uesday, 31 January 2012 15:48 |
कांकेर 31 जनवरी (एजेंसी) नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में जंगलों की खाक छान रहे नक्सलियों को प्रेम की भी सजा दी जाती है । नक्सली यहां प्रेम तो कर सकते हैं लेकिन अपना घर नहीं बसा सकते हैं । कांकेर जिले में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कमांडरों के मुताबिक शादी से पहले ही उनकी जबरदस्ती नसबंदी कर दी जाती है । यही स्थिति रामदास और जयलाल की भी है । उन्हें भी प्रेम करने की इजाजत तो दी गई लेकिन जब शादी की बारी आई तब उनकी नसबंदी कर दी गई । सुनील ने बताया कि यह बर्ताव उन सभी नक्सलियों के साथ होता है जिन्हें जंगल में किसी महिला नक्सली से प्रेम हो जाता है और वह उससे शादी करना चाहता है । नक्सलियों की यहां शादी केवल नसबंदी कराने की शर्त पर ही हो पाती है । यदि कोई सदस्य इससे मना करता है तब पहले उसे खूब प्रताड़ित किया जाता है और जबरदस्ती उसकी नसबंदी कर दी जाती है । उसने बताया कि जंगल में नसबंदी करने के लिए पश्चिम बंगाल से डाक्टरों को यहां बुलाया जाता है । इस आपरेशन के बाद कई नक्सली गंभीर रूप से बीमार भी हो जाते हैं । यहां कई नक्सली ऐसे हैं जिनकी जबरदस्ती नसबंदी कर दी गई है और वे सामने आने से डरते हैं । सुनील ने बताया कि नक्सली नेताओं का मानना है कि एक बार शादी हो गयी और बाल बच्चे हुए तब नक्सली सदस्य उस बच्चे के अच्छे लालन पालन के लिए घर लौट सकते हैं और उनका आंदोलन खतरे में पड़ जाएगा । इससे बचने के लिए वह पहले पुरूषों की नसबंदी कर देते हैं । पुरूषों की ही नसबंदी करने के कारणों के बारे में पूछने पर सुनील ने बताया कि महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों की नसबंदी आसान होती है । इन कट्टर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कांकेर के पुलिस अधीक्षक राहुल भगत कहते हैं कि पुलिस को इस बात की जानकारी लगातार मिल रही थी कि जंगल में पुरूष नक्सलियों की जबरदस्ती नसबंदी कर दी जाती है । पुलिस अधिकारी कहते हैं कि यदि नक्सली सदस्य साधारण जिंदगी जीने और बच्चे के लिए नसबंदी हटाना चाहते हैं तब पुलिस उनकी पूरी मदद करेगी और अपने खर्च पर उनका आपरेशन करवाएगी । |
Tuesday, January 31, 2012
नक्सलियों को प्रेम की सजा, पहले नसबंदी तब शादी
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