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Thursday, August 22, 2013

अब एसएसकेएम में 65 करोड़ के घोटाला मामले में सूर्यकांत मिश्र के खिलाफ जांच

अब एसएसकेएम में 65 करोड़ के घोटाला मामले में सूर्यकांत मिश्र के खिलाफ जांच

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

माकपा के सबसे आक्रामक नेता गौतम देव को आवास गोटाले में घेरने के बाद मां माडी मानुष की सरकार अब एसएसकेएम में 25 करोड़ के घोटाला मामले में सूर्यकांत मिश्र के खिलाफ जांच करवा रही है।कांग्रसे राज्य विधानसभा में विपक्ष का दर्जा लेने जा रही है। विधानसभा में सूर्यकांत मिश्र की विपक्षी नेता की कुर्सी डांवाडोल हैं।आधिकारिक रुप से वे ही इस वक्त पार्टी के नेता हैं,बुद्धदेव या गौतम देव नहीं। उनको घेरकर माकपा को और ज्यादा आक्रामक तरीके से कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है सरकार।आहिस्त आहिस्ते मरीचझांपी की फाइलें कोलने की दिशा में बढ़ रही हैं। सत्ता संभालते ही वे मरीचझांपी का मुयाअना कर आयी हैं मौके पर।तब उन्होंने वायदा किया था कि मरीचझांपी समेत तमाम मामले वो नये सिरे से खोल देंगी।जाहिर है कि सिलसिला तेज है।

वाम जमाने में एसएसकेएम अस्पताल में पढनपाढन सामग्री के आसबाब की खरीददारी में 65 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है।इसी सिलसिले में सीआईडी ने इंस्टीच्युटआफ पोस्टग्रेजुएट एजुकेशन एंड मेडिकल रिसर्च के अधीक्षक समेत तीन अफसरान के खिलाफ जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराने हेतु गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी है।स्पेशल आडिट रपट में इस घोटाले का पर्दापाश हुआ है।इसी सिलसिले में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सूर्यकांत मिश्र के खिलाफ भी जांच कर रही है सीआईडी।


गौरतलब है कि एसएसकेएम अस्पताल के लिए पठन पाठन आसबाब की यह खरीददारी 1996 से लेकर 2003 की अवधि में की गयी।खास बात है कि इस खरीददारी के लिए तत्कालीन स्वास्थ्यमंत्री की इजाजत भी ली गयी थी।आरोप है कि इस खरीददारी की कोई जरुरत ही नहीं थी।इस खरीदारी में बतौर कमीशन मोटी रकम के लेन देन का आरोप भी है।इस खरीददारी के लिए कोई निविदा जारी नहीं की गयी और पंसदीदा कंपनियों से सौदा किया गया।

यह खरीददारी वाम जमाने में ही आरोपों के घेरे में थी और वाम जमाने में ही स्पेशल आडिट कराया गया। आडिट में आरोपों की पुष्टि हुई और घोटाला साबित भी हुआ।श्वच्छ छवि के सूर्यकांत मिश्र ने बाहैसियत जांच क्यों नही करायी और कार्रवाई क्यों नहीं की,ये यक्षप्रश्न हैं।आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस खरीददारी की कोई निगरानी नहीं की।


सत्ता परिवर्तन के बाद यह रपट सामने आयी तो दीदी ने नये सिरे से जांच के आदेश दे दिये।जिसकी कार्रवाई अब हो रही है।


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