मीडिया में एफडीआई बढ़ाने पर एक कदम और आगे बढ़ी सरकार
मीडिया में एफडीआई की सीमा बढ़ाने पर सरकार एक कदम और आगे बढ़ गई है। अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई और प्रेस काउंसिल से औपचारिक तौर पर एफडीआई की सीमा बढ़ाने पर उनके विचार मांगे हैं। इस संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक बार फिर ट्राई से प्रसारण क्षेत्र में विदेशी निवेश सीमा के संदर्भ में गठित निकाय के बारे में अपनी टिप्पणी भेजने का आग्रह किया है, जबकि प्रेस काउंसिल से इस बारे में पहली बार सुझाव मांगे गये हैं।
ट्राई को लिखे पत्र में मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र में मौजूदा एफडीआई सीमा की समीक्षा के संदर्भ में वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार पत्र के बारे में ट्राई से टिप्पणी मंगाई है। ट्राई को भेजे पत्र में उसकी सिफारिशें ट्राई कानून 1997 की धारा 11(1) (ए) (2) और (4) तहत मंगाई है, जिसमें सेवाप्रदाताओं को लाइसेंस की शर्तें और दूरसंचार सेवाओं की क्षमता बढ़ाने एवं प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं।
एक ऐसे ही अलग पत्र के जरिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय प्रेस परिषद से भी पीसीआई कानून 1978 की धारा 13 के तहत प्रिंट मीडिया में एफडीआई की मौजूदा सीमा पर विचार मंगाए हैं। ये सुझाव प्रिंट मीडिया में एफडीआई की मौजूदा सीमा पर नीति की समीक्षा के उद्देश्य से वित्त मंत्रालय की ओर से प्राप्त पत्र के संदर्भ में मंगाए गए हैं।
वित्त मंत्रालय ने समाचार क्षेत्र में एफआईपीबी के जरिए मौजूदा 26 प्रतिशत की एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। गैर-समाचार क्षेत्र में एफआईपीबी के जरिए मौजूदा 100 प्रतिशत एफडीआई सीमा को अब एफआईपीबी की बिना मंजूरी के ही 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
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