Rihai Manch press note- शामली में मुस्लिम युवक व मुजफ्फरनगर में दलित युवक की पिटाई के खिलाफ रिहाई मंच ने लखनऊ में दिया धरना
RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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शामली एसपी व सीओ को तत्काल निलंबित किया जाए- रिहाई मंच
शामली में मुस्लिम युवक व मुजफ्फरनगर में दलित युवक की पिटाई के खिलाफ
रिहाई मंच ने लखनऊ में दिया धरना
नोट- ज्ञापन मेल में संलग्न है।
लखनऊ 28 जून 2015। शामली में विक्षिप्त मुस्लिम युवक रियाज को पुलिस की
मौजूदगी में बजरंगदल के गुंड़ों द्वारा पीटते हुए शहर में घुमाने वालों
की गिरफ्तारी व बजरंगदल को संरक्षण देने वाले शामली पुलिसिया अमले के
निलंबन, मुजफ्फरनगर में दलित युवक गोविंद को पीटकर, हाथ में कील गाड़ने व
मुंह में पेशाब करने वालों की गिरफ्तारी, फैजाबाद में सांप्रदायिक हिंसा
फैलाने की कोशिश करने वाले हिंदू युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष शंभूनाथ
जायसवाल की गिरफ्तारी और लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही बलात्कार व
हत्या की घटनाओं के खिलाफ रिहाई मंच ने जीपीओ लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा
पर धरना दिया। शामली पुलिस और बजरंगदल का सांप्रदायिक गठजोड़ मुर्दाबाद,
बजंरगदल को प्रतिबंधित करो, सांप्रदायिक और जातीवादी हिंसा कराने वाली
सपा सरकार शर्म करो, शामली में विक्षिप्त युवक रियाज को पीटने वाले
बजरंगदल के गुंडो का संरक्षण देना बंद करो, मुजफ्फरनगर के दलित गोविंद के
मुंह में पेशाब करने वाले सामंतों को संरक्षण देना बंद करो, राजधानी लखनऊ
में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी करो, दलित उत्पीड़न बंद करो आदि नारे
प्रदर्शनकारियों ने लगाए।
धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रिहाई मंच ने लगातार सूबे
में जगह-जगह पुलिस के संरक्षण में संघ गिरोह के संगठनों द्वारा
सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की घटनाओं का सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार से
इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लेकिन जिस तरह शामली में मुस्लिम
युवक को पूरे शहर में घुमा-घुमाकर पीटने की घटना सामने आई है वह साफ करती
है कि सपा व भाजपा 2013 की तरह फिर से सूबे को एक बडी सांप्रदायिक हिंसा
में झोंकने की तैयारी में हैं।
वक्ताओं ने शामली के एसपी विजय भूषण और शामली शहर सीओ निशांत शर्मा को
तत्काल निलम्बित करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे साम्प्रदायिक
अधिकारियों का वहां रमजान में तैनात रहना किसी भी समय 2013 जैसी
साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकता है। उन्होंने खुफिया विभाग के
अधिकारियों पर हिंदुत्ववादी संगठनों की समाजविरोधी षडयंत्रों और
कार्रवाईयों पर रिपोर्ट न भेजने और पृष्ठभूमि से उनकी मदद करने का आरोप
लगाते हुए शामली और मुजफ्फरनगर के खुफिया विभाग के अधिकारियों के निलम्बन
की मांग की। सहारनपुर के रामपुर मनिहारा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह मुजफ्फरनगर में दलित युवक गोविंद की पिटाई के
बाद, हाथ में कील ठोके जाने व मुंह मंे पेशाब करने की घटना सामने आई है
वह साफ करती है कि सरकार द्वारा सामंती तत्वों का संरक्षण किया जा रहा
है। वक्ताओं ने पूरे सूबे में अचानक दलितों के खिलाफ बढ़े सामंती हमलों
की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरीके से झांसी के सकरार थाना क्षेत्र के
भिटौरा गांव में दबंगों द्वारा एक दलित के हत्या के गवाह दलितों को पीटने
