एक पुरानी कथा
दशकों पहले मैं और संतूर किंग पण्डित शिव कुमार शर्मा । तब मेरी दाढ़ी काली थी और उनके बाल । उस्ताद की कनपटियों से पवें फटती थीं । चिट गोरा रंग । मैंने उनकी उम्र पूछी तो 55 बताई । मैंने कहा - कमसे कम अपने पहाड़ी भाई से तो झूट मत बोलो । शिव जी सच में 30 से जयअदा नहीं लग रहे थे । बोले - यार 40 साल तो मुझे स्टेज परफॉर्म करते हो गए । तुम कहते हो तो बाल सफेद करवा दूंगा । इस घटना के 20 वर्ष बाद उस्ताद मुझे पुणे में मिले । उनकी सम्पूर्ण केश राशि धवल थी । वह मेरे पिता के संग मंच पर बैठ उनके सफेद बालों से होड़ ले रहे थे । उत्तर कर मेरे पास आये और बोले - हाँ भाई राजू मैंने वादा निभाया कि नहीं
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