Thursday, September 26, 2013

आतंकवादियों ने किया पुलिस थाने, सैन्य शिविर पर हमला, आठ लोगों की मौत

आतंकवादियों ने किया पुलिस थाने, सैन्य शिविर पर हमला, आठ लोगों की मौत

hursday, 26 September 2013 10:40

जम्मू। सेना की वर्दी पहने हुए और बड़ी संख्या में हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों ने जम्मू इलाके में आज दोहरा आतंकी हमला करते हुए एक पुलिस थाने और एक सैन्य शिविर को निशाना बनाया तथा एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत आठ लोगों की हत्या कर दी। 
यह आतंकी हमला ऐसे समय किया गया है जब आगामी रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात होने वाली है। 
अधिकारियों ने बताया कि कठुआ में हीरानगर पुलिस थाने पर किए गए दु:साहसी आत्मघाती हमले में चार पुलिसकर्मियों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। इसके कुछ ही देर बाद साम्बा के निकट सैन्य शिविर पर हुए इसी प्रकार के हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह समेत सेना के तीन जवान शहीद हो गए।
शिविर में हुए हमले में इकाई के कर्नल स्तर के एक कमान अधिकारी (सीओ) समेत तीन लोग घायल हो गए। यहां 16 कैवेलरी की एक इकाई तैनात है।
पुलिस ने बताया कि तीन आतंकवादी पहले सुबह करीब पौने सात बजे जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट कठुआ जिले के हीरानगर पुलिस थाने में जबरन घुस आए और उन्होंने ग्रेनेड फेंकने के बाद वहां अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) शकील बैग ने बताया कि हमले में एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए और एक अन्य एएसआई घायल हो गया। इस हमले में एक नागरिक की भी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद आतंकवादियों ने राजमार्ग पर एक टेम्पो ट्रक को रास्ते में रोक लिया। वे उस ट्रक में सवार हो गए और उसके चालक को जम्मू की ओर जाने को मजबूर किया।
ट्रक को साम्बा में सैन्य शिविर के बाहर रोका गया। आतंकवादियों ने शिविर के सुरक्षा द्वार पर तैनात जवानों को अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने शिविर के परिसरों पर हमला किया।
आतंकवादी सेना के भोजनालय में घुस आए और वहां भी अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इसके बाद सैन्य बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिससे भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई जो अब भी जारी है। 
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बताया कि एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत सेना के तीन जवान शहीद हो गए और इकाई के कमान अधिकारी समेत तीन लोग घायल हो गए।
यह हमला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कल अमेरिका रवाना होने के एक दिन बाद किया गया है जहां वह रविवार को शरीफ से मुलाकात निर्धारित है। भाजपा ने इसका विरोध किया है।

इस हमले को सीमा के उस पार की ओर से बैठक के कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादियों का लक्ष्य भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच प्रस्तावित वार्ता को बाधित करना है।
उमर ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कश्मीर में शांति के प्रतिकूल ताकतों को इस कायरतापूर्ण हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नयी दिल्ली में कहा, ''हम हमलों की जांच करने की प्रक्रिया में हैं।''
जम्मू इलाके के पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि कठुआ में हुए पहले हमले में तीन-चार आतंकवादी ऑटोरिक्शा में आए और पुलिस थाने पर तैनात गार्ड की हत्या कर दी। 
उन्होंने बताया कि इसके बाद वे पुलिस थाने में जबरन घुस आए जहां उन्होंने तीन लोगों की हत्या कर दी।
कुमार ने कहा, '' इसके बाद उन्होंने एक ट्रक को रोका और घटनास्थल पर ट्रक चालक को घायल कर दिया। इसके बाद वे चालक के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आगे बढे।''
उन्होंने कहा, '' उन्होंने कुछ देर बाद ट्रक को छोड़ दिया। इसके बाद संभवत: उन्होंने एक अन्य वाहन लिया और वे साम्बा में सैन्य शिविर पर पहुंचे। मुठभेड़ जारी है। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के अतिरिक्त बल वहां मौजूद हैं।''
दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि साम्बा में 16 कैवेलरी तैनात है। भारतीय जनता पार्टी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के छद्म युद्ध के माध्यम से जब चाहे अपनी मर्जी से हमला करने की रणनीति जारी रखे हुए है। 
भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने 26/11 के हमले के बाद और दो जवानों के सिर काटे जाने के बाद दोनों सदनों के जरिए स्वयं देश को भरोसा दिलाया था कि हम पाकिस्तान से तब तक दूसरी बार वार्ता नहीं करेंगे, जब तक वह आतंकवाद के खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई नहीं करता।''
उन्होंने कहा, '' लेकिन आज हम देख रहे हैं कि भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ''

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