वसुंधरा राजे सिंधिया का जो बयान लीक हुआ है, वह उन्होंने अगस्त 2011 में दिया था. उन दिनों वो राजस्थान में विपक्ष की नेता थीं. बयान की शुरुआत में वसुंधरा ने लिखा 'मैं यह बयान ललित मोदी की इमिग्रेशन एप्लिकेशन के समर्थन में दे रही हूं. लेकिन बयान इस कड़ी शर्त पर है कि मेरे इस सहयोग का पता भारतीय अधिकारियों को नहीं चलना चाहिए.' बयान में वसुंधरा ने कहा - 'भारतीय राजनीति में मेरे दखल और समझ के कारण मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि ललित जिस तरह के हमले का सामना कर रहे हैं, वह राजनीति से प्रेरित है. भारतीय राजनीति के अंदर मौजूद कुछ तत्व अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बदला लेकर अपना हित साधना चाहते हैं. देश में ललित के खिलाफ अभी जो कुछ चल रहा है, उसके पीछे यही मंशा है.' वसुंधरा ने आगे लिखा कि - '2008 के चुनावी अभियान के दौरान ललित मेरे मुख्य समर्थकों में से एक रहे हैं. ललित की कामयाबी के कारण कांग्रेस के पुराने नेता और क्रिकेट में दखल रखने वाले पुराने लोगों को जलन हुई. अब तक वे ललित को भाजपा समर्थक और कांग्रेस विरोधी घोषित कर चुके हैं.'
वसुंधरा राजे सिंधिया पर आरोप है कि ललित मोदी के लिए गुप्त गवाह वसुंधरा ने ब्रिटेन की निचली इमीग्रेशन अदालत को दिए अपने बयान में ललित मोदी को इमिग्रेशन दिए जाने का समर्थन किया. निचली कोर्ट ने इसी आधार पर ललित मोदी को ब्रिटेन में ही रहने की इजाजत दी थी कि भारत में उनकी जान को खतरा है.
खबरों के मुताबिक ब्रिटेन के अपर ट्रिब्यूनल ने भी अपने फैसले में ललित मोदी के पक्ष में दी गई गवाहियों को ही आधार बनाया. ट्रिब्यूनल ने कहा- 'ललित मोदी की जान को खतरा है. राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण भारत सरकार ने उनकी सुरक्षा का स्तर घटा दिया है. यह बात विश्वसनीय गवाहों से साबित होती है.' बताया जाता है कि वसुंधरा राजे भी उन विश्वसनीय गवाहों में से एक थीं और इन गवाहों के बयान के चलते ही ब्रिटेन की अदालत ने भी ललित मोदी को वहां रुकने की इजाजत दी.
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