जो लोग इस खुशफहमी में हैं कि अवार्ड वापसी सिर्फ बिहार चुनाव के लिए ही थी उनके लिए खबर है कि आज से पूर्व सैनिक अपने अवार्ड्स और मेडल्स वापस करने जा रहे हैं. ये अवार्डस और मेडल्स भी किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश ने दिए थे. साहित्यकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के अवार्ड वापस करने से ज़्यादा सैनिकों की अवार्ड वापसी से दुनिया में हमारी बदनामी होने वाली है. संभावना है कि कल अनुपम खेर इस अवार्ड वापसी के खिलाफ भी अपने "उन्हीं" साथियों के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेंगे. संभावित प्रश्न जो भाजपा के खैर ख़्वाह इन सैनिकों से पूछ सकते हैं-
- आपने तब अपने मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तानियों ने कारगिल में घुसकर कब्ज़ा कर लिया था?
- आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तान की फौजों ने भारतीय सैनिकों के सर कलम कर दिए थे?
- आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब आतंकवादी समुद्री सीमा से मुंबई में घुस आये थे?
- आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब संसद पर आतंकवादियों का हमला हुआ था?
- आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब मोदी ने कश्मीर में सेना पर ज़्यादती का आरोप लगाने वाले मुफ़्ती मुहम्मद सईद से हाथ मिलाया और साझा सरकार बनाई थी?
इसके अलावा भी ये बहुत सारे नए नए सवाल गढ़ने में माहिर हैं. इंतज़ार कीजिये.…
-व्हाट्सऐप सेवा॥ 😂😂😂😂😂
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