Wednesday, August 24, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/8/24
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


मध्यप्रदेशःआयुष डाक्टरों को पहले मौक़ा देने की मांग

Posted: 23 Aug 2011 07:08 AM PDT

सरकार ने कुछ दिनों पहले वादा किया था कि गांवों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिये रूरल हैल्थ कोर्स चालू नहीं किया जाएगा और गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिये आयुष मेडिकल चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार अपने वादे से अब मुकर रही है।

आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश प्रावक्ता डॉ. राकेश पाण्डे कहते हैं कि प्रदेश में आज 14 हजार आयुष चिकित्सक रोजगार की तलाश में हैं। इनको काफी प्रयासों के बाद भी रोजगार नहीं मिल रहा है। यदि गांवों में इनको तैनाती का मौका दिया जाता है तो वहां न केवल स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी बल्कि आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सकों की समस्याओं का भी समाधान होगा।

डॉ. पाण्डे कहते हैं कि कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने यह कहा था कि सरकार आयुष चिकित्सकों की सेवाएं गांवों में लेगी, लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब बीडीएस डॉक्टरों को गांवों में भेजा जाएगा। उनके बयान और निर्णय का हम विरोध नहीं करते हैं, लेकिन आयुष डॉक्टरों के विषय में भी सरकार को सोचना चाहिए। पहले हमारी मांग थी कि गांवों में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएं।

आयुष मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी कहते हैं कि और राज्यों में आयुष चिकित्सकों को महत्व मिलता है, लेकिन प्रदेश में उनकी खासी अनदेखी की जा रही है। न तो आयुर्वेद, होम्योपैथी की पीजी सीटें बढ़ाने की ओर ध्यान दिया गया और न ही आयुष चिकित्सकों की समस्याओं का समाधान हो सका है। अन्य प्रदेश के मुकाबले मध्यप्रदेश में आयुष डॉक्टरों की हालत ज्यादा खराब है(दैनिक भास्कर,जबलपुर,23.8.11)।

ग्वालियरः12वीं पास छात्रों को बीई में मिलेगा सीधा प्रवेश

Posted: 23 Aug 2011 07:07 AM PDT

शहर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिक्त पांच हजार सीटें दूसरे चरण की काउंसिलिंग में भरने की उम्मीद की जा रही है। कॉलेज संचालकों का कहना है कि प्रथम चरण की काउंसिलिंग में बहुत से छात्र भाग लेने से चूक गए हैं, वे दूसरे चरण में प्रवेश लेंगे। इसके अलावा कक्षा 12 पास छात्रों को सीधे प्रवेश देने से भी सीटें तेजी से भरेंगी।

तकनीकी शिक्षा संचालनालय (डीटीई) के अनुसार, द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में अब तक लगभग 19 हजार छात्र रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज का सत्यापन एवं कॉलेज चयन की अंतिम तिथि में चार दिन शेष हैं। इसलिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों की संख्या बढ़ेगी। छात्रों को 30 अगस्त को सीटें आवंटित कर दी जाएंगी। इसके बाद उन्हें पांच सितंबर तक प्रवेश लेना होगा। उधर कक्षा 12 पास छात्रों को सीधे प्रवेश देने के लिए 30 अगस्त तक काउंसिलिंग की जाएगी। इन छात्रों को तीन सितंबर को सीटें आवंटित की जाएंगी। सीधे प्रवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कॉलेजों में भरी सीटों की स्थिति पता चल सकेगी(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,23.8.11)।

Posted: 23 Aug 2011 04:27 AM PDT

पीयू छात्र संघ चुनाव दो सितंबर को होने के आसार नहीं!

