Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Sunday, March 17, 2013

21-वी सदी में देश का 52% हिस्सा ओबीसी समुदाय जागृत और संगठित हो रहा है. दि. 3-3-'13 को नागपुर में यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, आँध्रप्रदेश के ओबीसी राज्य संगठनो तथा रल्वे, LIC, AIR INDIA, बैंक्स जैसे राष्ट्रिय ओबीसी कर्मचारी संगठनो के 10 राज्यों से आये ओबीसी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सर्वानुमति से "ओबीसी युनाईटेड फ्रंट ऑफ़ इंडिया" नाम से देश की ओबीसी जातियों का राष्ट्रिय संगठन अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए स्थापित हो गया है.

21-वी सदी में देश का 52% हिस्सा ओबीसी समुदाय जागृत और संगठित हो रहा है. दि. 3-3-'13 को नागपुर में यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, आँध्रप्रदेश के ओबीसी राज्य संगठनो तथा रल्वे, LIC, AIR INDIA, बैंक्स जैसे राष्ट्रिय ओबीसी कर्मचारी संगठनो के 10 राज्यों से आये ओबीसी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सर्वानुमति से "ओबीसी युनाईटेड फ्रंट ऑफ़ इंडिया" नाम से देश की ओबीसी जातियों का राष्ट्रिय संगठन अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए स्थापित हो गया है.
about an hour ago · 
  • यह दुखद है कि बहुजन समाज के दूसरे तबके, जिन्हे हम ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग कहते हैं, स्वतंत्रता प्राप्ति के सालों बाद भी न तो संगठित हैं और न ही कोई अधिकार पा सके हैं. एससी-एसटी की स्थिति में तो कानूनों के जरिए सुधार आया है परंतु इन लोगों के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ.  हमारे लिए जो मुद्दा महत्वपूर्ण है वह यह है कि आरक्षण हमारे लिए रोटी का प्रश्न नहीं है, वह हमारे लिए नौकरी का प्रश्न नहीं है. आरक्षण हमारे लिए सरकार और प्रशासन में भागीदारी का प्रश्न है. इस देश में लोकतंत्र है, अगर देश के 52 प्रतिशत ओबीसी लोग गणतंत्र का हिस्सा नहीं हैं तो वे किस तंत्र का हिस्सा हैं?  -मान्यवर कांशीराम    मान्यवर कांशीराम को उनके जन्मदिवस पर शत्-शत् नमन !
    यह दुखद है कि बहुजन समाज के दूसरे तबके, जिन्हे हम ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग कहते हैं, स्वतंत्रता प्राप्ति के सालों बाद भी न तो संगठित हैं और न ही कोई अधिकार पा सके हैं. एससी-एसटी की स्थिति में तो कानूनों के जरिए सुधार आया है परंतु इन लोगों के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ.
    हमारे लिए जो मुद्दा महत्वपूर्ण है वह यह है कि आरक्षण हमारे लिए रोटी का प्रश्न नहीं है, वह हमारे लिए नौकरी का प्रश्न नहीं है. आरक्षण हमारे लिए सरकार और प्रशासन में भागीदारी का प्रश्न है. इस देश में लोकतंत्र है, अगर देश के 52 प्रतिशत ओबीसी लोग गणतंत्र का हिस्सा नहीं हैं तो वे किस तंत्र का हिस्सा हैं?
    -मान्यवर कांशीराम

    मान्यवर कांशीराम को उनके जन्मदिवस पर शत्-शत् नमन !
    1Like ·  ·  ·  · Promote
    • Jayantibhai Manani -
      21-वी सदी में देश का 52% हिस्सा ओबीसी समुदाय जागृत और संगठित हो रहा है. दि. 3-3-'13 को नागपुर में यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, आँध्रप्रदेश के ओबीसी राज्य संगठनो तथा रल्वे, LIC, AIR INDIA, बैंक्स जैसे राष्ट्रिय ओबीसी कर्मचारी संगठनो के 10 राज्यों से आये ओबीसी प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सर्वानुमति से "ओबीसी युनाईटेड फ्रंट ऑफ़ इंडिया" नाम से देश की ओबीसी जातियों का राष्ट्रिय संगठन अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए स्थापित हो गया है.
    • Palash Biswas very very welcome. We must coordinate and consolidtae our forces to liberate ourselves.

No comments: