मौलाना खालिद को इंसाफ दिलाने कि लिए रिहाई मंच के धरने के 50वें दिन शामिल होने की अपील
एक दर्दमंदाना अपील
मौलाना खालिद को इंसाफ दिलाने कि लिए रिहाई मंच के धरने के पचासवें दिन बड़ी तादाद में शामिल हों
बतारीख़- 10 जुलाई 2013, बुद्ध
बमक़ाम- विधानसभा धरना स्थल, लखनऊ
हजरात,
जैसा कि आपकी जानकारी में है, बेगुनाह मौलाना खालिद मुजाहिद को एक बड़ी साजिश के तहत शहीद कर दिया गया। मौलाना के सर से दहशतगर्दी का कलंक मिटाने, गुनहगार पुलिस अफसरों को गिरफ्तार कर क़ानून के दायरे में लाने और बेगुनाह फंसाए गए नौजवानों की रिहाई को लेकर भारतीय एकता पार्टी रिहाई मंच के धरने की लगातार हिमायत कर रही है। यूपी सरकार ने अब तक हमारे मुतालबों पर मुजरिमाना खामोशी अख्तियार कर रखी है। 18 मई को खालिद मुजाहिद के कत्ल के बाद 22 मई से मुसलसल धरना जारी है। मुस्तकिल दबाव के सामने झुकते हुए सरकार ने चार जून को कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर खालिद और तारिक को बुगुनाह साबित करने वाली निमेष कमीशन की रिपोर्ट को मंजूर करने का एलान तो कर दिया, लेकिन बदनीयती से कार्रवाई रिपोर्ट जारी नहीं की, और अवाम को गुमराह करने लिए कहा कि कार्रवाई रिपोर्ट के साथ कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
हजरात, यह सरकार की एक शातिराना चाल थी, जिसके जरिए वो हमारी तहरीक को खत्म करना चाहती थी। माजी में ऐसे कई कमीशनों की रिपोर्टों को हमने रद्दी की टोकरी में जाते हुए देखा है। इसलिए कार्रवाई रिपोर्ट के आने, गुनहगार पुलिस अफसरान कोगिरफ्तार किए जाने और कमीशन के जरिए बेगुनाह करार दिए गए तारिक कासमी को रिहा किए जाने तक हमने धरने को जारी रखने का फैसला किया। आमतौर पर जून महीने के दूसरे या तीसरे हफ्ते में विधानसभा का इजलास बुलाया जाता है, लेकिन पूरे मामले को ठंडा कर खत्म कर देने के लिए सरकार विधानसभा के इजलास को टालती जा रही है। शायद उसे गुमान था कि बरसात की मुश्किलात का सामना हम नहीं कर पाएंगे और यह तहरीक खत्म हो जाएगी, मगर हम आज भी डटे हुए हैं। मुसलमानों की मुखलिस होने और उनकी हमदर्दी का दम भरने वाली सपा सरकार विधान सभा का इजलास टालकर रमजान के पाक माह में जब हर मुसलमान ज्यादा से ज्यादा इबादत में वक्त गुजारना चाहता है हमें विधानसभा के सामने बैठे रहने को मजबूर कर रही है। शायद उन्हें यह मालूम नहीं कि मजलूम को इंसाफ दिलाना बहुत बड़ी इबादत है और इंसाफ की इस जंग में साबित कदम रहने का हमारा इम्तेहान भी है।
इंशाअल्लाह विधानसभा के सामने यह तहरीक जारी रखते हुए हम यह इबादत भी करेंगे और इस इम्तेहान में कामयाबी भी हासिल करेंगे। इंसाफ की इस जंग में हमें आपकी हिमायत की शदीद जरूरत है। जिस तरह से हमारे बुजर्गों ने हक को कायम करने के लिए रमजान के पाक महीने में जंगे भी लड़ी हैं। उसी तरह हम भी इस जंग को लड़ेगे और आपसे अपील करेंगे कि इस जंग में शामिल होकर अपने बुजर्गों की इस सुन्नत को फिर से जिंदा करें और अपना खोया हुआ वकार फिर से हासिल करने की इस लड़ाई में अपनी हिस्सेदारी यकीनी बनाएं।
निवेदक- सैय्यद मोईद अहमद (राष्ट्रीय अध्यक्ष), वकारुल हसनैन (राष्ट्रीय महासचिव)
भारतीय एकता पार्टी (एम)
संपर्क- 9532170613, 9696749225
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