Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Wednesday, March 30, 2016

सिपाही भाइयों के नाम खुला पत्र हिमांशु कुमार

सिपाही भाइयों के नाम खुला पत्र

हिमांशु कुमार
बी०एस०एफ० के पूर्व प्रमुख ई० एस० राम मोहन एक दिन हमारे घर आये| उन्होंने एक किस्सा सुनाया| एक बार वो आँध्रप्रदेश में सी०आर०पी०एफ० के किसी कार्यक्रम में बोल रहे थे| वहाँ उन्होंने कहा कि हमें हिंसा कम करने के लिए नक्सलियों से वार्ता करनी चाहिए| इस पर सी०आर०पी०एफ० के लोग बिफर गये और बोले वो हमें मारने के लिए हमारे नीचे बारूदी सुरंग बिछाते हैं, हम उनसे बात कैसे कर सकते हैं? राम मोहन जी ने कहा कि आप यहाँ किसकी रक्षा करने आये हो? और किसकी रक्षा कर रहे हो? आंध्रप्रदेश में क़ानूनी तौर पर कोई भी तीस एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं रख सकता| लेकिन जमींदारों ने कई - कई हजार एकड़ जमीन अपने पास रखी हुई है| आप कानून तोड़ने वाले जमींदारों की रक्षा करते हो| जिस दिन आप जमींदारों को कहोगे कि हम आपको ये गैर क़ानूनी जमीन नहीं रखने देंगे| और आप वो जमीन गांव के गरीबों में बंटवा दोगे, उस दिन से आपके नीचे बारूदी सुरंगे लगनी बन्द हो जायेंगी| गरीब के खिलाफ काम करोगे, कानून के खिलाफ काम करोगे संविधान के खिलाफ काम करोगे तो लोग आप पर हमला करेंगे ही? देश के हर सिपाही को, हर सैनिक को अपने आप से पूछना चाहिये कि वो किसका सैनिक है? उसे किसकी तरफ से लड़ना है और किसके खिलाफ लड़ना है| 
ये वही राम मोहन जी हैं जिन्हें दंतेवाडा में छिहत्तर सी आर पी एफ के सिपाहियों के मरने पर भारत सरकार ने जांच करने के लिए भेजा था ! और आज तक सरकार की हिम्मत नहीं हुई कि उनकी दी हुई रिपोर्ट प्रकाशित करने कर सके !

आज हमारे सिपाही किससे लड़ रहे हैं? क्या बेईमान अमीरों से ? भ्रष्ट नेताओं से ? नहीं, आज हमारे सिपाही लड़ रहे हैं गरीबों से, आदिवासियों से, दलितों से, अपना हक़ मांगने वाली महिलाओं से | यानि सिपाही लड़ रहे हैं देश के विरुद्ध, क्योंकि ये करोड़ों गरीब, दलित, आदिवासी महिलाएं ही देश हैं| और रक्षा कर रहे हैं अमीरों और नेताओं की| यानि हमारे सिपाही मुट्ठी भर गलत लोगों की तरफ से करोड़ों देशवासियों के खिलाफ लगातार युद्ध में लगे हुए हैं | क्या एक गरीब व्यक्ति पुलिस को अपना रक्षक मानता है? क्या एक गांव की आदिवासी लडकी अपनी इज्जत बचाने के लिये पुलिस थाने की शरण ले सकती है? सब जानते हैं कि आप रेहड़ी वालों से ,खोमचे वालों से , रिक्शे वालों से , रेल की पटरी पर फेंकी हुई पुरानी पानी की बोतलें बीनने वाले बच्चों से भी पैसे वसूलते हैं ! क्या यही क़ानून की रक्षा है ? क्या यही देश भक्ति है ? खुद से पूछिये इनके जवाब?

