देश के केवल 17 अमीरों पर बाकी है 2.14 लाख करोड़ रुपये
Reporter : ArunKumar, RTI NEWS
नई दिल्लीः देश में सिर्फ 17 लोगों पर 2.14 लाख करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति पर 1 हजार करोड़ से अधिक की राशि देय है। ये तब है जब आयकर विभाग टैक्स वसूली के लिए कड़े कदम उठा रहा है।
ये जानकारी सदन में पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आयी। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी। सिन्हा ने कहा कि बकाया टैक्स राशि का बड़ा हिस्सा विभिन्न कारणों से संग्रहणीय नहीं है।
संसद को यह सूचना दी गई। इसके अनुसार इसी (1,000 करोड़ रुपये से अधिक कर बकाया वाली) श्रेणी की 35 कंपनियों पर 90,568 करोड़ रुपये का कुल कर बकाया है। इस लिहाज से इसी श्रेणी के 17 व्यक्तियों पर बकाया कर की राशि दोगुने से भी अधिक है।
इसके अनुसार एक अप्रैल 2015 तक कुल मिलाकर 8,27,680 करोड़ रुपये का कर बकाया था। इन व्यक्तियों और कंपनियों का इसमें हिस्सा एक-तिहाई से भी अधिक है।
वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में लिखित सवालों के जवाब में यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार मार्च 2015 तक तीन साल में 10 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स बकाया वाले करदाताओं की संख्या लगभग 69 प्रतिशत बढ़कर 4,692 हो गई। उन्होंने कहा कि इस बकाया कर की वसूली की कार्रवाई आयकर कानून के प्रावधानों के तहत लगातार की जाती है।
69 फीसदी बढ़े 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकायेदार
1 अप्रैल 2015 तक इन लोगों और कंपनियों पर कुल बकाया देश के कुल बकाया कर की तुलना में एक तिहाई है। इसी समय मार्च 2015 में समाप्त तीन साल के दौरान 10 करोड़ रुपए से ज्यादा कर की देनदारी वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 69 फीसदी बढ़कर 4,692 तक पहुंच गई। 10 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाए वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 2012-13 और 2013-14 में क्रमशः 2,777 और 2,367 थी। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में लिखित सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
सिन्हा ने कहा कि बकाये की वसूली के लिए इंकम टैक्स एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा, 'हालांकि अभी तक इन डिमांड्स का अधिकांश हिस्से की अभी तक वसूली नहीं की जा सकी है।' वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान कुल 36,593 करोड़ रुपए की वसूली एरियर डिमांड के मद में की गई है।
सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) बकाया कर की वसूली के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। एजेंसी ने ऐसे मामलों में वसूली के लिए व्यापक दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
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