और पुलिस द्वारा गवाहों पर ही हत्या के प्रयास का फर्जी मुकदमा लाद देने
जैसी आए दिन की घटनाएं साबित करती है कि पुलिस के संरक्षण में अपराधियों
के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने दलित और मुस्लिम समाज के विधायकों की इन
मुद्दों पर चुप्पी को अपने समाजों को धोखा देना बताते हुए मांग की कि इन
सवालों पर विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और सरकार इन घटनाओं पर
श्वेतपत्र लाए। वक्ताओं ने राजधानी लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही
बलात्कार और हत्या की घटनाओं के पीछे पुलिस-माफिया-राजनेताओं का हाथ
बताते हुए इस गठजोड़ की जांच के लिए आयोग गठित करने की मांग की। रिहाई
मंच के नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो पूरे शहर में
नुक्कड़ सभाएं करके सपा और भाजपा के गठजो़ड़ को उजागर किया जाएगा। धरने
से मुख्यमंत्री को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा गया।
धरने को रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शऐब, अजय कुमार, सुभाष चन्द्र
कुशवाहा, अतहर हुसैन, ताहिरा हसन, भगवान स्वरुप कटियार, कौशल किशोर, केके
वत्स, डा0 अली अहमद कासमी, अरुण कुमार पाण्डेय, स्वतंत्रता सेनानी बाबा
सलबला, राम कृष्ण, आशीष अवस्थी, दीपक कबीर, एहसानुल हक मलिक ने संबोधित
किया। धरने में तारिक शफीक, अनिल यादव, शाहनवाज आलम, कमर सीतापुरी, आली
की नेहा, रवि कुमार चैधरी, महबूब, मोहम्मद मसूद, आदियोग, धर्मेन्द्र,
मनोज, हाजी फहीम सिद्दीकी, शिव नारायण कुशवाहा, केके शुक्ला, डा0 मो0
मदनी, फैजुलख् इरशाद अहमद, मानविका, राम बचन, इन्द्र प्रकाश बौद्ध, मनन,
रिमझिम आदि उपस्थित रहे। धरने का संचालन राजीव यादव ने किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
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Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
https://www.facebook.com/rihaimanch
For Resistance Against Repression
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शामली एसपी व सीओ को तत्काल निलंबित किया जाए- रिहाई मंच
शामली में मुस्लिम युवक व मुजफ्फरनगर में दलित युवक की पिटाई के खिलाफ
रिहाई मंच ने लखनऊ में दिया धरना
नोट- ज्ञापन मेल में संलग्न है।
लखनऊ 28 जून 2015। शामली में विक्षिप्त मुस्लिम युवक रियाज को पुलिस की
मौजूदगी में बजरंगदल के गुंड़ों द्वारा पीटते हुए शहर में घुमाने वालों
की गिरफ्तारी व बजरंगदल को संरक्षण देने वाले शामली पुलिसिया अमले के
निलंबन, मुजफ्फरनगर में दलित युवक गोविंद को पीटकर, हाथ में कील गाड़ने व
मुंह में पेशाब करने वालों की गिरफ्तारी, फैजाबाद में सांप्रदायिक हिंसा
फैलाने की कोशिश करने वाले हिंदू युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष शंभूनाथ
जायसवाल की गिरफ्तारी और लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही बलात्कार व
हत्या की घटनाओं के खिलाफ रिहाई मंच ने जीपीओ लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा
पर धरना दिया। शामली पुलिस और बजरंगदल का सांप्रदायिक गठजोड़ मुर्दाबाद,
बजंरगदल को प्रतिबंधित करो, सांप्रदायिक और जातीवादी हिंसा कराने वाली
सपा सरकार शर्म करो, शामली में विक्षिप्त युवक रियाज को पीटने वाले
बजरंगदल के गुंडो का संरक्षण देना बंद करो, मुजफ्फरनगर के दलित गोविंद के
मुंह में पेशाब करने वाले सामंतों को संरक्षण देना बंद करो, राजधानी लखनऊ
में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी करो, दलित उत्पीड़न बंद करो आदि नारे
प्रदर्शनकारियों ने लगाए।
धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रिहाई मंच ने लगातार सूबे
