Monday, 30 January 2012 09:41 |
जनसत्ता संवाददाता डोईवाला (देहरादून), 30 जनवरी। गढ़वाल की सबसे ज्यादा हाट सीट है डोईवाला विधानसभा क्षेत्र। इस सीट पर सबकी नजर है। इस सीट पर भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमेश पोखरियाल निशंक चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार एनडी तिवारी सरकार में विवादास्पद परिवहन मंत्री हीरा सिंह बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं। जो मजदूर नेता रहे हैं और इंटक से जुड़े हैं। हर्रावाला के सुरेश नौटियाल कहते हैं कि निशंक व्यवहार कुशल हैं। उन्होंने हर्रावाला के विकास के लिए हर्रावाला में आयुर्वेद विश्वविद्यालय का कैंपस खुलवाने के लिए फैसला लिया। हीरा सिंह बिष्ट रामपुर से लड़ना चाहते थे। उन्हें कांग्रेस ने डोईवाला से टिकट देकर फंसा दिया। डोईवाला सीट पर गढ़वाली ब्राह्मण 40 फीसद, राजपूत 15 फीसद, लोध जाति के 15 फीसद, मुसलमान पांच फीसद, पंजाबी सिख 10 फीसद हैं। ब्राह्मण, लोधा राजपूत व भाजपा कैडर व युवा वोट बड़ी तादाद में निशंक को मिल रहा है। निशंक ब्राह्मण हैं। हीरा सिंह बिष्ट राजपूत हैं। कांग्रेस में बड़ी भारी बगावत है। हीरासिंह बिष्ट के लिए यह सीट एकदम नई है। जिससे वे परेशान हैं। निशंक ने यहां छह महीने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। जबकि हीरा सिंह बिष्ट को 12 जनवरी को कांग्रेस ने डोईवाला से टिकट दिया। जबकि वे तो डोईवाला से निशंक के सामने लड़ने को तैयार नहीं थे। रामपुर से चुनाव लड़ने की एक डेढ़ साल से तैयारी कर रहे थे। जिसका नुकसान हीरासिंह बिष्ट को उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस का एक बड़ा खेमा निशंक के साथ जुड़ गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की भानिया वाला में बड़ी जनसभा करवा कर अपने पक्ष में निशंक ने माहौल बनाया है। डोईवाला सीट पर करीब एक लाख मतदाता हैं। जो निशंक व हीरा सिंह बिष्ट, कांग्रेस बागी एसपी सिंह के भाग्य का फैसला करेंगे।
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Monday, January 30, 2012
निशंक के गढ़ में फंस गए हैं हीरा सिंह बिष्ट
निशंक के गढ़ में फंस गए हैं हीरा सिंह बिष्ट
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