Monday, June 6, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/4
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


मध्यप्रदेश में अनारक्षित भी काट रहे चांदी

Posted: 03 Jun 2011 11:29 AM PDT

मध्यप्रदेश में उन कर्मचारियों को भी आरक्षण का फायदा मिल रहा है, जिनका नाम आरक्षित वर्ग की सूची से हटा दिया गया है। सूची में शामिल की गई नई जाति के कर्मचारी भी इसका लाभ उठा रहे हैं। ऐसा राज्य सरकार की अफसरशाही के कारण हो रहा है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को जो आदेश दिए थे, प्रदेश के अफसरों ने अपने हिसाब से व्याख्या कर उसे लागू कर लिया है। केंद्र सरकार ने 18 दिसंबर 2002 को जारी अधिसूचना में आरक्षित वर्ग में आने वाली जातियों का नए सिरे से निर्धारण किया था। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति में शामिल कीर (बाथम), मीना एवं पारधी जनजातियों को सूची से विलोपित कर दिया था। उनके स्थान पर सरकार ने महार, मेहरा, मेहर और महारा जाति को शामिल किया था। उक्त आदेश को जनवरी 2003 से प्रदेश में लागू किया जाना था। केंद्र के आदेश के तकरीबन ढाई साल बाद पांच अगस्त 05 को सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव सुभाष डाफणे ने कमिश्नर व कलेक्टर सहित प्रदेश के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार कीर, मीना और पारधी जनजाति को आरक्षित वर्ग की सूची से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर शामिल की गई जातियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाए। उप सचिव ने सभी अधिकारियों को केंद्र के उक्त आदेश का तत्काल प्रभाव से पालन करने को भी कहा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने केंद्र के निर्देश का पालन कराने वाले आदेश के ठीक बारह दिन बाद यानी 17 अगस्त 05 को दूसरा आदेश जारी करदिया। यह आदेश भी उप सचिव सुभाष डाफणे के हस्ताक्षर से जारी किया गया था। आदेश में कहा गया कि मीना, कीर एव पारधी जनजातियों को आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों की सूची से बाहर कर दिया गया है। उक्त आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है(गुरेन्द्र अग्निहोत्री,दैनिक जागरण,भोपाल,3.6.11)।

स्नातक बालिकाओं को मुफ्त एमएसटी 1 जुलाई से

Posted: 03 Jun 2011 11:15 AM PDT

स्नातक करने वाली बालिकाएं एक जुलाई से सौ किलोमीटर तक नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगी। बालिकाओं के लिए नि:शुल्क मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) देने की घोषणा पर एक जुलाई से अमल होगा। इस बावत रेलवे बोर्ड के निदेशक यातायात वाणिज्य वीके शर्मा ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया। इससे पहले इंटर तक की छात्राओं को रेलवे नि:शुल्क एमएसटी का लाभ देती थी। पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्नातक की प्रोफेशनल पढ़ाई के अलावा मेडिकल छात्राओं, व्यवसायिक कोर्स और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रतिदिन ट्रेनों में सफर करने वाली बालिकाओं को नि:शुल्क एमएसटी देने की घोषणा की थी। पश्चिम बंगाल चुनाव की अधिसूचना के कारण उस समय रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी नहीं किया था। बालकों की एमएसटी में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,3.6.11)।

अमर उजाला,इलाहाबाद संस्करण की रिपोर्ट भी देखिएः
रेलवे ने व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाली बेटियों की राह से ट्रेन किराए का बोझ उतार दिया है। रेलवे ने फैसला किया है कि स्नातक के समकक्ष व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं को भी मुफ्त रेल पास दिया जाएगा। यह सुविधा एक जुलाई २०११ से लागू की जाएगी। अभी यह सुविधा सिर्फ स्नातक स्तर तक की छात्राओं को दिया जा रहा है।
निवर्तमान रेलमंत्री ममता बनर्जी ने रेल बजट २०१०-११ में स्कूल और कॉलेज जाने वाली छात्राओं को मुफ्त रेल पास देने की घोषणा की थी। इसके तहत घर से शिक्षण संस्था तक आने-जाने के लिए रेलवे मुफ्त पास दे रहा है। अब इसका दायरा बढ़ाने का निर्णय हो गया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक यातायात वाणिज्य वीके शर्मा की ओर से एनसीआर समेत सभी रेलवे को बृहस्पतिवार को पत्र जारी कर दिया है। इसके तहत स्नातक के समकक्ष प्रोफेशनल और वोकेशनल कोर्स करने वाली छात्रों को पहली जुलाई मुफ्त पास जारी किए जाएंगे।
रेलवे के पास दूरंतो में भी मान्य
अफसर और कर्मचारी रेल पास पर अब दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में भी सफर कर सकते हैं। रेलवे ने इसकी इजाजत दे दी है। रेलवे पास को राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस के पास की तरह ट्रीट किया जाएगा।

अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति बढ़ी

Posted: 03 Jun 2011 11:00 AM PDT

सरकार ने अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मैट्रिक के बाद मिलने वाली छात्रवृत्ति में भारी वृद्धि की है। यह छात्रवृत्ति उन्हीं छात्रों को मिलेगी जो मैट्रिक के बाद मान्यता प्राप्त संस्थानों से मान्य पाठ्यक्रमों में दाखिला लेंगे। छात्रवृत्ति में वृद्धि पहली जुलाई 2010 से लागू मानी जाएगी। कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इस आशय के एक प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दी। छात्रवृत्ति में वृद्धि 1.45 लाख रुपये से दो लाख रुपये प्रति वर्ष की सालाना आय वाले अभिभावकों के बच्चों को मिलेगी। संशोधन के बाद अभी छात्रावास की सुविधा नहीं लेने वाले जो छात्र 330 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति ले रहे हैं उन्हें अब 550 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसी तरह छात्रावास में रहने वाले जिन छात्रों को 740 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति मिल रही है उनके लिए छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाकर 1200 रुपये कर दी गई है। छात्रवृत्ति में वृद्धि छात्रों की श्रेणी के हिसाब की गई है। इस लिहाज से न्यूनतम 140 रुपये की छात्रवृत्ति को बढ़ाकर 230 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसी तरह छात्रों को मिलने वाले अन्य भत्तों में भी बदलाव किया गया है। शैक्षणिक यात्राओं के लिए मिलने वाले 100 रुपये के भत्ते को 1600 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह थीसिस टाइपिंग के लिए मिलने वाले 1000 रुपये के भत्ते को भी बढ़ाकर 1600 रुपये कर दिया गया है। पत्राचार पाठ्यक्रमों के लिए पुस्तक खरीदने के लिए 750 रुपये के स्थान पर अब 1200 रुपये का भत्ता मिलेगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

बिहारःबुनियादी साक्षरता परीक्षा 20 अगस्त को

Posted: 03 Jun 2011 10:45 AM PDT

राज्य में बीस अगस्त को बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित होगी। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए जुलाई माह से निबंधन का कार्य आरंभ होगा। जन शिक्षा के संयुक्त निदेशक विनोदानंद झा ने बताया कि पिछले छह मार्च को यह परीक्षा ली गयी थी, जिसमें करीब 22 लाख नवसाक्षरों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा में उत्तीर्ण साक्षरों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाना है। श्री झा ने बताया कि अगली परीक्षा के पहले छह मार्च को हुई परीक्षा में उत्तीर्ण लोगों को प्रमाण पत्र दे दिया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा पटना,3.6.11)।

अब पूरे देश में विज्ञान और वाणिज्य का समान पाठ्यक्रम

Posted: 03 Jun 2011 10:30 AM PDT

देश में अब विज्ञान एवं वाणिज्य वर्ग का पाठ्यक्रम एक समान होगा। इसकी तैयारियां इस सत्र से शुरू हो जाएंगी। दोनों विषयों में इसकी शुरूआत कक्षा 9 से होगी। देशभर में इसे एक साथलागू करने पर सहमति बन चुकी है। राज्य पाठ्यचर्चा समिति के अध्यक्ष व राजीव गांधी स्टडी सर्किल के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.पी.सी.व्यास ने गुरूवार को कोटा में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा लागू किए जा रहे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का अध्ययन भी किया जा रहा है। पाठ्य चर्चा समिति ने इसके लिए एक बैठक पिछले दिनों उदयपुर में की है। विज्ञान वर्ग के पाठ्यक्रम के अध्ययन के लिए दस सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है। पाठ्यक्रम पर शिक्षकों से भी बातचीत की जा रही है।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में फीडबैक प्रारूप भिजवाया गया है, जिसके आधार पर ही बदलाव के लिए सिफारिश तैयार की जाएगी। इसके अलावा जिला स्तर के दो-दो प्रतिनिधियों से भी कमेटी फीडबैक लेगी। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी, व्यापारी व शिक्षाकर्मी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के लिए सभी को सजग होना होगा। स्टडी सर्किल व शिक्षक कांगे्रस इसके लिए 'साक्षर गांव, शिक्षित समाज व भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान' अभियान चला रहा है। शिक्षा को सामाजिक सरोकार से जोड़ते हुए जन सामान्य को जागरूक करना होगा। प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा पर भी ध्यान देना होगा। समाज को शिक्षित करने के लिए शिक्षा में नवाचार भी जरूरी हैं(राजस्थान पत्रिका,कोटा,3.6.11)।

डीयूःबाहर के कॉलेजों में भी हैं बेहतरीन कोर्स

Posted: 03 Jun 2011 10:15 AM PDT

कैंपस ही नहीं, आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में भी बेहतरीन कोर्सों की पढ़ाई होती है। इसका उदाहरण शहीद सुखदेव कॉलेज और शहीद राजगुरु कॉलेज हैं। दोनों ही कॉलेज विवेक विहार में एक ही बिल्डिंग में वर्षो से चल रहे हैं। इन कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले कोर्सो की बाजार में काफी मांग है। इसलिए छात्र कैंपस और कॉलेजों की बजाय कोर्स पर ध्यान दें। यह जानकारी शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज की प्राचार्य डॉ. पूनम वर्मा ने छात्रों को नॉर्थ कैंपस स्थित कांफ्रेंस सेंटर में बृहस्पतिवार को ओपन डेज काउंसिलिंग में दी। बता दें कि साउथ कैंपस में ओपन डेज काउंसिलिंग बुधवार को समाप्त हो चुकी है। अब आठ जून तक सुबह दस बजे से दोपहर 3 बजे तक नॉर्थ कैंपस में ओपन डेज होंगे। ओपन डेज में डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सुचित्रा गुप्ता ने छात्रों को बताया कि 15 जून को जारी होने वाली कट ऑफ लिस्ट में छात्र का नंबर किसी भी कॉलेज में आए। वह 16 से 20 जून के दौरान दाखिला फीस जमा करके अपनी सीट पक्की कर लें। अगर दूसरी-तीसरी अन्य कट ऑफ लिस्ट में छात्र को बेहतर अवसर मिलता है तो पहले कॉलेज से दाखिला रद करा ले और बेहतर अवसर वाले कॉलेज में दाखिला ले ले। कॉलेज छात्र के प्रमाण पत्र 24 घंटे में और फीस एक माह में वापस कर देगा। अधिक जानकारी के लिए छात्र डीयू के इंफॉरमेशन बुलेटिन को पढे़ं, डीयू की वेबसाइट या फेसबुक पर सर्च करें। संबंधित कोर्स के कॉलेज की वेबसाइट सर्च करें। इससे छात्रों को सटीक जानकारी मिल सकेगी। ओपन डेज में डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. गुलशन साहनी, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सावित्री सिंह और स्टूडेंट्स काउंसलर्स द्वारा अभिभावकों और छात्रों को डीयू कोर्सों में दाखिला संबंधी जानकारी दी(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

