Monday, July 8, 2013

मणिपुर में 36 घंटे की आम हड़ताल से जनजीवन प्रभावित

मणिपुर में 36 घंटे की आम हड़ताल से जनजीवन प्रभावित

Monday, 08 July 2013 14:33

इंफाल। मणिपुर में पर्वतीय इलाकों की एक समिति द्वारा आहूत 36 घंटे की हड़ताल आज सुबह शुरू होने के बाद प्रदेश के सभी पांचों पहाड़ी जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। यह समिति प्रदेश का पुनर्गठन कर अलग ''कुकीलैंड'' की मांग कर रही है। 
सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी पहाड़ी जिलों , विशेषकर कुकी आबादी वाले सेनापति, उखरूल, तामेंगलोंग , चूड़चंद्रपुर तथा चंदेल जिलों में बाजार , दुकानें , कारोबारी तथा शिक्षण संस्थान बंद हैं । 
कुकी स्टेट डिमांड कमेटी द्वारा आहूत हड़ताल आज सुबह पांच बजे शुरू हुई । 
मणिपुर और पड़ोसी राज्यों के बीच परिवहन सेवा को भी बंद कर दिया गया है क्योंकि दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग इंफाल Þ दिमापुर Þ गुवाहाटी : 39 : और इंफाल Þ जिरीबाम Þ सिलचर , कुकी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरते हैं । सूत्रों ने यह जानकारी दी। 
उन्होंने बताया कि इंफाल तथा पहाड़ी जिला मुख्यालयों के बीच बस सेवा को भी बंद कर दिया गया है । 
समिति के एक प्रवक्ता ने बताया कि 36 घंटे की आम हड़ताल के बाद वे प्रदेश में दोनों राष्ट्रीय राजमार्गो समेत सभी मार्गो पर अनिश्चिकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू करेंगे और यह नाकेबंदी केंद्र और राज्य सरकार द्वारा केएसडीसी के साथ वार्ता की पहल किए जाने तक जारी रहेगी। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले केएसडीसी को लिखित में समिति के साथ बातचीत करने की सूचना दी थी लेकिन वे यह कहते हुए इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं कि राज्य सरकार वार्ता करने की इच्छुक नहीं है । 
केएसडीसी सूत्रों ने बताया कि अनिश्चिकालीन आर्थिक नाकेबंदी के दौरान आगे के आंदोलन के बारे में फैसला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नाकेबंदी के दौरान इंफाल से जिला मुख्यालयों को सामान की ढुलाई की अनुमति नहीं होगी। 
आल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन समेत विभिन्न संगठनों तथा सरकार ने मणिपुर के विभाजन का कड़ाई से विरोध किया है और कहा है कि वे किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे । 
सरकारी सूत्रों ने बताया कि केएसडीसी की समस्या को सुलझाने के लिए अन्य वैकल्पिक उपाय तलाश किए जा रहे हैं । 

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