प्रो. एम एम कालबुर्गी की शहादत पर ........
गोलियों से तेज चलते हैं विचार-----
मैं घिरा हुआ हूं असंख्य आतताइयों से जो भून देना चाहते हैं मुझे पहले ही वार में , बारूद के असीमित जखीरे के मुकाबिल विचारों से लैस हूं मैं,यथासंभव । जंग जारी है विचार और औजार की हर मोर्चे पर सदियों से अनवरत,असमाप्य । मैं जानता हूं , कि ऊर्जा हुए जाते हैं विचार ,और कहीं ज्यादा भयभीत हुए जाते हैं वो, जो छलनी कर देना चाहते हैं मुझे । पर मैं आश्वस्त हूं कि ऊर्जा अविनाशी है, और गोलियों से तेज चलते हैं विचार ।
जीवेश प्रभाकर | |
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