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नैनीताल का नन्दादेवी मेला एक और मायने में विलक्षण है। यहाँ आरती के अवसर पर भी कोई न कोई मुख्य अतिथि होता है, जो प्रायः कोई नौकरशाह, जज या नेता होता है। इस रायसाहबी दृष्टिकोण के चलते याद नहीं आ रहा है कि कभी ब्रजेन्द्र लाल शाह, बी एम साह, शेरदा 'अनपढ़' या गिरदा जैसे किसी संस्कृति पुरुष को सम्मानित किया गया हो। ताज्जुब नहीं कि सालों साल अपव्यय और आडम्बर में डूब रहा यह पुरातन मेला इस साल रामसेवक सभा और नगरपालिका के बीच दुकानों की कमाई की खींचतान के चलते जगहँसाई का कारण बन रहा है .....
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