Posted: 23 Aug 2011 01:45 AM PDT

अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टïाचार के खिलाफ छेड़ी गयी लड़ाई का असर पंजाब विवि छात्र संघ चुनाव पर भी पडऩे जा रहा है। छात्र संघ चुनाव अब दो सितंबर को हो पाने के आसार दिखायी नहीं पड़ते। हालांकि अगले एक-दो दिन में इस संबंध में पीयू प्रशासन कोई आधिकारिक फैसला लेगा। सूत्रों का दावा है कि अब छात्र संघ चुनाव 9 सितंबर को ही होंगे।
जनलोकपाल बिल जाने की मांग को लेकर अन्ना के अनशन से पूरा देश आंदोलित है। हर जगह धरने व प्रदर्शन हो रहे हैं। पीयू में भी छात्र संगठन कभी रैली तो कभी कैंडल मार्च के नाम पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। पीयू के छात्र संगठनों को अन्ना हजारे की मुहिम से कम चुनाव से ज्यादा मतलब है, इसीलिए वे अपनी ताकत दिखाने का कोई मौका नहीं चूकना चाहते। शहर में भी जगह-जगह विभिन्न संगठनों द्वारा हर रोज प्रदर्शन, धरने व रैलियां आयोजित हो रही हैं जिसमें पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात करना पड़ रहा है। अगर यह मुहिम कुछ दिन और चली तो छात्र संघ चुनाव के लिए यूटी व पुलिस प्रशासन द्वारा फोर्स उपलब्ध करा पाना संभव नहीं होगा। पीयू प्रशासन तो चुनाव दो सितंबर को ही कराने को तैयार है मगर पुलिस बल व यूटी प्रशासन की ओर से क्लीयरेंस मिलना अभी मुश्किल है। डीन स्टूडेंट्स वेल्फेयर प्रो. एएस आहलूवालिया ने बताया कि मौजूदा हालत में दो सितंबर को चुनाव करा पाना मुश्किल हैं इसलिए अब नौ तारीख को चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। शहर भर में पुलिस बल की अधिक तैनाती के चलते पीयू को पुलिस जवान उतनी तादाद में मिल पाने में अभी कुछ अड़चनें हैं। अगर अन्ना हजारे के आंदोलन का कोई हल जल्द निकल आता है तो चुनाव जल्द कराने पर सोचा भी जा सकता है। अगले एक-दो दिन में इस बारे में आधिकारिक तौर पर निर्णय ले लिया जाएगा(डॉ. जोगिंद्र सिंह,दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,23.8.11)।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्डः परीक्षा पैटर्न पर असमंजस से छात्र परेशान

Posted: 23 Aug 2011 01:02 AM PDT

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सत्र में होने वाली परीक्षाओं का पैटर्न स्पष्ट नहीं किए जाने से विद्यार्थियों और शिक्षकों के सामने जबरदस्त असमंजस की स्थिति है। पैटर्न की जानकारी नहीं होने से विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे है, वहीं शिक्षक इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि वे बच्चों को किस परीक्षा पैटर्न के आधार पर पढ़ाई और अभ्यास करवाएं।

गौरतलब है कि प्रदेश में नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर इस साल से कक्षा 10 और 12 में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। इस नए पाठ्यक्रम के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। सत्र 2010-11 में कक्षा 9 और 11 के लिए पहले ही एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है। बोर्ड की कक्षा 10 और 12 में इस नए पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है कि बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न किस प्रकार का होगा।

हालांकि विभागीय अघिकारियों ने यह तो स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा एकल प्रश्न पत्र प्रणाली के आधार पर होगी। उसके लिए अंक विभाजन योजना भी जारी कर दी है, लेकिन परीक्षा का पैटर्न सीबीएसई का होगा या फिर बोर्ड के द्वारा नया पैटर्न तय किया जाएगा। इन सवालों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं को सकी है। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों में असमंजस है।


इस असमंजस पर माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक की ओर से बोर्ड सचिव मिरजूराम शर्मा को पत्र लिखकर परीक्षा पैटर्न की जानकारी शीघ्र उपलब्ध करवाए जाने की बात कही है। ताकि विद्यार्थी नए पैटर्न के हिसाब से तैयारी कर सकें। बोर्ड की ओर से अभी परीक्षा पैटर्न से संबंघित मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी नहीं किया गया है।

शिक्षक और विद्यार्थी इसलिए भी असमंजस में है कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड में अब एक जैसा हो गया है, लेकिन बोर्ड कक्षाओं में राजस्थान बोर्ड और सीबीएसई का परीक्षा पैटर्न अलग-अलग है। उदाहरण के लिए माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड परीक्षा के अनिवार्य हिंदी विषय के प्रश्न पत्र में बहुउत्तरीय (विकल्पात्मक) प्रश्न अघिक संख्या में पूछे जाते हैं, जबकि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में ये प्रश्न सीमित पूछे जाते हैं। ऎसे में यह साफ नहीं हो पा रहा है कि बच्चे किस परीक्षा पैटर्न के आधार पर तैयारी करें। साथ ही शिक्षक किस पैटर्न के आधार पर विद्यार्थियों को अभ्यास करवाएं। 

इनका कहना है 
बोर्ड को शीघ्र ही परीक्षा पैटर्न घोषित कर विद्यार्थियों के लिए मॉडल प्रश्न पत्र जारी करना चाहिए। ताकि वे निर्घारित पैटर्न के आधार पर अपनी तैयारी कर सकें। महेन्द्र पांडे, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ(राजस्थान पत्रिका,जयपुर,23.8.11)
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Palash Biswas
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