Tuesday, July 9, 2013

उत्तराखंड आपदाः पढ़िए, लाशों की 'आपबीती'

उत्तराखंड आपदाः पढ़िए, लाशों की 'आपबीती'

देहरादून/इंटरनेट डेस्क | अंतिम अपडेट 8 जुलाई 2013 6:36 PM IST पर

uttarakhand disaster
उत्तराखंड की आपदा में अब तक मरने वालों का कोई आंकड़ा सरकार ने जारी नहीं किया है। जबकि स्‍थानीय लोगों और प्रत्यक्ष‌दर्शियों के मुताबकि यह आंकड़ा कई हजार है। प्रशासन के मुताबिक करीब 1 लाख लोगों को बचाया गया है। जबकि मरने वाले कुछ ही लोगों का अभी तक अंतिम संस्कार हुआ है। पूरे देश में मृतकों के अंतिम संस्कार को लेकर बेहद नाराजगी है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी इन दिनों अंतिम संस्कार को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। पेश है ऐसी ही एक आपबीती---

मैं एक करोडपति आदमी हूं। मेरी उम्र 45 साल है, मैं 15 जून को उत्तराखण्ड घूमने आया था। मेरे साथ मेरा परिवार भी था। 16-17 जून की रात मे आए तेज सैलाब मे मैं बह गया। 27 जून को मेरी आंख खुली तो मैने देखा मेरे चारो ओर लाशों का अंबार लगा है।

मैं घबरा गया, मैने आसपास देखा मुझे अपना परिवार कहीं नजर नही आया। मेरे परिवार मे मेरी पत्नि, 8 साल की बेटी और 13 साल का बेटा है। उन लाशों को मैं वहीं पर सडते छोड़कर आगे की भागा मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि मुझे भागने की ताकत कैसे मिल रही है।

बिना कुछ खाने पीने की परवाह किए भागता गया चारो ओर मुझे कई लोग दिखने लगे जो बदहवासी मे इधर उधर भाग रहे थे। मैने लोगों को रोक रोक कर पूछना चाहा पर वो लोग कुछ नही बोल रहे थे केवल रोते हुए इधर उधर भाग रहे थे।

तभी मुझे लगा कि कोई चीज मेरे बदन से टकराई। मैने देखा वह एक रस्सी थी। मैंने घबरा कर उस ओर देखा तो वह एक भय़ानक चेहरे वाला आदमी था उसने कहा बस यहीं रूको। इसके बाद मुर्दा लोगों की बस्ती है ।

मुझे कहा गया है कि जब तक मेरे शव का अंतिम संस्कार नही होगा मुझे मुक्ति नही मिलेगी। हो सकता है मेरा परिवार भी ऐसे ही भटक रहा हो। यदि मेरी आवाज कुछ जिंदा लोगों तक पहुंच रही हो तो कृपया मेरे शव के अंतिम संस्कार का प्रबंध करवा दें बडी कृपा होगी। मैं आपको अब कुछ नही दे सकता क्योंकि मुझे नही पता मेरा धन अब कहां है और किसके पास है।

आपका

(आपके ही जैसा कभी दिखने वाला जिंदा आदमी)

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