अगर आप में से किसी में भी साहस है सत्य और कानून का साथ देने का तो मैं आपको कुछ वारंट देता हूँ कुछ बलात्कारी पुलिसवालों के खिलाफ | इन्होने उसी इलाके में बलात्कार किये हैं जिस इलाके में छियत्तर जवानों की जान गयी ! ये बलात्कारी पुलिस वाले आज भी खुलेआम छत्तीसगढ़ के दोरनापाल थाने में रहते हैं| हर महीने तनख्वाह लेते हैं| लेकिन सरकार कोर्ट में कहती है कि ये फरार हैं| आइये, कानून को लागु कीजिये, पकड़िये इन्हें और कोर्ट को सौंप दीजिये| मान लेंगे हम कि आप बहुत वीर सैनिक हैं| लेकिन आपकी बहादुरी तो नियमगिरी की पहाड़ी पर रहने वाले आदिवासियों के पूरे के पूरे गांव पर धारा ३०२ लगाने में दिखाई देती है| आपकी बहादुरी उड़ीसा के जगतसिंहपुर की तीन गांव की हर महिला पर फर्जी मुकदमे लगा देने में दिखाई देती है जो पोस्को नामक विदेशी कम्पनी को अपनी जमीन देने का विरोध करने के लिये जमीन पर लेट कर सत्याग्रह कर रही हैं|

आपकी नियुक्ति भारत के संविधान की रक्षा के लिये हुई है| लेकिन आप रोज संविधान तोड़ने वालों का साथ देते हैं और आप रोज संविधान लागू करने वालों पर हमला करते हैं| भारत का संविधान कहता है आदिवासियों की जमीने आदिवासियों की ग्राम सभा की अनुमति के बिना सरकार नहीं ले सकती| लेकिन पूरे आदिवासी क्षेत्रों में पुलिस की बंदूक के बल पर ये भ्रष्ट नेता, उद्योगपतियों से पैसा खाकर आदिवासियों की जमीने छीन रहे हैं| आप इन नेताओं के लिये संविधान तोड़ते हैं | जबकि आपको इन नेताओं की छाती पर बंदूक टिकाकर बोलना चाहिये कि मिस्टर चीफ मिनिस्टर मैं आपको भारत का संविधान नहीं तोड़ने दूँगा| और जिस दिन आपकी बंदूक भ्रष्ट नेता के खिलाफ उठेगी उसी दिन नक्सलवाद समाप्त हो जायेगा|
विदेशी कम्पनियाँ इस देश की जमीने हथिया रही हैं,! ये विदेशी सौदागर इस देश के खनिज की दौलत को लूट रहे हैं किसके दम पर ? आपके दम पर | आप इस देश को लूटने वाली कम्पनियों का साथ दे रहे हैं ! यही काम तो आजादी से पहले अंग्रेजों की पुलिस ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिये करती थी| तो आप आजादी के बाद फिर से गुलामी ला रहे हैं ? और जो जनता इस देश की दौलत को इन कम्पनियों की लूट से बचाने के लिये लड़ रही है, आप उस जनता पर गोली चला रहे हो ? ये देश भक्ति है ?
आप सोचते हैं आप लालची नेताओं, भ्रष्ट अमीरों के आदेश पर गरीबों को मारने जाओगे और अगर गरीब खुद को बचाने के लिये पलट कर आपको मार देगा तो हम आपके लिये आँसू बहायेंगे | बिलकुल नहीं | हम गरीबों के साथ हैं | हम अत्याचारी के खिलाफ हैं | और आप अत्याचारी के साथ खड़े हैं ! तो एक गाँधीवादी के नाते मैं आपको सलाह देता हूँ कि आप तुरंत अत्याचारी को छोड़कर गरीब जनता की तरफ आ जाइये| संविधान की तरफ आइये ! देश की तरफ आइये ! हम आपके मानवाधिकारों के लिए तो लड़ सकते हैं लेकिन आपके बन्दूकाधिकार के लिए बिलकुल नहीं !



--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: