Tuesday, June 7, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/7
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


आईआईटी में नकल करने वाली छात्रों की परीक्षा निरस्त होगी

Posted: 06 Jun 2011 11:25 AM PDT

आईआईटी जेईई २०११ में नकल करने वाली छात्रा हिनू बंसल की परीक्षा निरस्त होगी। आईआईटी की दो सदस्यीय कमेटी ने रविवार को अपनी जांच रिपौर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि ज्ञानी जैल सिंह कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी पंजाब में कार्यरत शिक्षक की बेटी हिनू बंसल को नकल कराई गई है। यह काम एसोसिएट प्रोफेसर डा. मुकेश ग्रौवर का है। उन्हें पहले ही काली सूची में डाला जा चुका है।
आईआईटी जेईई में नकल कौ लेकर रविवार की देरशाम ज्वाइंट एडमीशन बौर्ड (जैब) की बैठक हुई। इसमें दौ सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट रखी गई। कहा गया कि ज्ञानी जैल सिंह कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नौलाजी पंजाब के कमरा नंबर एस-० में जानबूझकर नकल कराई गई थी। जिस छात्रा की मदद की गई है, उसकी परीक्षा निरस्त की जा सकती है। हालांकि कार्रवाई की पूरी रिपौर्ट सौमवार की सुबह जारी की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि कमरा नंबरएस-० के अन्य १९ परीक्षार्थियौं का रिजल्ट आठ जून को जारी किया जा सकता है। सफल परीक्षार्थियों को काउंसिलिंग का म्का मिलेगा। मामले को लेकर ज्ञानी जैल सिंह कालेज, वहां के आब्जर्वर और दौ शिक्षकों को काली सूची में डाला जा चुका है। अब कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है(अमर उजाला,कानपुर,6.6.11)।

हिमाचलःनर्सों की नौकरी में परीक्षा का विरोध

Posted: 06 Jun 2011 11:10 AM PDT

बेरोजगार नर्सिज नौकरी के लिए लगाई गई लिखित परीक्षा के खिलाफ मुखर हो गई हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि नर्सिंज के पूरे प्रदेश में करीब २०० पद भरे जाने हैं। लेकिन इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवार को लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होना जरूरी है। सफल होने के बाद ही पात्र उम्मीदवारों को नौकरी दी जाएगी। आईजीएमसी से जनवरी २०११ से पास आउट होकर निकली नर्सिज ने इसका विरोध किया है। दीपाली पटियाल, नेहा भाटिया, निशा ठाकुर, कल्पना, आरती, कविता शर्मा, चंचल ठाकुर, माला सैनी, कंचन दत्ता, प्रेम लता, किरन बाला, सुषमा गुलेरिया, नीलम शर्मा, पुष्पाजंलि, शशि कला, ललिता और निशा गर्ग सहित सभी बेरोजगार नर्सिंज ने कहा है कि प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार के बाद ही उन्हें आईजीएमसी में दाखिला मिला था। वर्ष २००७ में जीएनएम कोर्स शुरू हुआ इस प्रशिक्षण को १७८ नर्सिंज ने सफलता पूर्वक पूरा किया। यह प्रशिक्षण सरकारी संस्थान से किया है। पूर्व में कभी भी नर्सिंज के पदों की भरती के लिए लिखित परीक्षा नहीं रखी गई थी। लिहाजा बेरोजगार नर्सिंज राज्य सरकार से आग्रह करती है कि नौकरी के लिए तय की गई इस शर्त को हटाया जाए और सरकारी संस्थान से ट्रेनिंग कर चुकी बेरोजगार नर्सिंज को तरजीह दी जाए(अमर उजाला,शिमला,6.6.11)।

कंपनियां न आए घाटे में, गुर सिखाएगा डीयू

Posted: 06 Jun 2011 10:30 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय का कॉमर्स विभाग अब छात्रों को डूबती कंपनियों को बचाने के गुर सिखाएगा। साथ ही कॉमर्स के छात्रों को पढ़ाया जाएगा कि हर दौर में कंपनियां बेहतर प्रदर्शन करें और मंदी जैसी स्थिति में उनका प्रबंधन न गड़बड़ाए।

डीयू के कॉमर्स विभाग ने बीकॉम प्रोग्राम में इस बार नए पेपर कॉरपोरेट गवर्नेस, बिजनेस एथिक्स और सीएसआर भी शामिल किया है। इसके माध्यम से छात्रों को कंपनी के बेहतर प्रबंधन के गुर सिखाए जाएंगे। मंदी जैसी स्थिति में छात्रों के लिए ज्ञान काफी कारगर साबित होगा। छात्रों को अच्छे प्रबंधन के लिए इंटरनेशनल ट्रेड और फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन के सबक भी पढ़ाए जाएंगे। यह चैप्टर बीकॉम प्रोग्राम के पांचवें सेमेस्टर में होगा।


कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जे.पी. शर्मा ने बताया कि इस पाठय़क्रम को शामिल करने का मकसद यही था कि छात्र कंपनियों के उम्दा प्रबंधन के गुर सीखें। आज के दौर में कॉरपोरेट गवर्नेस की बारीकियों को समझ लिया जाए तो किसी भी कंपनी को शीर्ष पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में दुनिया भर में फेल हुई बड़ी-बड़ी कंपनियों की दास्तां बताई जाएगी। ऐसी कंपनियां क्यों फेल हुई, शीर्ष पर होने के बाद एकदम से वह कैसे औंधे मुंह गिर पड़ी आदि की जानकारी छात्रों को दी जाएगी।

