रूद्रप्रयाग: तबाही के बाद के हालात Monday, 24 June 2013 17:33 |
गुप्तकाशी। रूद्रप्रयाग की पहाड़ियों पर रहने वाले गांववासियों के चेहरे पर दुख और उनकी आंखों से खौफ साफ झलकता है... कितने ही लोग केदारनाथ की त्रासदी के शिकार हो गए और कितने खुद गांव में बाढ़ के पानी में बह गए। उधर, स्थानीय लोगों ने यहां बताया कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि छोटी-मोटी बस्तियों से रिपोर्टों का आना अब भी जारी है। जामलोकी ने बताया, ''महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात की सरकारों ने बचाव अभियान में जुटने के लिए अपने अपने अधिकारी भेजे हैं। उत्तराखंड सरकार को स्थानीय लोगों तक पहुंचने और यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि इन लोगों तक कैसे राहत पहुंचाई जाए। उन्हें भी हालात से जूझना पड़ रहा है।'' दुख और त्रासदी के इस समय में लोगों ने एक दूसरे को मदद करने की अपनी तरह से कोशिशें की। रघुवीर असवाल ने बताया, ''त्रासदी से बचे लोगों के लिए गांववासियों ने जंगलों में अपने घर के दरवाजे खोल दिए। लोगों के पास जो भी थोड़ा बहुत खाने पीने का सामान है केदारनाथ से आने वाले लोगों के साथ बांटा जा रहा हैै।'' असवाल ने बताया, ''अब इन गांवों में खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा है। स्थानीय प्रशासन को उनके बारे में सोचना चाहिए।'' |
Monday, June 24, 2013
रूद्रप्रयाग: तबाही के बाद के हालात
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