खेलों में रुचि हो तो डीयू का सत्यवती कॉलेज भी है विकल्प

Posted: 03 Jun 2011 10:00 AM PDT

अशोक विहार स्थित सत्यवती सांध्य कॉलेज में पांच करोड़ की लागत से सत्या सभागार का निर्माण किया गया है। जिसकी क्षमता एक हजार छात्रों की है। यहां सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलकूद पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। डीयू की कबड्डी टीम का कप्तान भी इसी कॉलेज का ही छात्र है। इतना ही नहीं, कबड्डी प्रतियोगिता में कॉलेज के छात्र उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों की अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में डीयू की ओर से दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. सतेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि खेलों के मामले में डीयू के टॉप पांच कॉलेजों में उनका कॉलेज भी शामिल है। डीयू से उन्होंने मास कम्युनिकेशन, क्रिएटिव राइटिंग और ट्रांसलेशन कोर्स शुरू कराए जाने की संस्तुति मांगी है। जिसके बाद कॉलेज में यह कोर्स शुरू किए जाएंगे। छात्रों के लिए करीब 130 कंप्यूटर वाली वातानुकूलित कंप्यूटर लैब है। कॉलेज की लाइब्रेरी भी कंप्यूटराइज्ड है। कॉलेज के छात्रों ने बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में डीयू की ओर से अखिल भारतीय प्रतियोगिता में भाग लिया है। शूटिंग चैंपियनशिप में भी कॉलेज के छात्र बालेंदु रॉय ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कॉलेज में छात्रों के कौशल विकास के लिए डिबेट, ड्रामेटिक्स, अंग्रेजी साहित्य, हिंदी साहित्य, कॉमर्स, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास सोसायटी के अलावा एनसीसी व एनएसएस आदि भी हैं। इसके अलावा कॉलेज में परिवार काउंसिलिंग केंद्र भी है। जहां घरेलू हिंसा कानून से संबंधित जानकारी छात्रों को दी जाती है(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

डीयू के फेसबुक लिंक से जुडे़ 4400 छात्र

Posted: 03 Jun 2011 09:45 AM PDT

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक छात्रों और डीयू के बीच सेतु का काम करने लगी है। तीन दिनों में ही 4400 से अधिक लोग इससे जुड़ चुके हैं। डीयू ने दाखिला संबंधी सारी सूचनाएं डीयू वेबसाइट सहित फेसबुक लिंक पर भी अटैच कर दी हैं। जिससे छात्रों को घर बैठे सारी जानकारी मिल रही है। फेसबुक के जरिये डीयू से जुड़ रहे लोगों के रूझान को देखते हुए कुलपति प्रो. दिनेश सिंह काफी खुश हैं। उन्होंने छात्रों के लिए सोमवार को एक ई-मेल आइडी भी जारी किया था। अभी तक 700 से अधिक ई-मेल आ चुके हैं, जिनमें दाखिला संबंधी जानकारी मांगी गई है। सभी ई-मेल डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय स्थानांतरित किए जा चुके हैं। जहां से जानकारी भेजी जा रही है। कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि इस रूझान को देखकर उन्हें लग रहा है कि अब बारहवीं उत्तीर्ण छात्र सूचना तकनीक से काफी सहज रूप से जुडे़ हुए हैं। ई-मेल और सोशल नेटवर्किंग साइट से उनका जुड़ाव पिछले तीन दिनों में सामनेआ चुका है। छात्रों के लिए जारी ई-मेल वीसीफॉरस्टूडेंट्स एट डीयू डॉट एसी डॉट इन तथा फेसबुक भविष्य में शैक्षणिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रो. सिंह कहते हैं कि फेसबुक को दाखिला प्रक्रिया से जोड़ा गया है। जिससे देश-विदेश से छात्रों के संदेश डीयू को मिल रहे हैं। दाखिला संबंधी सभी लिंक्स फेसबुक पर अपलोड किए जा रहे हैं। कुलपति कहते हैं कि फेसबुक और ई-मेल द्वारा भेजे जा रहे सुझावों को वह खुद भी जांच रहे हैं(एस. के. गुप्ता,दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

मध्यप्रदेशःडीएड परीक्षा ११ जुलाई से

Posted: 03 Jun 2011 09:30 AM PDT

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित डिप्लोमा इन एजुकेशन नियमित और पत्राचार परीक्षा का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। अब डीएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा ११ से १६ जुलाई २०११ के बीच होगी। डीएड प्रथम वर्ष का परीक्षा कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा।


बोर्ड ने पहले प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा ६ से ११ जून के बीच कराने की घोषणा की थी। बोर्ड की सचिव मधु खरे ने बताया कि डीएड द्वितीय वर्ष (प्रथम अवसर) परीक्षा २०११ में सम्मिलित होने के लिए केवल वर्ष २०१० में डीएड प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार ही पात्र होंगे। इसके लिए ६ से १५ जून के बीच एमपी ऑनलाइन के माध्यम से परीक्षा आवेदन ऑनलाइन जमा किए जाएंगे(नई दुनिया,भोपाल,3.6.11)।