फाइनेंस कोर्स में सिखाए जाते हैं मंदी से निपटने के तरीके दिल्ली विश्वविद्यालय में बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स), बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज) और बीएफआईए बैचलर ऑफ फायनेंशियल इंवेस्टमेंट और एनालिसिस में छात्रों को मंदी से निपटने के गुर सिखाए जाते हैं। इस बार इन विषयों के कोर्स में छात्र जहां प्रायोगिक स्टडी के द्वारा मंदी आने के कारणों के बारे में जान सकेंगे वहीं इसके निदान के बारे में भी जानकारी पा सकेंगे। कोर्स में कोलेटरल डेट ऑब्लीगेशन का चैप्टर आया है जिसमें अमेरिका ने फाइनेंस और रियल इस्टेट सेक्टर को मंदी से बाहर कैसे निकाला इस बारे में जानकारी दी जाएगी। शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर के बारे में बताया जाएगा।

स्वरोजगार के लायक बनाएगा कोर्स 
बीकॉम प्रोग्राम में शामिल यह नया पाठ्यक्रम स्वरोजगार के लिहाज से काफी लाभदायक साबित होगा। प्रो. शर्मा ने बताया कि आज के दौर में छात्रों में स्वरोजगार की प्रवृत्ति बढ़ी है। ऐसे में छात्र अगर यह जान सकेंगे कि एक शीर्ष कंपनी एकदम से कैसे ढह गई तो उन्हें खुद का रोजगार स्थापित करने में सहायता मिलेगी। उदाहरण के तौर पर सत्यम एक जमाने में शीर्ष आईटी कंपनी के तौर पर स्थापित हो चुकी थी और एकदम से कंपनी के क्या हालात हुए सबके सामने है। कोर्स में सत्यम के बैकग्राउंड, कंपनी कैसे बढ़ी, जनवरी 2009 में एकदम से कंपनी बुरी स्थिति में पहुंच गई, इसके ढहने के कारण क्या हैं, जाली अकाउंटिंग आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी(अनुराग मिश्र,हिंदुस्तान,दिल्ली,6.6.11)।

फुटवियर टेक्नोलॉजी की एक सीट के लिए लड़ेंगे चार छात्र

Posted: 06 Jun 2011 10:16 AM PDT

लेदर गुड्स, डिजाइनिंग व एसेसरीज एक्सपर्ट बनने के लिए छात्रों को कड़े कंपटीशन से गुजरना होगा। फुटवियर टेक्नोलॉजी, क्रिएटिव डिजाइन व लेदर गुड्स एंड एसेसरीज डिजाइन सहित अन्य कोर्स की प्रत्येक सीट पर चार छात्रों के बीच कंपटीशन रहेगा।

नोएडा के अलावा चेन्नई, कोलकाता, रोहतक, छिंदवाड़ा, जोधपुर व रायबरेली कैंपस में प्रवेश लेने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को 10 से 12 जून तक होने वाली प्रवेश परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर मौका मिलेगा। छात्र इन तीन दिन में से किसी एक दिन को प्रवेश परीक्षा के लिए चुन सकते हैं।

कैट व मैट में शामिल होने वाले छात्रों को इस परीक्षा से नहीं गुजरना होगा। इन प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्सनटाइल की तुलना प्रवेश परीक्षा के पर्सनटाइल से करने के बाद उन्हें दाखिला दिया जाएगा। सेक्टर-24 स्थित फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआई) सहित देश भर के छह अन्य इंस्टीट्यूट की 1600 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया इस माह के अंत में शुरू हो जाएगी। लेदर व फैशन इंडस्ट्री में भविष्य संवारने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों को ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों पर प्रवेश इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मिलेगा। लिखित परीक्षा में सफल छात्रों को जून के अंतिम सप्ताह में होने वाले ग्रुप डिस्कशन व पर्सनल इंटरव्यू से भी गुजरना होगा।
29 सेंटर पर होगी प्रवेश परीक्षा

सेक्टर-24 स्थित एफडीडीआई के अलावा प्रवेश परीक्षा के लिए देश भर में 29 सेंटर बनाए गए हैं। छिंदवाड़ा को छोड़कर अन्य सभी कैंपस को परीक्षा केंद्रों में शामिल किया गया है। 10, 11 व 12 जून को देश भर के केंद्रों पर होने वाली प्रवेश परीक्षा के परिणाम 17 जून को घोषित कर दिए जाएंगे।
नोएडा कैंपस में होगी काउंसलिंग
अखिल भारती प्रवेश परीक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल छात्रों की काउंसलिंग नोएडा कैंपस में होगी। यहीं पर उनकी रैंकिंग देखी जाएगी और जीडी व पीआई के बाद देश भर के सात कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा। छात्रों की काउंसलिंग जुलाई माह के पहले हफ्ते में शुरू हो जाएगी। ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की ड्वेल डिग्री प्रोग्राम के तहत छात्र फुटवियर टेक्नोलॉजी सहित अन्य कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। कोर्स खत्म होने के बाद छात्रों को एक डिग्री इग्नू देगा।
नोएडा नहीं इस साल रोहतक में होगी पढ़ाई :
पिछले साल रोहतक कैंपस में कंस्ट्रेक्शन का काम चलने के कारण वहां प्रवेश लेने वाले छात्र नोएडा कैंपस में पढ़ाई कर रहे थे। इस साल रोहतक कैंपस में प्रवेश लेने वाले छात्रों की कक्षाएं रोहतक कैंपस में संचालित होंगी(हिंदुस्तान,नोएडा,6.6.11)।

डीयूः1000 सीटों के लिए 10 हजार परीक्षार्थियों ने दिया केट

Posted: 06 Jun 2011 09:50 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय के चार प्रमुख पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए रविवार को अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की गई। डीयू के 21 कॉलेजों में बीए अंग्रेजी ऑनर्स कोर्स में दाखिले के लिए कंबाइंड एप्टिट्यूड टेस्ट फॉर इंग्लिश (केट) परीक्षा रविवार को डीयू के 25 केन्द्रों पर आयोजित की गई। करीब 1 हजार सीटों के लिए हुई इस परीक्षा में 10 हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। इसी प्रकार, विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेशनल कोर्सेज बीबीएस, बीएफआईए और बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कुल 37 केन्द्रों पर आयोजित की गई। केट परीक्षा जहां दोपहर 2 से 3.30 बजे तक चली, वहीं प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक चली। केट परीक्षा और प्रोफेशनल कोर्सेज बीबीएस और बीएफआईए की परीक्षाओं के परिणाम एक ही दिन 13 जून को घोषित होंगे। जबकि बीबीएई का रिजल्ट 25 जून को घोषित होगा। गौरतलब है कि शैक्षणिक सत्र 2011-12 में डीयू के 21 कॉलेजों में केट स्कोर के हिसाब से दाखिले होंगे। जबकि प्रोफेशनल कोर्सेज बीबीएस और बीएफआईए में साक्षात्कार, ग्रुप डिस्कशन और काउंसलिंग जबकि बीबीई में केवल काउंसलिंग के आधार पर दाखिले होंगे। केट परीक्षा में इस बार 17 की जगह 21 कॉलेज शामिल हुए हैं। परीक्षा के लिए 11 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो सुमन्यू सत्पथी ने बताया कि बीते साल केट परीक्षा के लिए 9 हजार आवेदन आये थे। इस साल चार नये कॉलेजों में किरोड़ीमल, जानकी देवी मेमोरियल, राजधानी कॉलेज व विवेकानंद महिला कॉलेज शामिल किए गए हैं। प्रवेश परीक्षा के नतीजे 13 जून को घोषित होंगे, जिसके बाद कॉलेज 15 जून को केट के स्कोर घोषित करेंगे। प्रो. सत्पथी ने बताया कि परीक्षा 100 अंकों की थी, जिसमें गलत जवाब देने पर एक अंक की नेगेटिव मार्किग थी। भारती कॉलेज से परीक्षा देकर निकली परीक्षार्थी परख ने बताया कि परीक्षा दो भागों में बंटा था। पहले भाग में 50 प्रश्न थे, जो आब्जेटिव टाइप के थे। जबकि दूसरे भाग में 6 प्रश्न थे जो सब्जेक्टिव टाइप थे। परख ने बताया कि प्रश्नपत्र में उपन्यास से जुड़े प्रश्न ही थोड़े मुश्किल थे, जो पहले भाग में थे। उन्होंने बताया कि दूसरे भाग में कविता और निबंध पर आधारित प्रश्न थे। उधर, डीयू के तीन प्रोफेशनल कोर्सेज बीबीएस, बीएफआईए और बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स की प्रवेश परीक्षा दिल्ली के 34 केन्द्रों में आयोजित की गई। जबकि कोलकाता, चंडीगढ़ और लखनऊ के तीन परीक्षा केन्द्रों में यह परीक्षा आयोजित की गई। कुल 891 सीटों के लिए इस बार 15 हजार 236 आवेदनकर्ताओं में से करीब 13500 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा 360 अंकों की थी और इसमें कुल 120 प्रश्न आए। बीबीएस में 275, बीएफआईए में 62 जबकि बीए बिजनेस इकनॉमिक्स में 554 सीटें हैं। प्रवेश परीक्षा दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज द्वारा संयोजित की गई थी। प्रश्न पत्र में क्वांटेटिव, रिजनिंग एंड एनालिटिकल व जनरल इंग्लिश से जुड़े प्रश्न पूछे गये थे। प्रवेश परीक्षा के नतीजे 13 जून शाम 5 बजे घोषित होने के बाद बीबीएस और बीएफआईए के लिए ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार 15 जून को आयोजित किया जाएगा। इसके बाद इन दो पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 30 जून शाम 5 बजे परिणाम घोषित होगा, जिसके बाद काउंसलिंग होगी। जबकि बीबीई के नतीजे 25 जून को घोषित होने के बाद काउंसलिंग से दाखिले होंगे। डीयू में 3 कॉलेजों में बीबीएस, बीएफआईए 1 कॉलेज में जबकि बीए बिजनेस इकनॉमिक्स 10 कॉलेजों में चलता है(राष्ट्रीयसहारा,दिल्ली,6.6.11)।

उदयपुरःहमारा आईआईएम का शैक्षणिक कार्यक्रम घोषित

Posted: 06 Jun 2011 09:30 AM PDT

भारतीय प्रबंध संस्थान(आईआईएम) के पहले बैच का शिक्षण कार्य 25 जुलाई से शुरू होगा। आईआईएम, इंदौर की ओर से पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपी) के प्रथम वर्ष का शैक्षणिक कार्यक्रम घोषित किया गया है। कक्षाएं 25 जुलाई, 2011 से 24 मार्च, 2012 तक चलेंगी। इसके बाद इंटर्नशिप होगी।

सुखाडिया विश्वविद्यालय परिसर में स्थित पॉलिमर साइंस भवन में पहला वर्ष तीन टर्म में चलेगा। पहला टर्म 25 जुलाई से आठ अक्टूबर तक चलेगा। दूसरा टर्म 27 अक्टूबर से शुरू होगा जो 31 दिसम्बर तक चलेगा। तीसरा टर्म 9 जनवरी, 2012 से 24 मार्च 2012 तक चलेगा। इसके बाद ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप होगी जो एक अप्रेल से 15 जून, 2012 तक चलेगी।
आईआईएम, उदयपुर की 72 सीटों पर प्रवेश के लिए 10 से 12 जून तक बेंगलूरू, दिल्ली, इंदौर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदाराबाद व जयपुर में साक्षात्कार होंगे। साक्षात्कार के लिए 576 विद्यार्थियों की सूची जारी की गई है। इन सभी विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद अंतिम वरीयता सूची जारी की जाएगी। आरक्षण नियमों के अनुसार पहले बैच में 34 सामान्य, 19 ओबीसी, 11 एससी, 6 एसटी व दो विकलांग विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,6.6.11)।

कमतर न आंकें विज्ञान के पारंपरिक पाठ्यक्रमों को

Posted: 06 Jun 2011 09:00 AM PDT

(नई दुनिया,दिल्ली,6.6.11)

मध्यप्रदेशःकाउंसिलिंग में संबद्धता का पेंच

Posted: 06 Jun 2011 08:45 AM PDT

प्रोफेशनल कोर्सेस की प्रवेश प्रक्रिया में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पेंच फंसा दिया है। इससे तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की 15 जून से शुरू होने वाली काउंसलिंग फिलहाल टल गई है। क्योंकि जब तक परिषद कालेजों की संबद्धता सूची जारी नहीं कर देता तब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हो सकती। उधर मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित प्री इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी टेस्ट का परिणाम विभाग का दूसरा परेशानी का कारण बना हुआ है। प्रदेश के इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए, फार्मेसी और अन्य प्रोफेशनल कोर्स के कालेजों में दाखिले तभी संभव होंगे जब एआईसीटीई कालेजों की संबद्धता घोषित कर देगा। हालांकि परिषद ने 30 मई को संबद्धता जारी करने को कहा था, जो नहीं हो सकी। विभाग ने इसी तिथि के आधार बनाकर 15 जून से काउंसलिंग शुरू करने का टाइम टेबिल तक तैयार कर लिया था। परिषद ने तिथि को एक माह आगे बढ़ा दिया है। अब ये सूची 30 जून को जारी होगी। उधर विभाग ने समय से काउंसलिंग और सत्र शुरू कराने काफी जद्दोजहद की। पर संबद्धता सूची नहीं मिलने से विभाग की समस्त तैयारियां फीकी पड़ गई हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि परिषद तय तिथि में सूची जारी कर देता है, तो काउंसलिंग तीन जुलाई से शुरू हो सकती है(दैनिक जागरण,भोपाल,6.6.11)।

राजस्थानःअध्ययन अवकाश के लिए विशेष अभियान

Posted: 06 Jun 2011 08:30 AM PDT

शिक्षा विभाग में नियुक्ति के बाद बीएसटीसी और बीएड करने वाली विधवा और परित्यक्ता महिलाओं के प्रशिक्षण दिनों के अध्ययन अवकाश के लम्बित प्रकरण निपटाने के लिए इसी माह विशेष अभियान चलेगा। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।
राज्य सरकार ने हाल में ऎसी शिक्षिकाओं के नियमितीकरण व अध्ययन अवकाश स्वीकृत करने के लिए राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम 1971 में संशोधन किया है। अब उन्हें वर्षो बाद पूरा वेतन मिल सकेगा। इस संशोधन से पहले उन्हें वेतनमान और वेतन वृद्धि सहित अन्य परिलाभ नहीं मिल पा रहे थे।


अब सरकार की मंजूरी के बाद प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक डॉ. वीणा प्रधान ने इनके लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने की कार्ययोजना बनाई है। इसी क्रम में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सात दिन में लम्बित प्रकरणों की सूचना निदेशालय भेजने के निर्देश दिए है। ये सूचनाएं आने के बाद प्रकरणों के निस्तारण के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय में विभिन्न लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए मण्डल स्तर पर बैठकों का दौर फिर से शुरू किया जा रहा है। इसी क्रम में निदेशक डॉ. वीणा प्रधान कोटा मण्डल के शिक्षा अधिकारियों की समीक्षा बैठक सोमवार को लेंगी। इसके बाद सात जून को भरतपुर मण्डल की बैठक होगी। इससे पहले चूरू, जयपुर और अजमेर मण्डलों की समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,6.6.11)।

यूपीःअब ऑनलाइन होगी फीस प्रतिपूर्ति व्यवस्था

Posted: 06 Jun 2011 08:10 AM PDT

तकनीकी और उच्च शिक्षा में छात्रों को मिलने वाली फीस प्रतिपूर्ति व्यवस्था में राज्य सरकार एक बार फिर बदलाव करने जा रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में फीस प्रतिपूर्ति की धनराशि का वितरण आन लाइन होगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग नया साफ्टवेयर तैयार करा रहा है। अभी छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति की धनराशि शिक्षण संस्थाओं को दी जाती है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण बलविन्दर कुमार ने बताया कि फीस प्रतिपूर्ति में लगातार मिल रही गड़बड़ियों की शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में तकनीकी, चिकित्सा तथा अन्य उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को मिलने वाली फीस प्रतिपूर्ति की धनराशि आन लाइन खातों में जाएगी। जिसमें फीस प्रतिपूर्ति पाने वाले छात्रों के नाम, उनके बैंक खातों का पूरा ब्योरा विभाग की साइड पर होगा और शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति धनराशि का चेक तभी क्लीयर होगा जब प्रतिपूर्ति की धनराशि को सीधे छात्रों के खातों में डाला जाएगा। प्रस्तावित व्यवस्था को नये सत्र से लागू करने की तैयारी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। राज्य सरकार हर साल प्रदेश के 680 उच्चशिक्षण संस्थाओं को करीब एक हजार करोड़ की धनराशि फीस प्रतिपूर्ति के रूप में देती है। जिसमें 650 तकनीकी शिक्षण संस्थान है जबकि 30 चिकित्सा संस्थान हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को फीस की शत-प्रतिशत धनराशि प्रतिपूर्ति के रूप में सरकार देती है, जबकि पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक तथा एक लाख से कम सालाना आय वाले सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को सरकारी शिक्षण संस्थानों की फीस के बरावर धनराशि प्रतिपूर्ति के रूप में मिलती है। पिछले साल तमाम शिक्षण संस्थानों में फीस प्रतिपूर्ति धनराशि में गड़बड़ी के मामले पकड़े गये थे। इसके बाद सरकार ने दलित छात्रों को छोड़कर बाकी अन्य सभी वर्गों के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था लागू की थी। शिक्षण सत्र के बीच में नयी व्यवस्था लाने का शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने विरोध किया था और अदालत चले गये थे। जिस पर सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े थे, लेकिन अब नये शिक्षण सत्र से सरकार आन लाइन सीधे छात्रों के खातों में फीस प्रतिपूर्ति की व्यवस्था को लाने जा रही है(राष्ट्रीयसहारा,लखनऊ,6.6.11)।

