एनएचआरसी ने उत्तराखंड में राहत कार्य की रिपोर्ट मांगी
उत्तराखंड में भीषण बाढ़ से चिंतित एनएचआरसी ने बचाव,पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी है.
एनएचआरसी ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए घटनास्थल पर अपनी टीम भेजने का निर्णय किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण मानव जीवन और संपत्ति को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई है.
आयोग ने साथ ही उम्मीद जताई है कि केंद्र और राज्य सरकारें बाढ पीड़ित लोगों को बचाने और उनके पुनर्वास के लिए पर्याप्त कदम उठाएंगी. आयोग ने सुरक्षा बलों और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की जो कि हज़ारों पीड़ित लोगों की मदद के लिए कठिन परिस्थितियों में भी सराहनीय कार्य कर रही हैं.
एनएचआरसी ने कहा कि इस मुश्किल हालात से निपटने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है.
आयोग ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव से केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों और राज्य को मदद देने के प्रस्तावों के बारे में रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्य सचिव से बाढ़पीड़ितों के बचाव के लिए उठाए गए कदमों की अलग से रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. उनसे कहा गया है कि वह बाढ के कारण बेघर हुए लोगों को शरण, भोजन, चिकित्सकीय देखभाल और अन्य आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उठाए गए कदमों संबंधी रिपोर्ट सौंपे.
आयोग ने अपने महासचिव से एक दल गठित करने को कहा है जो घटनास्थल पर जाकर राहत कार्य की समीक्षा कर सके ताकि वास्तविक स्थिति पर आधारित एक स्वतंत्र रिपोर्ट तैयार की जा सके. यह दल एक सप्ताह में उत्तराखंड का दौरा करेगा.
एक बयान में कहा गया है,'यह दल राज्य सरकार के अधिकारियों से स्थिति का पता लगाने के लिए पहले देहरादून जाएगा. इसके बाद टीम राहत केंद्रों और राज्य के तीन सर्वाधिक प्रभावित जि़लों का दौरा करेगी तथा बाढ और भूस्खलन से पैदा हुई समस्याओं का अध्ययन करेगी. वह इलाके में सक्रिय गैर सरकारी संगठनों की भी मदद लेगी और चार सप्ताह के भीतर आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.'
No comments:
Post a Comment