डीयूःपत्रकारिता में दाखिला आवेदन शुरू

Posted: 03 Jun 2011 09:15 AM PDT

मीडिया में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए डीयू में इस समय सुनहरा अवसर है। अंग्रेजी पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार के अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। हिंदी पत्रकारिता के लिए आवेदन बृहस्पतिवार से शुरू हो गए हैं। जिसके प्रोस्पेक्ट्स नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट फैकल्टी में मिल रहे हैं। इसमें आवदेन की अंतिम तिथि 22 जून है। डीयू के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. गोपेश्वर सिंह बताते हैं कि हिंदी पत्रकारिता में दाखिला के लिए सेंट्रलाइज्ड दाखिला प्रवेश परीक्षा होती है। जिसकी पढ़ाई चार कॉलेजों में हो रही है। अंग्रेजी पत्रकारिता के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 8 जून है। आवेदन के लिए छात्र जर्नलिज्मडीयू डॉट एडमिशनहेल्प डॉट कॉम साइट पर क्लिक करें। जबकि स्नातक स्तर पर मास मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वूमेन में पढ़ाया जाता है। जिसमें आवेदन की अंतिम तिथि 20 जून है। अधिक जानकारी के लिए छात्राएं कॉलेज में संपर्क करें। हिंदी माध्यम के कॉलेज 1. अदिति महाविद्यालय 2. भीम राम अंबेडकरकॉलेज 3. श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज (देव नगर) 4. राम लाल आनंद कॉलेज अंग्रेजी माध्यम के कॉलेज 1. दिल्ली कॉलेज ऑफ आ‌र्ट्स एंड कॉमर्स 2. कालिंदी कॉलेज 3. कमला नेहरू कॉलेज 4. लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन 5. महाराजा अग्रसेन कॉलेज हेल्पलाइन नंबर : नॉर्थ कैंपस : 011-27662507-8 साउथ कैंपस : 011-24116752-3(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)

इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालयःसैकड़ों छात्रों को नहीं मिले प्रवेश-पत्र

Posted: 03 Jun 2011 09:00 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आइपीयू) की बीटेक की प्रवेश परीक्षा कल होनी है और बृहस्पतिवार शाम तक सैकड़ों छात्रों को प्रवेश पत्र नहीं मिले हैं। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में छात्रों के एडमिट कार्ड पर फोटो गलत छपे हैं या फिर फोटो है ही नहीं। प्रवेश परीक्षा में 62 हजार विद्यार्थियों के बैठने की संभावना है। आइपीयू के जनसंपर्क अधिकारी नलिन रंजन ने बताया कि ऐसे छात्र आइपीयू की वेबसाइट से ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें और अपनी हाल की फोटो लगाएं। फोटो का आकार 3 3 5 सेमी का हो, जिसे किसी सक्षम अधिकारी से सत्यापित करा लें। उन्होंने बताया कि बाकी कॉलम परीक्षा केंद्र पर भरे जाएंगे। जहां छात्रों से उनकी हैंड राइटिंग में सूचनाओं को भरवाया जाएगा। प्रवेश-पत्र जांचने के लिए परीक्षा केंद्र के अधिकारी पहचान पत्र मांग सकते हैं। इसलिए छात्र कोई भी एक पहचान पत्र साथ लेकर आए। बता दें कि आइपीयू के बीटेक कोर्स में करीब 5500 सीटें हैं। इनके लिए करीब 62 हजार छात्रों ने आवेदन किया है। इनमें से 10 हजार आवेदन ऑनलाइन हुए हैं। नलिन रंजन ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले सैकड़ों छात्रों ने तो अपना फोटो ही अपलोड नहीं किया। ये छात्र भी फोटो लगाकर उसका सत्यापन करवाकर परीक्षा दे सकते हैं। सभी परीक्षा केंद्रों को निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रवेश परीक्षा में छात्रों के ई-एडमिट कार्ड को स्वीकार किया जाए। इसी कार्ड के आधार पर छात्र को काउंसिलिंग मिलेगी और दाखिले के लिए सीटों का आवंटन होगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

