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Tuesday, June 30, 2015

जंगलों की सुरक्षा में लगी सफेद गैंग की महिला सदस्य

Dalit Adivasi Dunia's photo.

जंगलों की सुरक्षा में लगी सफेद 

गैंग की महिला सदस्य

जंगल की सुरक्षा के लिए माजरी की महिलाएं आगे आई हैं। महिलाओं के डर से माजरी सहित आसपास क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगी है। इसी प्रकार अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी वन विभाग का सहयोग करने की समझाइश दी जा रही है। -केएल उइके, रेंजर, दक्षिण वन मंडल मुलताई 
जंगल का महत्व समझा तो बदल गई सोच 
जंगल की रक्षा का संकल्प लेने वाली सफेद गैंग की अध्यक्ष वच्छला बाई मरकाम और सचिव कौशी बाई ने बताया कि पहले जंगल का महत्व नहीं मालूम था। गांव में शराब बंदी कराने पर जिले से आए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सम्मान किया। इस दौरान सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने जल, जंगल और जमीन का महत्व बताया। इसके बाद से पेड़ों को काटने की सोच बदली और रक्षा का संकल्प लिया।

आसपास के गांवों में भी बन रही सफेद गैंग 
गैंग की सदस्य मनोती बाई उइके ने बताया कि गांव में सफेद गैंग बनाकर शराब बंदी की है। आसपास के गांवों में भी शराब बंदी और जंगलों की सुरक्षा के साथ गांव को हराभरा बनाने के लिए सफेद गैंग बना रहे हैं। तुमड़ीढाना और चकोरा गांव में सफेद गैंग बन चुकी है। गारगुड़, कुंदा, रोहणा, इटावा, रैयतवाड़ी में भी महिलाओं को समझाइश देकर गैंग बनाने की तैयारी चल रही है। 
बैतूल िजले के प्रभातपट्‌टन ब्लॉक से लगी महाराष्ट्र सीमा के पास आदिवासी बहुल गांव है माजरी। अवैध शराब, शराबियों और अवैध धंधों के कारण बदनाम था। एक साल पहले इस गांव की महिलाओं ने सफेद साड़ी पहनी और अपनी गैंग बनाई। शराब बेचने और पीने वालों की पिटाई शुरू की तो पूरे गांव का माहौल ही बदल गया। एक साल में गांव में पूरी तरह से शराब बंद हो गई तो झगड़े भी खत्म हो गए। गांव के युवा और पुरुषों ने काम-धंधों पर जाना शुरू कर दिया। अब इसी गांव की महिलाओं ने पिछले चार महीने से जंगल की कटाई को रोकने का बीड़ा उठाया है। दिन में बकायदा लाठियां लेकर जंगल का भ्रमण करती हैं तो रात को कुल्हाड़ी की आवाज सुनते ही डंडा लेकर पहुंच जाती हैं। गांव के ही गुलाबराव वािडया कहते हैं कि आदिवासी महिलाओं की इस पहल के बाद जंगलों में अवैध कटाई करने वाले भाग खड़े हुए हैं। यही कारण है कि अब गांव के पुरुष भी महिलाओं का साथ दे रहे हैं। वन विभाग भी मानता है कि महिलाओं की इस पहल के बाद माजरी सहित आसपास के क्षेत्र में अवैध कटाई पर रोक लगी है। गांव की महिलाएं अब आसपास के गांवों में पौधारोपण करवा रही हैं।

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