Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Saturday, July 25, 2015

IPL स्पॉट फिक्सिंग: क्रिकेटरों सहित दाऊद और छोटा शकील भी बरी, फैसला सुनकर रो पड़े खिलाड़ी

IPL स्पॉट फिक्सिंग: क्रिकेटरों सहित दाऊद और छोटा शकील भी बरी, फैसला सुनकर रो पड़े खिलाड़ी



नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2013 से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने तीनों क्रिकेटरों और अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए सभी आरोप हटा दिए। पूरे मामले में सबूतों के अभाव में कोर्ट ने सभी 36 आरोपियों को बरी कर दिया।

राजस्थान रॉयल्स टीम से जुड़े तीन खिलाडि़यों को दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। बीसीसीआई द्वारा आजीवन प्रतिबंध की सजा झेल रहे चव्हाण और श्रीसंत जमानत पर रिहा हो गए थे लेकिन चंदीला को जमानत नहीं मिली थी।


अदालत का यह फैसला दिल्ली पुलिस के लिए एक झटका है, जिसने पूरे मामले की जांच की थी। पुलिस ने अदालत के सामने 6000 पन्ने का चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें 42 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

आरोपियों में अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम कासकर और उसका सहयोगी छोटा शकील भी शामिल थे। खिलाडि़यों को तो अदालत ने जमानत दे दी थी लेकिन दाऊद और शकील के खिलाफ अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी किया था।

आईपीएल के छठे संस्करण के दौरान सामने आई इस हिला देने वाली घटना के तहत दिल्ली पुलिस ने 16 मई 2013 को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके श्रीसंत सहित कई सटोरियों को गिरफ्तार किया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुनाते हुए कहा, ''सबको (मामले से) बरी किया जाता है।'' 36 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में फैसले के लिए मामले को आज रखा गया था। फैसला सुनने के बाद 32 वर्षीय श्रीसंत की आंखें छलक आईं। अदालत कक्ष में मौजूद खिलाड़ियों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।

iplsr500.jpg

फैसले के बाद क्या कहा श्रीसंत ने 
फ़ैसला आने के बाद श्रीसंत कोर्ट में रो पड़े। श्रीसंत ने कहा कि वो फ़ैसले से ख़ुश हैं और उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। श्रीसंत ने भरोसा जताया कि कोर्ट से राहत मिलने के बाद उन्हें बीसीसीआई से भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, ''ईश्वर ने चाहा तो मैं क्रिकेट में वापसी करूंगा। मुझे कोई शिकायत, कोई मलाल नहीं है।''

फैसले पर अजित चंडीला का बयान
वहीं केस में क़रीब 3 महीने से ज़्यादा समय जेस में बितावने वाले अजित चंडीला ने फ़ैसले पर कहा कि ये उनकी ज़िंदगी का सबसे ख़राब पल था जो अब गुजर गया है।

दिल्ली पुलिस की मांग और बयान
आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने पटियाला कोर्ट में कहा कि हमारी जांच जारी है और हमें जांच करने के लिए और वक्त चाहिए। जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को केस से मुक्त कर दिया।  फैसले के बाद दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि उन्हें निचली अदालत के इस फैसले से धक्का लगा है। पुलिस का कहना है कि सबूतों और रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस मुद्गल समिति और लोढ़ा समिति ने अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट के विस्तृत फैसले का दिल्ली पुलिस अभी अध्ययन करेगी और फिर अगली कार्रवाई तय करेगी।

मई 2013 में इन खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था, लेकिन जुलाई 2013 में सबूत के अभाव के चलते इन्हें ज़मानत मिल गई। बीसीसीआई ने इनपर अपनी जांच करके आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है।

राजस्थान की टीम को मिला एक और मौका
पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले ने कई नए सवालों को खड़ा कर दिया है। स्पॉट फिक्सिंग मामले में तीनों खिलाड़ियों के आरोपमुक्त होने से आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स को फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने का आधार मिल गया है। इसका कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट की मुद्गल समिति का हालिया फैसला भी इसी दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर आधारित था। इस समिति की रिपोर्ट को आधार बनाकर लोढ़ा समिति ने कार्रवाई के आदेश दिए थे।

