उत्तराखंड में ज्यादा नुकसान नहीं: एसजेवीएन
सतलुज जल विद्दुत निगम (एसजेवीएन) के सीएमडी आर पी सिंह का कहना है कि उत्तराखंड में बाढ़ से कंपनी के प्लांट को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। कंपनी के हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर बने प्लांट सुरक्षित हैं।
आर पी सिंह के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल कंपनी ने 27.1 करोड़ ज्यादा बिजली का उत्पादन किया। हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन को 3 चरणों में 10 जून, 16 जून और 25 जून को प्लांट आंशिक रूप से बंद करने पड़े जिसके चलते 110 घंटे बिजली का नुकसान हुआ। इसके चलते 16.5 करोड़ यूनिट बिजली कम पैदा हुई जिससे करीब 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
एसजेवीएन के पास भारत का सबसे बड़ा हाइड्रो पावर प्लांट है जो अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहा है। कंपनी के 3274 करोड़ रुपये रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलनी बाकी है। ये प्रोजेक्ट्स अगले कुछ सालों में शुरु होंगे।
एसजेवीएन की 50 मेगावॉट की विंड पावर यूनिट और थर्मल पावर प्लांट लगाने की योजना है। थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी है।
एसजेवीएन हाइड्रो प्रोजेक्ट कंपनी है। एसजेवीएन के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल, भूटान, अरुणाचल प्रदेश में 10 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। एसजेवीएन की शुरुआत 1998 में हुई थी। इसका मार्केट कैप 8270 करोड़ रुपये है। कंपनी में प्रोमोटरों की हिस्सेदारी 89.97 फीसदी है। इसमें भारत सरकार की 65.46 फीसदी और हिमाचल सरकार की 25.50 फीसदी हिस्सेदारी है।
http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=81930
No comments:
Post a Comment