इधर आ सितमगर हुनर आजमाएं, तू तीर आजमा हम जिगर आजमाएं
इंसाफ की जंग में शामिल हाने को 10 जुलाई को विधान सभा चलो
हजरात,
मौलाना खालिद मुजाहिद को इंसाफ दिलाने की जंग मिल्लत ने उनकी शहादत के बाद से ही छेड़ रखी है। एक महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है, सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडियाऔर दीगर तंजीमें रिहाई मंच के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विधान सभा के सामने गैर मुअय्यना मुद्दत के लिए धरने पर हैं। हमारा मुतालबा है कि मौलाना खालिद के कातिल पुलिस अफसरान को गिरफ्तार किया जाए, पर सपा सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। पहले पूरे मामले को ठंडा करने के लिए विधान सभा में निमेष कमीशन की रिपोर्ट कार्रवाई रिपोर्ट के साथ पेश करने का शगूफा छोड़ा, हमें धरना खत्म करने पर मजबूर करने की कोशिश की और अब विधानसभा का इजलाश अपने वक्त पर न बुलाकर पूरे सूबे के मुसलमानों और इंसाफ पसन्द अवाम के साथ धोखा कर रही है। हूकूमत की इस चाल को नाकाम करने और इंसाफ की इस लड़ाई में कामयाबी हासिल करने तक हम इस तहरीक को जो पिछले 22 मई से लू के थपेड़ों के बीच शुरु हुई थी, अंजाम तक ले जाएंगे।
हमारा यह अज्म है कि रमजान के पाक महीने में भूखे-प्यासे रहकर भी विधानसभा के सामने नाइंसाफी के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करते रहेंगे। हम यह भी जानते हैं कि रमजान के महीने में हूकूमत के वजरा और लीडरान बड़ी बेशर्मी के साथ सर पर गोल टोपी रखकर अफ्तार पार्टियों की जीनत बनने की कोशिश करेंगे। हो सकता है कि मुसलमनों को खुश करने की इस मुहीम में कुछ मौकापरस्त मौलानाओं की हिमायत भी हासिल हो जाए, लेकिन हम यह बता देना चाहते हैं कि हम हुसैनी हैं, हक के लिए अपनी जान भी देना जानते हैं और कोई कर्बला हमारे हौसलों को पस्त नहीं कर सकती। जिस तरह इमाम हुसैन ने भूखे-प्यासे रहकर हक की सरबुलंदी के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था। हमने भी अहद किया है कि रमजान के महीने में अपनी मुतलबात को मनवाने के लिए हर तरह की कुर्बानी के लिए तैयार रहेंगे। हम आपसे यह भी कहना चाहेंगे कि समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वजीरों व अरकान ए असेम्बली से आप यह सवाल जरूर पूछें कि कि हुकूमत असेम्बली के इजलास को क्यों रमजान के महीने में ले जाना चाहती है और हमारे जाएज मुतालबात को मानने के लिए वो सरकार पर दबाव क्यों नहीं बना रहे हैं।
हजरात, 10 जुलाई को इस तारीखी तहरीक का पचासवां दिन है। हमारी आप से अपील है कि उस दिन बड़ी तादाद में विधान सभा के सामने तशरीफ लाएं और इस बेहिस हुकूमत को यह एहसास दिला दें कि रोजे के हालत में भी इंसाफ की जंग लड़ना हमारी विरासत रही है।
मोहम्मद आफाक अध्यक्ष
मो0- 9721786572
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