लोढ़ा समिति ने आरआर पर दो साल का बैन लगाया है। इस दौरान समिति ने कहा कि आरआर के तीन खिलाड़ियों को फिक्सिंग के लिए गिरफ्तार भी किया गया था। अब जब कोर्ट ने बरी कर दिया है कि तो राजस्थान की टीम अब मुद्गल समिति की रिपोर्ट पर सवाल उठा सकती है।

पुलिस ने अदालत को बताया था कि दाऊद की मुंबई के डोंगरी में और शकील की वहां नागपाड़ा में संपत्तियां हैं। अदालत ने पहले दाऊद, शकील, पाकिस्तान स्थित जावेद चुटानी, सलमान उर्फ मास्टर और एहतेश्याम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। चुटानी, सलमान और एहतेश्याम दाउद के करीबी समझे जाते हैं।


(ऊपर तस्वीर में श्रीसंत के माता-पिता फैसले पर खुशी जताते हुए)

पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 6000 पेजों का एक आरोपपत्र दायर किया था। उसने बाद में पूरक आरोपपत्र भी दायर किया था। अदालत ने पहले श्रीसंत, चव्हाण और कई अन्य आरोपियों के विरुद्ध मकोका के प्रावधानों के तहत सबूत नहीं होने पर उन्हें जमानत दे दी थी। चंदीला समेत अन्य आरोपियों को भी बाद में अदालत से जमानत मिल गई थी।

पुलिस ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि दाऊद और शकील भारत में क्रिक्रेट में फिक्सिंग और सट्टेबाजी को नियंत्रित करते रहे और वे ही आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के पीछे थे।


क्या था मामला -

आईपीएल-6 में राजस्थान रॉयल्स के श्रीसंथ और बाकी खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे. दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा था कि 9 मई, 2013 को हुए पंजाब और राजस्थान के बीच मैच में राजस्थान के खिलाड़ी श्रीसंथ पर पूर्व नियोजित तरीके से एक ओवर में 14 रन दिए थे.

 

उन्होंने खुलासा किया था कि कैसे सट्टेबाजों ने पकड़े गए खिलाड़ियों को विशेष 'कोड' दिए जिनका उन्होंने मैचों के दौरान चुने हुए ओवरों में इस्तेमाल किया था. कुमार ने कहा, 'कुछ ओवरों में उन्हें (खिलाड़ियों) कुछ निश्चित रन ही देने थे. सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को निर्देश दिए कि उन्हें संकेत देना होगा कि वे इतने रन देंगे.'

 

सट्टेबाजों के निर्देशों पर अपनी सहमति दिखाने के लिए खिलाड़ियों ने कुछ कोड भी इस्तेमाल किए थे.

 

'निर्देश थे कि 'अपनी पैंट में तौलिया डालो या फील्ड सजाने में समय लो या पहनी हुई शर्ट या बनियान बाहर निकालो'. कुमार ने राजस्थान रॉयल्स के तीन मुकाबलों 5, 9 और 15 मई को क्रमश: पुणे वारियर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मैचों के सबूत दिए, जिसमें स्पॉट फिक्सिंग की गई थी.

चंदीला का 14 रन -

 

फिक्सिंग में पहला मामला जिस पर शक हुआ, वह 5 मई को राजस्थान रॉयल्स बनाम पुणे वारियर्स मैच के दौरान का था. इस मैच में जैसे कि सहमति बनी थी, चंदीला ने अपने स्पैल के दूसरे ओवर में 14 रन दिए लेकिन वह पूर्व निर्धारित संकेत देना भूल गया, जिसके कारण सट्टेबाज इस मैच में सट्टा नहीं लगा सके.'

जिसके कारण बहस हो गई और पैसा वापस करने की मांग की गई.

श्रीसंथ का 'तौलिया'

पुलिस ने जिस अगले मैच की बात की, वह 9 मई को मोहाली में हुआ था. इस मैच में श्रीसंथ को दूसरा ओवर फेंकने से पहले अपनी पैंट में तौलिया रखना था और सट्टेबाजों को भारी सट्टा लगाने के लिए काफी समय देना था.'

http://www.rtinews.net/judiciary/lower-courts/ipl-spot-fixing-court-dismiss-allegation/8826.html?utm_campaign=shareaholic&utm_medium=linkedin&utm_source=socialnetwork


No comments: