Thursday, August 22, 2013

Rajiv Nayan Bahuguna मेरे सम्पादक , मेरे संतापक --२८ खलक खुदा का , मुलुक बादशाह का ..

मेरे सम्पादक , मेरे संतापक --२८ 
खलक खुदा का , मुलुक बादशाह का ...
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सचमुच कुछ नही खा रहा क्या ये ? और तुम्हारा क्या नाम है डॉक्टर ? मैंने प्रधान मंत्री के इस प्रश्न का विनम्र जवाब दिया - सर मैं डॉक्टर नहीं , उनका आत्मज हूँ . ओह , महान पुरुष के सुपुत्र हैं आप , नरसिम्हा राव ने पैंतरा बदलते हुए कहा . इससे पहला प्रश्न उन्होंने मुझे एम्स का डाक्टर समझते हुए अन्ग्रेज्ज़ी में किया था . अब बहु भाषा विद छली नरसिम्हा राव मेरी ही तरह संश्लिष्ठ हिन्दी में बात करने लगे .

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