Saturday, April 11, 2015

सभी केन्द्रीय,राज्य विश्वविद्यालयों में चुपके से फीस वृद्धि की खबरें है जिन्हें संसाधन निर्माण के नाम पर सरकार छात्रों और अभिभावकों पर थोप रही है ।

छात्र आंदोलन और हितों से जुड़े साथियों से अपील है की सरकार के छात्र विरोधी रवैये का खुल कर विरोध करने का समय आ गया है । पूर्ण बहुमत की छात्र विरोधी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर शिक्षा के बाजारीकरण को रोकनें में आपसी सहयोग करें । 
सभी केन्द्रीय,राज्य विश्वविद्यालयों में चुपके से फीस वृद्धि की खबरें है जिन्हें संसाधन निर्माण के नाम पर सरकार छात्रों और अभिभावकों पर थोप रही है । शिक्षा व्यवस्था की व्यधा आपसे छुपी नहीं है उसके बावजुद पूर्ण सरकार के व्यापारी रवैये ने देश की शिक्षा को बेचने का काम शुरू कर दिया है।

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