From: Amalendu Upadhyaya <amalendu.upadhyay@gmail.com>
Date: 2011/9/2
Subject: हस्तक्षेप.कॉम अन्ना की टीम के सौ खून माफ
To: hastakshep@googlegroups.com
अन्ना जी, जिसने सच कह दिया उसका बुरा हाल क्यों है?
अन्ना जी क्रांति की सौदेबाजी में हारी तो जनता है
और हो गया सौदा आज़ादी की दूसरी लड़ाई का !!!
हाय अफसोस जंतर-मंतर फिर तहरीर चौक न बन पाया!
व्यवस्था के शस्त्रागार का एक नया हथियार अण्णा
जरूरी है एनजीओ और पूंजीवादी -साम्राज्यवादी ताकतों के दुष्चक्र की जांच
अन्ना का आंदोलन: छोटे खतरे से बड़े खतरे की ओर
समझ भी जाओ अन्ना जी, संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास अकूत पॉवर होती है
डिजाइनर क्रांतिकारी बनने का बंपर मौका
हर जनांदोलन हमें बेहतरी की ओर नहीं ले जाता
जेपी का इलाज किस पांच सितारा अस्पताल में कराया गया ?
भ्रष्टाचार के घाट पर …तिलक लेत रघुवीर
- लोकपाल के साथ-साथ चुनाव प्रक्रिया में सुधार भी जरुरी
- "हिंदुस्तान बदल दूँ" या "अन्ना के लोकपाल" से हिंदुस्तान के बदलने का इंतज़ार करूँ.
- नीतीश कुमार का नया नारा हरा भरा बिहार हमारा
- बिहार में भी तो कोई लैंड स्कैम होना चाहिए
- बढ़िया लोग सिविल सोसायटी हो गए हैं क्योंकि घोंघा प्रसाद का भ्रष्टाचार मिटाना है
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