वीडियो जॉकी के तौर पर करिअर

Posted: 06 Jun 2011 07:30 AM PDT

चैनलों और इन पर प्रसारित होने वाले म्यूजिकल और अन्य तरह के शोज की दिन-ब-दिन बढ़ती संख्या की वजह से वीडियो जॉकी (वीजे) की मांग भी बहुत बढ़ गई है। यही वजह है कि युवा अब इसे बतौर करियर अपना रहे हैं और इस क्षेत्र में मौजूद अपार संभावनाओं की वजह से भी युवाओं का रुझान इस तरफ बढ़ा है। पहले जहां वीडियो जॉकी का काम सिर्फ म्यूजिकल शोज को होस्ट करना होता था, आज इनका क्षेत्र बहुत विस्तृत हो गया है। अब वीडियो जॉकी ट्रैवल शोज से लेकर युवाओं से जुड़े कार्यक्रम, रियलिटी शोज और इंटरव्यू आदि भी होस्ट करने लगे हैं।

योग्यताएं

वीजे बनने के लिए कोई खास तरह की एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन की जरूरत नहीं होती। हालांकि मास कम्यूनिकेशन, विजुअल कम्यूनिकेशन और परफॉर्मिंग आर्ट्स के आधार वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। बतौर करियर इस क्षेत्र में आने के लिए आपका वाक कौशल, ड्रेसिंग सेंस, बॉडी लैंग्वेज, आवाज और पर्सनेलिटी सभी कुछ परफेक्ट और आकर्षक होना चाहिए। इसके अलावा समसामयिक विषयों और मनोरंजक खबरों पर उसकी पकड़ अच्छी होनी चाहिए। एक वीजे के लिए भाषा पर पकड़ बेहद जरूरी है। जिस भी भाषा में उसे बात करनी है, उसमें उसे महारत हासिल होनी चाहिए, क्योंकि वीजे का काम ही बोलना... और बहुत बोलना है। इसके अलावा वीजे का सेंस ऑफ ह्यूमर भी लाजवाब होना चाहिए, ताकि वह अपने शो को और मजेदार बना सके।

संभावनाएं


आमतौर पर वीजे म्यूजिक चैनल्स और एंटरटेनमेंट चैनलों द्वारा अपने शो को होस्ट करने के लिए रखे जाते हैं। एमटीवी, चैनल वी, बी४यू म्यूजिक आदि कई ऐसे चैनल हैं जहां वीडियो जॉकी कई शोज होस्ट करते हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय चैनलों में भी वीडियो जॉकी के लिए अपार संभावनाएं हैं। हालांकि इस क्षेत्र में सिलेक्शन का दौर काफी मुश्किल होता है। इस क्षेत्र में चुने जाने के बाद आपके पास कई अन्य विकल्प भी होते हैं जैसे : मॉडलिंग, थियेटर, फिल्म, म्यूजिक वीडियो, एंकरिंग, न्यूज कास्टिंग आदि। 

वेतन

इस क्षेत्र में प्रवेश आसान नहीं है। वीजे को फुल टाइम या फिर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भी रखा जाता है और उन्हें शो के हिसाब से पैसे मिलते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में काम करने की उम्र भी बहुत कम है पर एक सफल वीजे अपने शो की लोकप्रियता के आधार पर १० हजार से ३५ हजार रुपए तक आसानी से कमा सकता है। यहां तक कि एक वीजे अपनी लोकपियता के आधार पर लाखों रुपए तक कमा सकता है। 

क्या करें 

मेट्रो शहरों में ऐसे कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट चलाए जाते हैं जहां वीडियो जॉकिंग की ट्रेनिंग दी जाती है। ये स्कूल आमतौर पर पूर्व वीजे ही चलाते हैं लेकिन इनकी संख्या सीमित है। इसके अलावा पब्लिक स्पीकिंग, वॉयस मॉड्यूलेशन जैसे शॉर्ट टर्म कोर्स भी किए जा सकते हैं। इसके अलावा मास कम्यूनिकेशन और विजुअल कम्यूनिकेशन का कोर्स भी लाभकारी है(कोमिका भारद्वाज,नई दुनिया,दिल्ली,6.6.11)

कोचिंग संस्थानों पर टॉपर का नाम इस्तेमाल करने की रोक

Posted: 06 Jun 2011 07:10 AM PDT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईआईटी और एआईईईई टॉपर छात्र और उसके परिवार को गलत रूप में प्रस्तुत करने वाले दो कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों और प्रकाशनों में उसके नाम, वीडियो और फोटोग्राफ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अदालत ने यह व्यवस्था वर्ष 2009 के आईआईटी जेईईई और एआईईईई टॉपर छात्र नितिन जैन की ओर से दायर याचिका पर दी। नितिन ने अपनी याचिका में कहा था कि फिटजी और आकाश आईआईटी-जीईई वाणिज्यिक लाभ के लिए अनधिकृत तरीके से उसके फोटोग्राफ और वीडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि मानहानिकारक है। न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने नितिन के अभिभावकों की ओर से दायर इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए संस्थानों के निदेशकों को समन जारी किए। न्यायमूर्ति मित्तल ने कहा-''प्रतिवादियों को समन जारी किए जाते हैं। उनके उसके (नितिन के) नाम, फोटो या उसकी उपलब्धि से संबंधित किसी भी सामग्री के समाचारपत्र, पत्रिका या कहीं भी इंटरनेट पर इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है।'' नितिन ने अपने वकील आरके सैनी के माध्यम से दायर अपनी याचिका में अपनी और अपने परिवार की मानहानि करने के लिए संस्थानों से दो करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की थी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,6.6.11)।

अब जेईई में तीसरी काउंसिलिंग भी

Posted: 06 Jun 2011 06:50 AM PDT

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में हुई ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की बैठक में जेईई 2011 को सफलता से कराने पर जहां पीठ थपथपाई गई, वहीं फीस जमा करने के बाद खाली रह जाने वाली सीटों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग का प्रावधान किया गया। तीनों चरणों की काउंसिलिंग का ब्योरा जेईई की वेबसाइट पर सोमवार को उपलब्ध होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, आइटी बीएचयू एवं आइएसएम धनबाद में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में सफल होकर काउंसिलिंग के जरिये अभ्यर्थी न केवल सीट लॉक करते थे, बल्कि फीस भी जमा कर देते थे, लेकिन प्रवेश नहीं लेते थे। जिससे हर साल लगभग चार-पांच सौ सीटें खाली रह जाती थी। इस पर लगाम लगाने के लिए ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड ने बीते वर्ष फीस जमा करके पढ़ाई न करने वाले अभ्यर्थियों को जेईई 2011 में बैठने ही नहीं दिया था(दैनिक जागरण,कानपुर,6.6.11)।

चंडीगढ़ःएमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वुमन है छात्राओं की पहली पसंद

Posted: 06 Jun 2011 06:30 AM PDT

एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वुमन, सेक्टर 36 उत्तर भारत के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। इसमें एडमिशन लेने के लिए छात्राओं की होड़ लगी रहती है। प्राइवेट कॉलेजों में एमसीएम की अलग ही धाक है।

कॉलेज मैनेजमेंट का कहना है कि कॉलेज को नैक, बेंगलुरू से ए ग्रेड दिया गया था। यही नहीं इंडिया टूडे की तरफ से जारी रैंकिंग में भी कॉलेज को इस रीजन में सर्वोच्च स्थान दिया है। कमरों में प्रोजेक्टर से लेकर कैंपस में सीसीटीवी कैमरों सहित हर तरह की आधुनिक सुविधाएं इस कॉलेज में है। छात्राओं के लिए कालेज में हाईटेक लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब में नेट की सुविधा भी है।

छात्राओं को फिट रखने के लिए जिम की भी सुविधा है। छात्राओं के लिए हर संकाय में दाखिले के लिए यह कॉलेज पहली पसंद है। कॉलेज में हर साल विभिन्न स्ट्रीम में 3200 छात्राओं को दाखिला दिया जाता है। कॉलेज में करीब 100 अनुभवी प्राध्यापक है। छात्राओं की ओवरऑल डेवलपमेंट करना ही मैनेजमेंट का मकसद है। उन्हें पढ़ाई ही नहीं खेलों में भी आगे रखने की कोशिश की जाती है। कॉलेज 43 वर्ष पहले शुरू हुआ था। इस दौरान कॉलेज कोखेल में 37 बार ओवरऑल ट्राफी मिल चुकी है। कालेज की कोशिश है कि यहां पढ़ने वाली छात्रा आत्मनिर्भर बने। सुविधाओं के मुकाबले कॉलेज का कोई मुकाबला नहीं है।

कोर्स: बीए (800 सीटें), (ऑनर्स), (वोकेशनल) ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरिएल प्रैक्टिस

बी.कॉम (210 सीटें), बीसीए (80 सीटें)

बेचुलर कोर्स इन साइंस (200-200 सीटें हर स्ट्रीम में)

बीएससी (मेडिकल), (नान मेडिकल), (वोकेशनल- कंप्यूटर एप्लिकेशन, फूड साइंस एंड क्वालिटी कंट्रोल)

बीएससी कंप्यूटर एप्लिकेशन (40 सीटें)

बीएससी माइक्रोबॉयल एंड फूड टेक्नोलॉजी (40 सीटें)

ऐड ऑन कोर्स (हर कोर्स में 40 सीटें)

- कम्यूनिकेटिव इंग्लिश

- कॉस्मेटोलॉजी एंड ब्यूटी केयर

- वीडियो रिपोर्टिंग

- इंटीरियर डिजाइनिंग एंड डेकोरेशन

- वेब डिजाइनिंग एंड मल्टीमीडिया

पोस्टग्रेजुएट कोर्स

डिप्लोमा कोर्स: पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लिकेशन (30 सीटें, एक साल का कोर्स)

- पीजी डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन (30 सीटें, एक साल का कोर्स)

डिग्री कोर्स: एमए सोशियोलॉजी (60 सीटें)

- एमए इंग्लिश (40 सीटें)


- एमएससी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (30 सीटें)


पिछले साल का कट ऑफ परसेंटेज

बी.कॉम 94.4

बीसीए 80

बीएससी कोर्स 70

बीए कोर्स 60 से 75 परसेंट

पीजी कोर्स 70 परसेंट

हॉस्टल सुविधा

एमसीएम डीएवी के हॉस्टल में 900 लड़कियां रह सकती है। यहां हॉस्टल का एक नया ब्लॉक बीते सेशन में ही तैयार किया गया है। अब होस्टल में कुल छह ब्लॉक हैं।

एडमिशन की प्रक्रिया

नॉर्मल एडमिशन 11 जुलाई से 23 जुलाई तक

प्रिंसिपल की अनुमति से 500 रुपये लेट फीस के साथ एडमिशन 25 जुलाई से 6 अगस्त तकटीचिंग सेशन 7 जुलाई से

11 जुलाई से नए एडमिट स्टूडेंट्स की क्लासें

वाइस चांसलर की अनुमति से 1800 रुपये लेट फीस के साथ एडमिशन 8 अगस्त से 31 अगस्त तक(दैनिक भास्कर,1.6.11)

उत्तर रेलवे कर्मचारियों का होगा मनोवैज्ञानिक परीक्षण

Posted: 06 Jun 2011 06:10 AM PDT

रेलवे कर्मचारियों की मनोदशा जानने और उनकी मानसिक बीमारियों को दूर करने के लिए जल्द ही उत्तर रेलवे मंडल चिकित्सालय में मनोवैज्ञानिक चिकित्सक की तैनाती होगी। इसके साथ दृष्टि दोष से पीडि़त कर्मियों के आंखों की जांच के लिए एक आप्टोमेटरी और त्वचा से संबंधित रोगों के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति भी की जाएगी। ये सभी नियुक्तियां संविदा पर होंगी। उत्तर रेलवे मंडल चिकित्सालय में पिछले दो साल से संविदा के तीन डॉक्टरों के पद खाली चल रहे थे। रेलवे प्रशासन ने कर्मचारियों और उनके आश्रितों की मानसिक बीमारियों को दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सक की तैनाती करने का आदेश दिया। इसके अलावा अस्पताल प्रशासन को पता चला कि उनकी ओपीडी में त्वचा रोग से पीडि़त कई मरीज आते हैं। इस अस्पताल में रेल मंडल के 25 हजार कर्मचारियों, इतने ही सेवानिवृत्त और उनके पचास हजार आश्रित पंजीकृत हैं। प्रतिदिन तीन से चार सौ मरीज यहां ओपीडी में जांच कराने आते हैं। मरीजों की संख्या बहुत अधिक होने के बावजूद यहां पर सभी रोगों के चिकित्सक न होने से मरीजों को बहुत परेशानी होती है। त्वचा और मानसिक रोग से पीडि़त कर्मचारियों और उनके आश्रितों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा था। जल्द ही मेडिकल बोर्ड नये डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। डीआरएम लखनऊ, जोगेश सिंह सोंधी का कहना है कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सक और त्वचा रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति होने से रेलवे कर्मचारियों को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ेगा। उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी(एकता मिश्रा,दैनिक जागरण,लखनऊ,6.6.11)।

यूपीःशिया पीजी की प्रवेश प्रक्रिया भी ऑनलाइन

Posted: 06 Jun 2011 05:50 AM PDT

विश्र्व पर्यावरण दिवस पर शिया पीजी कॉलेज ने प्रवेश प्रक्रिया में कागज के प्रयोग को ना कह दिया है। प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को कॉलेज की वेबसाइट से ही प्रोस्पेक्टस डाउनलोड करना होगा। प्रवेश फार्म भरने से लेकर उनमें हुई त्रुटियों को सुधारने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। अभ्यर्थियों को मेरिट समेत किसी भी अपडेट की जानकारी उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ.एमएस नकवी ने बताया कि ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया से दूर दराज के विद्यार्थियों को खासा लाभ होगा। उन्होंने इस प्रक्रिया को पर्यावरण के लिए भी हितकर बताया। शिया पीजी कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन करने वाला राजधानी का पहला महाविद्यालय बन गया है। महाविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को वेबसाइट चालान फार्म डाउनलोड करना होगा। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए चालान फार्म का शुल्क स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कर जनरल नंबर प्राप्त करना होगा। इस नंबर के सहारे आवेदन करना होगा। प्रिंट की कॉपी स्पीड पोस्ट के जरिए महाविद्यालय भेजना होगा। फार्म भरते समय अभ्यर्थियों से ई-मेल और मोबाइल नंबर भी मांगा जाएगा। प्रवेश संबंधी जानकारियां विद्यार्थियों को इन्हीं माध्यमों के जरिए दी जाएंगी। प्रवेश मेरिट के आधार पर दिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.6.11)।

राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
शिया पीजी कालेज में स्नातक-परास्नातक पाठ्यक्रमों की ऑन लाइन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। स्नातक में प्रवेश के लिए छात्रों को 250 रुपये बैंक से चालान के माध्यम से शुल्क देना होगा और फार्म स्पीड पोस्ट के जरिये ही स्वीकार किये जाएंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एमएस नकवी ने बताया कि पीजी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों को 350 रुपये शुल्क अदा करना होगा। दाखिला मेरिट के आधार पर होगा। अर्जी पांच जुलाई तक दी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सीटों और शुल्क का ब्योरा महाविद्यालय की वेबसाइट पर दे दिया गया है। छात्रों संस्थान की वेबसाइट शिया पीजी कालेज डाट इन पर जाकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू का सकते हैं। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में सीधे आकर फार्म जमा नहीं किये जाएंगे। सिर्फ स्पीड पोस्ट से आने वाले आवेदनों की ही मंजूर किया जाएगा। एलएलबी में भी प्रवेश इसी के साथ शुरू हो गये हैं। स्नातक में प्रवेश के लिए न्यूनतम 40 फीसद अंक, परास्नातक व एलएलबी के लिए 45 फीसद अंक वाले छात्रों के फार्म ही मंजूर किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को अलग-अलग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन देने पर शुल्क भी अलग देना होगा। पांच जुलाई के बाद मेरिट तय करने प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी और लविवि का शैक्षिक सत्र 16 जुलाई से शुरू होने के मद्देनजर महाविद्यालय में भी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास होगा। महाविद्यालयों के नियमों के मुताबिक शिया छात्रों को प्रवेश में तरजीह दी जाएगी।

