नयी दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन :ईपीएफओ: के 5 करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए भविष्य निधि योजनाओं का फायदा लेने के लिए आधार संख्या जरूरी नहीं है, क्योंकि ये योजनाएं केंद्र की प्रत्यक्ष नकदी अंतरण :डीबीटी: कार्यक्रम के तहत नहीं आतीं। श्रम मंत्रालय द्वारा ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया है, ''ईपीएफओ तथा ईएसआईसी के तहत आने वाली योजनाएं प्रत्यक्ष नकदी अंतरण के दायरे में आने वाली योजनाआें की सूची में शामिल नहीं हैं।'' इसके चलते ईपीएफओ मुख्यालय ने कार्यालय आदेश जारी कर क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा डीबीटी योजनाआें के तहत किए गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट को जमा कराना बंद कर दिया है। फिलहाल पैसा नेफ्ट तथा चेक के जरिये स्थानांतरित किया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना को डीबीटी योजना से मुख्य रूप से इसलिए अलग किया गया क्योंकि यह सब्सिडी तथा अनुदान का वितरण कर रही है, जबकि पीएफ का पैसा सब्सिडी नहीं है। इससे पहले जनवरी में ईपीएफओ ने अपने फील्ड स्टाफ को 1 मार्च, 2013 के बाद शामिल होने वाले सदस्यों के मामले में मासिक आधार पर आधार नंबर का संग्रहण सुनिश्चित करने को कहा था। मौजूदा सदस्यों के लिए यह अांकड़ा 30 जून, 2013 तक जुटाया जाना था। |
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