में जगह-जगह पुलिस के संरक्षण में संघ गिरोह के संगठनों द्वारा
सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की घटनाओं का सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार से
इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लेकिन जिस तरह शामली में मुस्लिम
युवक को पूरे शहर में घुमा-घुमाकर पीटने की घटना सामने आई है वह साफ करती
है कि सपा व भाजपा 2013 की तरह फिर से सूबे को एक बडी सांप्रदायिक हिंसा
में झोंकने की तैयारी में हैं।
वक्ताओं ने शामली के एसपी विजय भूषण और शामली शहर सीओ निशांत शर्मा को
तत्काल निलम्बित करने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे साम्प्रदायिक
अधिकारियों का वहां रमजान में तैनात रहना किसी भी समय 2013 जैसी
साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकता है। उन्होंने खुफिया विभाग के
अधिकारियों पर हिंदुत्ववादी संगठनों की समाजविरोधी षडयंत्रों और
कार्रवाईयों पर रिपोर्ट न भेजने और पृष्ठभूमि से उनकी मदद करने का आरोप
लगाते हुए शामली और मुजफ्फरनगर के खुफिया विभाग के अधिकारियों के निलम्बन
की मांग की। सहारनपुर के रामपुर मनिहारा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह मुजफ्फरनगर में दलित युवक गोविंद की पिटाई के
बाद, हाथ में कील ठोके जाने व मुंह मंे पेशाब करने की घटना सामने आई है
वह साफ करती है कि सरकार द्वारा सामंती तत्वों का संरक्षण किया जा रहा
है। वक्ताओं ने पूरे सूबे में अचानक दलितों के खिलाफ बढ़े सामंती हमलों
की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरीके से झांसी के सकरार थाना क्षेत्र के
भिटौरा गांव में दबंगों द्वारा एक दलित के हत्या के गवाह दलितों को पीटने
और पुलिस द्वारा गवाहों पर ही हत्या के प्रयास का फर्जी मुकदमा लाद देने
जैसी आए दिन की घटनाएं साबित करती है कि पुलिस के संरक्षण में अपराधियों
के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने दलित और मुस्लिम समाज के विधायकों की इन
मुद्दों पर चुप्पी को अपने समाजों को धोखा देना बताते हुए मांग की कि इन
सवालों पर विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और सरकार इन घटनाओं पर
श्वेतपत्र लाए। वक्ताओं ने राजधानी लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही
बलात्कार और हत्या की घटनाओं के पीछे पुलिस-माफिया-राजनेताओं का हाथ
बताते हुए इस गठजोड़ की जांच के लिए आयोग गठित करने की मांग की। रिहाई
मंच के नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो पूरे शहर में
नुक्कड़ सभाएं करके सपा और भाजपा के गठजो़ड़ को उजागर किया जाएगा। धरने
से मुख्यमंत्री को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा गया।
धरने को रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शऐब, अजय कुमार, सुभाष चन्द्र
कुशवाहा, अतहर हुसैन, ताहिरा हसन, भगवान स्वरुप कटियार, कौशल किशोर, केके
वत्स, डा0 अली अहमद कासमी, अरुण कुमार पाण्डेय, स्वतंत्रता सेनानी बाबा
सलबला, राम कृष्ण, आशीष अवस्थी, दीपक कबीर, एहसानुल हक मलिक ने संबोधित
किया। धरने में तारिक शफीक, अनिल यादव, शाहनवाज आलम, कमर सीतापुरी, आली
की नेहा, रवि कुमार चैधरी, महबूब, मोहम्मद मसूद, आदियोग, धर्मेन्द्र,
मनोज, हाजी फहीम सिद्दीकी, शिव नारायण कुशवाहा, केके शुक्ला, डा0 मो0
मदनी, फैजुलख् इरशाद अहमद, मानविका, राम बचन, इन्द्र प्रकाश बौद्ध, मनन,
रिमझिम आदि उपस्थित रहे। धरने का संचालन राजीव यादव ने किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
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