शिक्षा अधिकार पर राज्यों को अल्टीमेटम

Posted: 03 Jun 2011 08:45 AM PDT

केंद्र ने शिक्षा का अधिकार कानून तो बना दिया लेकिन उससे बच्चों के अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा की राह जल्दी आसान हो जाएगी, यह कहना मुनासिब नहीं होगा। वजह साफ है कि कानून पर अमल में आने के एक साल बाद भी 16 राज्यों ने अभी तक उसके लिए नियमों-कायदों की अधिसूचना तक जारी नहीं की है। लिहाजा केंद्र ने उन्हें दो टूक बता दिया है कि जब तक वे ऐसा नहीं करेंगे, उनके लिए सर्वशिक्षा अभियान में नए स्कूलों, शिक्षकों के नये पदों समेत दूसरी जरूरतों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 16 राज्यों ने अभी तक शिक्षा का अधिकार कानून के अमल के लिए नियमों-कायदों के लिए जरूरी अधिसूचना नहीं जारी की है। अलबत्ता बिहार व हरियाणा समेत 18 राज्यों ने कानून के अनुपालन के लिए खुद के नियम बना लिए हैं या फिर केंद्र के ही नियमों-कायदों को ही अपना लिया है। केंद्र ने राज्यों के सामने यह मामला 25 अप्रैल को सर्वशिक्षा अभियान के परियोजना मंजूरी बोर्ड (पीएबी) की बैठक में भी उठाया था। तब राज्यों ने इस बाबत अपने-अपने तर्क दिए थे। बैठक में उत्तर प्रदेश ने नियमों के मसौदा विधि विभाग के विचाराधीन होने की बात कही थी, तो झारखंड ने हफ्ते भर में कैबिनेट की मंजूरी की बात कही थी। पंजाब ने भी इस बाबत जल्दी ही कदम उठाने का भरोसा दिया था। राज्यों की अलग-अलग सफाई के बाद भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन्हें यह स्पष्ट कर चुका है कि जब तक वे अधिसूचना नहीं जारी करेंगे, उनके यहां सर्वशिक्षा अभियान की परियोजनाओं को मंजूरी बिल्कुल नहीं दी जायेगी। इसका मतलब यह है कि ऐसे राज्यों में नए स्कूलों को खोलने, शिक्षकों के नये पद सृजित करने, नए स्कूल भवन बनाने, आवासीय व परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने जैसे प्रस्ताव जस के तस पड़े रहेंगे। बताते हैं कि मंत्रालय आठ जून को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में फिर इस मुद्दे को उठाने जा रहा है। सरकार ने कानून के अमल की मॉनीटरिंग का जिम्मा केंद्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को और राज्यों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपा है। कई राज्यों ने अभी इसका गठन नहीं किया है। शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में इसकी भी समीक्षा होगी। पूर्व में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन छह जून को होना था, जो अब आठ जून को होगा(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,दिल्ली,3.6.11)।

हिमाचलःहोम गार्ड्स के 39 पदों के लिए भर्ती 27 को

Posted: 03 Jun 2011 08:30 AM PDT

गृह रक्षा 12वीं वाहिनी ऊना में गृह रक्षा स्वयंसेवकों के 39 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जानी है। उम्मीदवार मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड से कम से कम आठवीं पास होना चाहिए जबकि उच्च शिक्षा या कम्पयूटर कोर्स प्राप्त उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए आदेशक गृह रक्षा, 12वीं वाहिनी, ऊना ने बताया कि इनमें 18 पद चालक वर्ग, पलम्बर, फार्मासिस्ट, कारपेन्टर, आरमोरर तथा स्टैनो टाईपिस्ट के एक-एक पद, ऊना स्थित महिला प्लाटून गृह रक्षकों के दो पद और सामान्य गृह रक्षा स्वयं सेवकों की बंगाणा एवं हरोली में 14 रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया 27 जून को प्रशिक्षण केन्द्र मुबारकपुर में प्रात: 8 बजे से आरम्भ होगी।
उन्होंने बताया कि भर्ती हेतु इच्छु उम्मीदवार अपने आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर प्रमाण पत्रों की प्रतियों सहित 20 जून, 2011 तक वाहिनी कार्यालय, ऊना में किसी भी कार्यदिवस में जमा करवा सकते हैं। इसके बाद प्राप्त आवेदन पत्र मान्य नहीं होंगे(दैनिक ट्रिब्यून,ऊना,3.6.11)।

चंडीगढ़ःपिछले साल से अच्छा रहा राजकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम

Posted: 03 Jun 2011 08:15 AM PDT

सीबीएसई के दसवीं कक्षा के परिणाम ओवर आल पास प्रतिशत में लड़कियों का पलड़ा भारी रहने के साथ-साथ इस बार चंडीगढ़ में राजकीय स्कूलों का पास प्रतिशत 10 प्रतिशत ज्यादा रहा है।
वहीं चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के आज 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शहर के राजकीय स्कूलों का परिणाम की सूची जारी नहीं कर पाया। देर सायं तक 79 स्कूलों में से केवल 17 स्कूलों का परिणाम जारी किया। उसे भी केवल उन 17 स्कूलों का जारी किया, जिनमें 14 स्कूलों का परिणाम शत प्रतिशत रहा है। शत प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने वाले जीएमएसएसएस 16, 18, 22, 40, सारंगपुर, 36, 37, 38, 43, हैं।

वहीं किशनगढ़ का 98.25, खुड्डा लाहौरा का 91.25, मलोया का 98.8 प्रतिशत परिणाम रहा।शेष स्कूलों का परिणाम कल जारी करने की बात विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने कही है।

सीबीएसई द्वारा दसवीं के घोषित परीक्षा परिणामों में लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों को पछाड़ दिया है। इनमें सेंट अत्री पब्लिक स्कूल, लालडू व श्री सुखमनी इंटरनैशनल स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। सेंट अत्री स्कूल व सुखमनी स्कूल के दो-दो छात्रों ने कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज(सीजीपीए) के तहत दस अंक प्राप्त किए हैं। इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहा। सेंट अत्री के चेयरमैन रूप सिंह राणा ने बताया कि स्कूल की बिंदिया राणा पुत्री डॉ. राजबीर राणा एवं गुरसिमरन कौर पुत्री रछपाल सिंह ने एवन ग्रेड के साथ स्कूल में टॉप किया है। इनके अलावा काजोल दुबे ने 9.8, प्रतिभा व पूजा सैनी ने 9.6, शुभम कपिल व निहारिका कुमारी ने 9.2 और दीपशिखा शर्मा व दानिशवीर सिंह ने 9 सीजीपीए अंक प्राप्त किए हैं।
उधर, सुखमनी इंटरनैशनल स्कूल के चेयरमैन अवतार सिंह के अनुसार स्कूल की एकता चौहान एवं प्रभजोत कौर सीजीपीए के दस अंक प्राप्त कर स्कूल में अव्वल रहीं। मेरिट में जगह बनाने वाले अन्य स्टूडेंट्स में अंजलि वालिया ने 9.8, मनिंदर कौर, साक्षी कपूर और कोमल ठाकुर ने 9.6, हरमीत कौर ने 9.2 और इंद्रप्रीत कौर ने सीजीपीए के 9 अंक हासिल किए हैं(दैनिक ट्रिब्यून,3.6.11 में चंडीगढ़ और डेराबस्सी संवाददाताओं की रिपोर्ट)।

आरएएस साक्षात्कार 27 से

Posted: 03 Jun 2011 08:00 AM PDT

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस 2010 मुख्य परीक्षा का परिणाम गुरूवार रात करीब 9 बजे जारी कर दिया। आयोग की ओर से साक्षात्कार 27 जून से आयोजित किए जाएंगे। इसमें 821 पदों के लिए 2015 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है।

अध्यक्ष एम.एल. कुमावत ने बताया कि सभी सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजा जाएगा। साक्षात्कार 27 जून से अगस्त के अंतिम सप्ताह तक चलेंगे। आयोग ने पिछले साल 28 दिसम्बर से13 जनवरी 2011 तक मुख्य परीक्षा का आयोजन किया था।

कट ऑफ भी जारी
लोक सेवा आयोग ने परिणाम के साथ ही कट ऑफ भी जारी कर दी है। सामान्य वर्ग में सामान्य तथा सामान्य महिला वर्ग की कट ऑफ 640 अंक रखी गई है। टीएसपी अनुसूचित जाति महिला वर्ग में आयोग को योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिली।

परिणाम सीलबंद

हाइकोर्ट के आदेश की पालना में लोक सेवा आयोग की ओर से कई अभ्यर्थियों का परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखा गया है। इस श्रेणी में16 अभ्यर्थी शामिल हैं।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एम.एल.कुमावत के कार्यकाल का संभवत: यह आखिरी बड़ा परिणाम है। कुमावत का कार्यकाल 2 जुलाई को समाप्त हो रहा है। कुमावत को आयोग में बड़े बदलावों तथा छात्र हित में नवाचारों के लिए जाना जाएगा। कुमावत के कार्यकाल में देर रात परिणाम जारी करने सहित कई परम्पराएं बदलीं। उन्होंने आरएएस भर्ती का परम्परागत सिलेबस बदल कर इसे अद्यतन करने को भी मूर्त रूप दे दिया। परीक्षा आवेदन तथा परीक्षा को ऑनलाइन करने, साक्षात्कार व प्रश्न-पत्र निर्माण में गोपनीयता को लेकर कई अहम निर्णय उनके कार्यकाल में हुए हैं(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,3.6.11)।

पंजाब बोर्ड पर शिक्षा के व्यापारीकरण का आरोप

Posted: 03 Jun 2011 07:45 AM PDT

गर्व. एडिड स्कूल प्रोग्रेसिव फ्रंट, पंजाब ने राज्य के शिक्षा बोर्ड पर प्रदेश में शिक्षा का व्यापारीकरण किए जाने का आरोप लगाया है। फ्रंट का कहना है कि बोर्ड के अधिकारी विद्यार्थियों और स्कूलों की जेबों को काटकर इसे बिजनेस का रूप देने की कोशिशों में जुटे हैं। फ्रंट के अध्यक्ष उपजीत सिंह बराड़, प्रेस सचिव गुरदीश सिंह, उपाध्यक्ष हरदेव सिंह, नेत सिंह धालीवाल, डॉ. मोहन त्यागी और प्रेम शर्मा ने संयुक्त बयान में पंजाब शिक्षा बोर्ड, मोहाली पर यह आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि बोर्ड द्वारा जहां सेमेस्टर प्रणाली के तहत दो-दो बार परीक्षा फीस लेकर पहले से अतिरिक्त आमदनी का साधन बनाया गया है, वहीं अब परीक्षा केंद्र बनाने के लिए गांवों के स्कूलों और शहरी स्कूलों में क्रमवार 100 और 150 परीक्षार्थियों से कम होने की सूरत में 600 रुपये प्रति परीक्षार्थी के हिसाब से लेने का फैसला लिया गया है। इन आदेशों को तालिबानी फरमान करार देते हुए बराड़ ने कहा कि फ्रंट इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रति सेंटर पर सौ बच्चों से कम होने पर 300 रुपये परीक्षा फीस ली जाती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अब बोर्ड ने अपनी आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए विद्यार्थियों की जेब काटने की तैयारी कर ली है(दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,3.6.11)।

मध्यप्रदेशःशिक्षक भर्ती के साक्षात्कार निरस्त

Posted: 03 Jun 2011 07:30 AM PDT

अस्थि, दृष्टि और श्रवण बाधित वर्ग के शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के विवादित हिस्से साक्षात्कार और प्रावीण्य सूची को सामाजिक न्याय महकमे ने निरस्त कर दिया है। अब नए सिरे से डिग्री, डिप्लोमा और अनुभव के लिए तय अंकों के आधार पर प्रावीण्य सूची बनेगी। इसके आधार पर ही साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों के १२ पदों के लिए जो चयन प्रक्रिया अपनाई गई थी वह शुरुआत से ही विवादित रही है। जो प्रावीण्य सूची बनाई गई उसमें डिग्री, डिप्लोमा और अनुभव के अंकों के विभाजन में दोहराव हुआ है। डिप्लोमा धारकों को भी उतने अंक दे दिए गए जो डिग्रीधारी को देने थे। प्रेक्टिकल के अंक इसमें होते ही नहीं है फिर भी इसे अलग से दिया गया। इसी तरह साक्षात्कार १५ अंकों का कर डाला। जबकि शासन ने दस अंकों के साक्षात्कार की मंजूरी दी थी। विभागीय अफसरों का कहना है कि चयन सूची जारी होने के बाद कई आपत्तियां आईं(नई दुनिया,भोपाल,3.6.11)।

असम के शिक्षा विभाग में सफाई अभियान

Posted: 03 Jun 2011 07:10 AM PDT

नवनियुक्ति शिक्षा मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कार्यभार संभालते ही शिक्षा विभाग में सफाई अभियान आरंभ कर दिया है। पिछले दो दिनों में उन्होंने शिक्षा विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और देर से कार्यालय पहुंचे करीब एक दर्जन कर्मचारियों के वेतन काटने का निर्देश दिया है। इन कदमों से शिक्षा विभाग में हड़कंप है।

मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने पिछले कार्यकाल के दौरान सबसे सफल मंत्री के रूप में अपनी पहचान बना चुके डॉ. हिमंत विश्व शर्मा को इस बार स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग का भी दायित्व दिया है। यह राज्य के सबसे निकम्मे विभाग के रूप में बदनाम है। आरोप है कि यहां कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होता।


शिक्षा मंत्री बनते ही डॉ. शर्मा विभाग का कायाकल्प करने में जुट गए हैं। मंत्री डॉ. शर्मा ने बुधवार को तीन शिक्षा निदेशालयों का दौरा कर कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति व अनुशासन बनाए रखने तथा विभाग के कार्यालयों से घूसखोरी को जड़ से उखाड़ फेंकने का फरमान जारी किया। उन्होंने शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारियों से साफ शब्दों में कह दिया कि घूसखोरी नहीं चलेगी। 
डॉ. शर्मा ने शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सौ फीसदी कार्य संस्कृति बनाए रखने की अधिकारी व कर्मचारियों को नसीहत दी ताकि नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में आकर संतुष्टि मिले। उन्होंने उच्च शिक्षा, सेकेंड्री शिक्षा निदेशालय और सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय का अचानक दौरा किया और विभागीय अधिकारियों से कार्यालय के कामकाज के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान कार्यालय में अनुपस्थित रहने के कारण एक अधिकारी को तत्काल निलंबित करने का आदेश जारी किया। 

डॉ. शर्मा के अचानक दौरे से सकपकाए उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारी कर्मचारियों की उस वक्त बोलती बंद हो गई जब हिमंत ने पूछा कि आखिर कॉलेज के व्याख्याता किसे देने के लिए आपस में पैसा इकट्ठा करते हैं। उन्होंने सभी कार्यालयों के उपस्थिति रजिस्टरों की जांच की और कार्यालय में अनुपस्थित पाए गए सभी अधिकारी व कर्मचारियों का वेतन काटने का निर्देश दिया। मंगलवार को उन्होंने बरपेटा के जिला शिक्षा कार्यालय का निरीक्षण किया और एक अधिकारी का निलंबन कर दिया(रविशंकर रवि,नई दुनिया,दिल्ली संस्करण,3.6.11 में गुवाहाटी से रिपोर्ट)।

भूपेन्द्र नारायण मंडल विविःस्नातकोत्तर की परीक्षा 16 से,डिग्री तृतीय खंड की 20 से

Posted: 03 Jun 2011 06:50 AM PDT

भूपेन्द्र नारायण मंडल विवि द्वारा स्नातकोत्तर फाइनल के छात्रों की परीक्षा 16 जून से आयोजित की गई है। इसके लिए विवि अन्तर्गत पार्वती विज्ञान महाविद्यालय को एकमात्र केंद्र बनाया गया है।

16 जून से प्रारंभ हो रही यह परीक्षा चार जुलाई तक चलेगी। एमएलटी सहरसा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव सिन्हा ने बताया कि उनके महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर केंद्र सहरसा से जुड़े छात्र-छात्रा भी उक्त केंद्र पर ही परीक्षा में शामिल होंगे। परंतु अबतक विवि द्वारा परीक्षार्थियों को प्रवेशपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है।
भूपेन्द्र नारायण मंडल विवि द्वारा डिग्री खंड तीन की परीक्षा 20 जून से प्रारंभ की जा रही है। परीक्षा का समापन 30 जून को होगा।
शहरी क्षेत्र में इस परीक्षा के लिए तीन केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें मनोहर लाल टेकरीवाल सहरसा महाविद्यालय में टीपी कॉलेज मधेपुरा, केपी कॉलेज मुरलीगंज, एचएस कॉलेज उदाकिशुनगंज, सीएम साइंस कॉलेज मधेपुरा एवं यूभीके कॉलेज करामा के परीक्षार्थियों को जोड़ा गया है। रमेश झा महिला महाविद्यालय केंद्र पर बीएनएमभी साहूगढ़, डिग्री कॉलेज सुपौल, एसएनएस महिला कॉलेज सुपौल, आदर्श कॉलेज घैलाढ़ जीवछपुर एवं केएस वीमेन्स कॉलेज सुपौल से जुड़े परीक्षार्थियों को शामिल किया गया। जबकि राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय केंद्र पर पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा, आरपीएम कॉलेज तुनियाही, मधेपुरा कॉलेज व बीएसएस कॉलेज सुपौल से जड़े छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है।
एमएलटी सहरसा कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक एसपी सुमन ने बताया कि इस खंड के प्रतिष्ठा विषय की परीक्षा अपराह्न दो बजे से पांच बजे तक होगी, जबकि सामान्य विषयों की परीक्षा दोनो पाली में पूर्वाह्न दस बजे से एक बजे तथा अपराह्नन दो बजे से पांच बजे तक होगी(दैनिक जागरण,सहरसा,3.6.11)।