नंबर गेम में यूपी बोर्ड का भी इम्तिहान

Posted: 06 Jun 2011 05:30 AM PDT

बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले ही प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने यह निर्देश दिए थे कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि छात्रों को उनके सवालों के अधिक से अधिक नंबर हासिल हो सकें और उनकी छोटी-छोटी भूल को नजरअंदाज किया जाए। सोमवार को इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट यह भी घोषित करेगा कि यूपी बोर्ड के परीक्षकों ने अपने मंत्री की बातों को कितना गंभीरता से लिया। इसके साथ ही यह भी साबित हो जाएगा कि सीबीएसई-आइसीएसई के मुकाबले नंबर गेम में अव्वल रहने की बोर्ड की कोशिशें कितनी सफल हुईं। गौरतलब है कि प्रदेश का माध्यमिक शिक्षा विभाग पिछले तीन सालों से केंद्रीय बोर्ड की तुलना में अपने छात्रों के बीच की नंबरों की खाईं पाटने में जुटा हुआ है। इसके तहत ही इन बोर्ड तर्ज पर पाठ्यक्रम में परिवर्तन किए गए। प्रश्नपत्रों के प्रारूप में भी बदलाव किया गया। इसके अपेक्षित परिणाम भी निकले और पिछले साल इंटर में लगभग 80.54 प्रतिशत छात्रउत्तीर्ण हुए। हालांकि इनमें लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 73.55 ही था। उससे पहले 2009 में भी 79.54 प्रतिशत छात्र सफल रहे। इसके बावजूद सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेंकेडरी एजुकेशन) और आइसीएसई (काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट इग्जामिनेशन की इंटरमीडिएट परीक्षा) के छात्र यूपी बोर्ड की तुलना में आगे ही रहे। इस साल इस बारे में शुरू से ही सतर्कता बरती गई। साख बचाने के लिए पहली बार यूपी बोर्ड ने सीबीएसई व आइसीएसई की तरह नकलचियों की संख्या का आंकड़ा भी सार्वजनिक नहीं किया। मूल्यांकन में भी उदारता बरतने के निर्देश दिए गए। स्टेप मार्किग के तहत छात्रों को हर स्टेप पर नंबर देने के लिए परीक्षकों को सीडी के माध्यम से प्रशिक्षित भी किया गया। खुद माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने यह निर्देश दिया कि छात्रों की कामा और फुलस्टाप जैसी गलतियों को नजरअंदाज किया जाए। फिर भी क्या अपेक्षित परिणाम आएंगे? यह सवाल बना ही हुआ है। यूपी बोर्ड के एक अधिकारी कहते हैं यह आसान नहीं है। हम 15 लाख से अधिक छात्रों की परीक्षा कराते हैं, जबकि अन्य बोर्ड में हमारे मुकाबले 10 फीसदी छात्र भी नहीं होते। कमोवेश यह सही भी है। 2011 की इंटर की परीक्षा में छात्रों की संख्या बीस लाख से अधिक है। 2010 में बैठे छात्रों की तुलना में लगभग पांच लाख ज्यादा, जबकि सीबीएसई बोर्ड में एक लाख 40 हजार और आइएससी बोर्ड में 57 हजार छात्रों ने परीक्षा दी(हरिशंकर मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,6.6.11)।

बिहारःशिक्षक पात्रता परीक्षा अगस्त में

Posted: 06 Jun 2011 05:10 AM PDT

राज्य के सरकारी विद्यालयों में करीब एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अगस्त माह में पात्रता परीक्षा होगी। इस बाबत विद्यालय परीक्षा समिति और एससीईआरटी ने मानव संसाधन विकास विभाग को एक प्रस्ताव दिया है। हालांकि सरकार के स्तर पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। एचआरडी ने पात्रता परीक्षा का नया कार्यक्रम तय करने के पहले राज्य भर के डीईओ और डीएसई की बैठक बुलायी है। उनकी राय जानने के बाद ही इस पर अंतिम फैसला किया जायेगा। सरकार ने पहले 17 जुलाई की तिथि तय की थी। लेकिन आवेदन फार्म की कमी के कारण कई जिले में बवाल के बाद सरकार ने कार्यक्रम को ही स्थगित कर दिया। पात्रता परीक्षा के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने दस लाख आवेदन छपवाये थे। इस बार अभ्यर्थियों की बाढ़ को देखते हुए तीस लाख और आवेदन छपवाये जा रहे हैं। भीड़ से बचने के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने अनुमंडल स्तर पर भी आवेदन बिक्री के लिए काउन्टर खोलने की घोषणा की है। सरकार अब तक करीब सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर चुकी है। कई चरणों में करीब तीन लाख शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रस्ताव है। पात्रता परीक्षा में अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी शामिल होंगे। इसके लिए केन्द्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। विभाग ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.6.11)।

यूपी बोर्डःइंटर का रिजल्ट घ




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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