमार
ऽ प्रदेश सरकार ने भूमि के मुद्दे पर टास्क फोर्स गठित करने जारी किए आदेश
ऽ भूमि संबंधी समस्याओं को लेकर भोपाल में होगा चक्का जाम
भोपाल। वर्तमान विकास नीति से किसान एवं ग्रामीण गांव से बेदखल हो रहे हैं, उनकी जमीनें छिनी जा रही है और वे शहरों में भिखारी बन रहे हैं। हमें इस विकास का विरोध करना है, जिसमें भूमि स्वामी को भूमिहीन बनाया जा रहा है और भूमिहीनों को भूमि नहीं दिया जा रहा है। आज देश के 99 हजार गांव नक्शे से गायब हो गए हैं। हम विकास की ऐसी अवधारणा को चुनौती दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि लोगों को उनकी आजीविका से बेदखल नहीं किया जाए। लोगों को जंगल एवं जमीन पर अधिकार दिया जाए। पूंजीपतियों के पक्ष में बनाए जा रहे कानूनों को खत्म कर किसान एवं वंचित समुदाय को अधिकार दिलाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए और इनके लिए नए कानून बनाए जाएं। ये बातें आज चार दिनों से 20 आंदोलनकारियों के साथ उपवास पर बैठे प्रसिद्ध गांधीवादी एवं एकता प्रसिद्ध के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. ने आम सभा को संबोधित करते हुए कही।
एकता परिषद द्वारा पिछले चार दिन से चल रहे उपवास एवं धरने को आज नीलम पार्क में आयोजित आमसभा के बाद खत्म किया गया। धरने को देश भर से राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला। राज्य स्तरीय उपवास एवं धरने के समर्थन में प्रदेश के 37 जिलों में किसान एवं आदिवासी धरने पर बैठे थे, जो भूमि संबंधी और वन अधिकार संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आज भोपाल आए 2000 लोगों ने शहाजहांनी पार्क से रैली निकाली एवं नीलम पार्क में आयोजित सभा में शामिल हुए। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार ने कहा कि गरीबों के हितों की अनदेखी कर लाए जा रहे किसी भी विकास के ढांचे से समाज में विद्रोह की भावना बनी रहेगी। हमें समाज को अहिंसक बनाए रखने के लिए ऐसी अवधारणाओं का विरोध करना है और जबतक भूमिहीनों को भूमि नहीं मिल जाती, तब तक अहिंसक आंदोलन को चलाते रहना है। भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक सुरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि गांव एवं किसान की उपेक्षा की राजनीति से देश का विकास नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की जरूरत है। देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने लिए साजिश की जा रही है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने कहा कि जमीन की इस लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ना है। किसान नेता एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम् ने कहा कि देश भर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की जमीनें छिनी जा रही है, जिससे वे आक्रोशित हैं।
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Ekta Parishad, Ekta Parishad,
Gandhi Bhavan, 2/3A,2nd Floor,
Shyamla Hills,Bhopal, JangpuraAblock,
Madhya Pradesh. New Delhi - 14
Mob:9755988707 Mo:9971964569
0755- 4223821 011-24373998/9
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