आरक्षित वर्ग को आईआईटी में दाखिले से रोका : उदितराज

Posted: 03 Jun 2011 06:30 AM PDT

आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षाओं के नतीजों में बिना आरक्षण छूट के मेरिट में आए विद्यार्थियों को भी आरक्षित वर्ग की सूची में शामिल कर दिया गया है। नतीजों में 2554 ओबीसी विद्यार्थियों में से 1540 विद्यार्थी बिना आरक्षण छूट के मेरिट में आए, लेकिन इन्हें आरक्षण की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इस बात का खुलासा अनुसूचित जाति-जन जाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने बृहस्पतिवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में किया। डॉ. उदित राज ने कहा कि पिछले हफ्ते आईआईटी- जेईई परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ था। इसमें 2545 ओबीसी परीक्षार्थी पास हुए, जिसमें से 1540 बिना आरक्षण छूट के मेरिट में आए। लेकिन इन्हें भी आरक्षण की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। यदि ऐसा न हुआ होता तो 1540 अतिरिक्त ओबीसी के परीक्षार्थी प्रवेश पा जाते। इसी तरह, से 1950 अनुसूचित जाति के परीक्षार्थी पास हुए, जिसमें से 122 बिना किसी छूट के पास हुए, फिर भी इन्हें आरक्षण की श्रेणी में रखा गया। यदि ऐसा न होता तो 122 अतिरिक्त अनुसूचित जाति के विद्यार्थी आईआईटी में प्रवेश पाते। इसी तरह से 645 अनुसूचित जनजाति के परीक्षार्थी पास हुए, इनमें से 33 बिना छूट के पास हुए। इन्हें भी आरक्षित श्रेणी में रख दिया गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार 1992, रितेश आर साह बनाम डॉ. वाईएल यमूल (1996), आरके सब्बरवाल बनाम स्टेट ऑफ पंजाब (1995), भारत सरकार बनाम सत्य प्रकाश (2006) आदि मामलों में स्पष्ट किया गया है कि यदि आरक्षित श्रेणी के परीक्षार्थी बिना छूट के परीक्षा पास करते हैं तो उन्हें सामान्य सीटों या पदों पर नियुक्त करना है। डॉ. उदित राज ने कहा कि पिछले वर्ष दिल्ली विविद्यालय ने लगभग 5400 ओबीसी की सीटों को सामान्य श्रेणी के छात्रों को दे दिया था। इसी तरह से 2010- 11 में जेएनयू ने भी 311 ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग के छात्रों को दे दी गई थी। 2009 में 285 ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग के छात्रों को दे दी गयी थी। जेएनयू के इस कट ऑफ फार्मूले को दिल्ली हाई कोर्ट ने 7 सितंबर, 2010 को अपूर्वा के मामले में गलत ठहराया और 2 ओबीसी के छात्रों को दाखिला देने का निर्देश भी दिया(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,3.6.11)।

केंद्रीय विद्यालयों में ईडब्ल्यूएस कोटे में ही एससी,एसटी कोटे को शामिल करने की नीति को चुनौती

Posted: 03 Jun 2011 06:10 AM PDT

केंद्रीय विद्यालयों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे में ही एससी,एसटी कोटा देने की नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका पर संभवत: कल सुनवाई होगी। याची जितेंद्र सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके बेटे को कक्षा एक में दाखिला लेना था और उन्होंने सात केंद्रीय विद्यालयों में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिले के लिए फार्म भरे, लेकिन किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं मिला। याचिका में शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिला देने की दलील देते हुए कहा गया कि केंद्रीय विद्यालय द्वारा ईडब्ल्यूएस कोटे के अंदर ही एससी, एसटी कोटा देने का निर्णय कानून के खिलाफ है और मनमाना है। याचिका में मांग की गई है कि इस गैरकानूनी निर्णय को हाईकोर्ट खारिज करे, क्योंकि यह मूलभूत अधिकार व शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,3.6.11)।

जेआरएफ को बैंक से सीधे मिलेगी यूजीसी की छात्रवृत्ति

Posted: 03 Jun 2011 05:50 AM PDT

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप की राशि के लिए अब छात्रों को परेशान नहीं होना प़ड़ेगा। पात्र विद्यार्थियों को उनकी स्कॉलरशिप सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके लिए यूजीसी की केनरा बैंक से चर्चा चल रही है। इसके अलावा अन्य बैंकों से भी स्कॉलरशिप प्राप्त विद्यार्थियों के अकाउंट खोलने को लेकर बैठकें आयोजित की जा रही है। वर्तमान में यूजीसी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को विभिन्न स्कॉलरशिप प्रदान करता है। इसके अलावा सिंगल गर्ल्स को भी स्कॉलरशिप दी जाती है। अभी चल रही प्रक्रिया के तहत यूजीसी स्कॉलरशिप के लिए पात्र विद्यार्थियों को उनकी राशि सीधे विश्वविद्यालय भेजता है। लेकिन कई बार विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को उनकी स्कॉलरशिप प्रदान करने में महीनों लग जाते हैं। इसके चलते कई बार विद्यार्थी के सामने प़ढ़ाई छो़ड़ने का विकल्प आ जाता है। कई बार विवि के अधिकारी भी स्कॉलरशिप वेरीफाई करने में देर कर देते हैं। उल्लेखनीय है कि यूजीसी सिंगल गर्ल्स के लिए यूजीसी पोस्ट ग्रेजुएट इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप देता है। जबकि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पीजी करने के लिए स्कॉलरशिप दी



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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