Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Monday, August 22, 2011

देखें इन अंत्योदय यात्राओं का क्या हस्र होता है…. By कैलाश कोरंगा on July 27, 2011

देखें इन अंत्योदय यात्राओं का क्या हस्र होता है….

nishank-in-chamoli-during-yatraमुख्यमंत्री की अन्त्योदय विकास यात्रा के दौरान हमें पिथौरागढ़ जिले के चार ब्लॉकों में जाने का मौका मिला। अस्कोट में मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे किसान महासभा के कार्यकर्ताओं को सभास्थल पर पहुँचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस एवं एन.एस.यू.वाई. के नौजवानों को भी प्रशासन का कोपभाजन बनना पड़ा था। पहली बार मुख्यमंत्री को जनता से सीधे बात करते देख जनता में उत्सुकता तो थी। पर ये क्या ? मुख्यमंत्री जी तो शिशु मन्दिर की तर्ज पर कि चिपको आन्दोलन क्या है, गौरा देवी किसके साथ चिपकी थी, राज्य सरकार की कोई स्वास्थ्य सबंधी योजना आदि जनरल नॉलेज के सवाल पूछने लगे।

जिस किसी ने सही जवाब देने के कोशिश की तो मुख्यमंत्री का कहना होता कि मंच में जो फलाँ व्यक्ति बैठे हैं, उनको जानते हो क्या ? ये आपको पाँच सौ एक रुपये का ईनाम देंगे। पाँच सौ रुपये तो मिल जा रहे थे पर एक रुपये का हिसाब नहीं हो पा रहा था। चुफाल जी की बारी इनाम देने की आयी। उनके पास पैसे थे या नहीं, ये तो वो जानें, पर उन्होंने भाजपा के जिलाध्यक्ष किशन भण्डारी से उधार लेकर इनाम दिया। यह क्षेत्र चुफाल का अपना विधान सभा क्षेत्र भी है। जब अपने ही क्षेत्र में उधारी बन रहे हैं तो फिर जनता में क्या संदेश गया होगा ? लगे हाथों दो-एक दिन का खर्चा ही निकल जाये, यही सोचना था शायद प्रत्येक पुरस्कार प्राप्तकर्ता का। एक के बाद एक, जेबें ढीली की जा रहीं थी। हैरानी तब हुई, जब उन्होंने कमिश्नर साहब से भी पाँच सौ एक रुपये का इनाम देने का फरमान जारी कर दिया। नौटंकी को और रोमांचक बनाने के लिये एक आशा कार्यकर्ती ने सवाल का जवाब दिया और मंच पर भी गयी, मगर अपनी उनकी माँगें पूरी करने की बात करने। मगर पाँच सौ एक रुपये लेने से उसने साफ इन्कार कर दिया। पर इनाम के ये पैसे जिस महानुभाव ने दिये थे, उन्हें वापस नहीं मिले। मंचासीन एक भाजपा के पदाधिकारी ने वे नोट अपनी जेब के सुपुर्द कर लिये।

अस्कोट के लिए कोई भी घोषणा न होने से भाजपा के ही कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का पुतला दहन कर डाला। बाद में बयानबाजी भी चलती रही। अन्दरुनी क्या बातें हुयीं, कोई नही जानता। इसी तरह के दृश्य चंडाक, मुनस्यारी और गंगोलीहाट में भी देखने को मिले। देखें, इन अंत्योदय विकास यात्राओं का क्या हस्र निकल कर आता है….।

Share

संबंधित लेख....


For Nainital Samachar Members

हरेला अंक-2010

हरेले की वैज्ञानिकता ढूंढने का प्रयासहरेले की वैज्ञानिकता ढूंढने का प्रयास
नन्दाखाट चोटी फतह कर लौटे पर्वतारोहियों की चिन्ता वाजिब हैनन्दाखाट चोटी फतह कर लौटे पर्वतारोहियों की चिन्ता वाजिब है
अपना राज है….सब चलेगा !अपना राज है….सब चलेगा !
बस दुर्घटना ने खोली आपदा प्रबंधन की कलई
एक प्रखर व प्रतिभाशाली पत्रकार के जीवन की अतिंम यात्राएक प्रखर व प्रतिभाशाली पत्रकार के जीवन की अतिंम यात्रा
हेम पाण्डे: सच के लिए मरने का उसे अफसोस नहीं हुआ होगाहेम पाण्डे: सच के लिए मरने का उसे अफसोस नहीं हुआ होगा
पानी के दिनपानी के दिन
मुम्बई का हिल स्टेशन 'माथेरान' और नैनीतालमुम्बई का हिल स्टेशन 'माथेरान' और नैनीताल
याद रहेंगे पत्तीदास
जल विद्युत परियोजनाओं से त्रस्त किसानजल विद्युत परियोजनाओं से त्रस्त किसान

होली अंक -2010

उत्तराखंड में माओवाद या माओवाद का भूत ? !!उत्तराखंड में माओवाद या माओवाद का भूत ? !!
निर्मल पांडे: कहाँ से आया कहाँ गया वोनिर्मल पांडे: कहाँ से आया कहाँ गया वो
शराब माफिया व प्रशासन के खिलाफ उग्र आन्दोलन की तैयारीशराब माफिया व प्रशासन के खिलाफ उग्र आन्दोलन की तैयारी
कटाल्डी खनन प्रकरण: खनन माफियाओं के साथ न्यायपालिका से भी संघर्षकटाल्डी खनन प्रकरण: खनन माफियाओं के साथ न्यायपालिका से भी संघर्ष
क्यों बढ़ रहा है मनुष्य व जंगली जानवरों के बीच संघर्ष ?क्यों बढ़ रहा है मनुष्य व जंगली जानवरों के बीच संघर्ष ?
नहीं भुलाया जा सकता चन्द्रसिंह शाही का योगदान
नैनीताल को बचाने के लिये जबर्दस्त संकल्प की जरूरत हैनैनीताल को बचाने के लिये जबर्दस्त संकल्प की जरूरत है
नदियों को सुरंगों में डालकर उत्तराखण्ड को सूखा प्रदेश बनाने की तैयारीनदियों को सुरंगों में डालकर उत्तराखण्ड को सूखा प्रदेश बनाने की तैयारी
भष्टाचार की भेंट चढी़ विष्णगाड़ जल विद्युत परियोजनाभष्टाचार की भेंट चढी़ विष्णगाड़ जल विद्युत परियोजना
दुःखद है ऐसे प्रकृतिप्रेमियों का जानादुःखद है ऐसे प्रकृतिप्रेमियों का जाना

No comments: