सोना तस्करों का सिंहद्वार बना हुआ है कोलकाता
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोलकाता को चीन समेत पूर्व,दक्षिण पूर्व एशिया और आस्ट्रेलिया तक के हवाई रेशम मार्ग का सिंह दरवाजा बनना था। सिंगूर में रतन टाटा ने नैनो कारखाना लगाकर कुछ ऐसा ही सोचा होगा। हकीकत में ब्रिटिश हुकूमत के दरम्यान कोलकाता स्रिफ चुनिंदा दिशाओं के लिए ही नही,बल्कि पूरी दुनिया के लिए गेटवे आफ इंडिया बना ङुआ था और कारोबार व उद्योगों के मामले में,रोजगार की दृष्टि से वह भारतभर में अव्वल बना हुआ था।शायद गेटवे आफ इंडिया के मुंबई में निर्माण होने के बाद भारती की वाणिज्यिक राजधानी ही स्थानांतरित हो गयी है। अब मुंबई की तुलना में कोलकाता लगातार पिछड़ता ही जा रहा है। लेकिन मानवतस्करी के मामले में कोलकाता अब अव्वल नंबर पर है। सोने की तस्करी के लिए अब भी मुंबई अव्वल है और स्वर्णिम रेशम पथ अरब सागर के तट से ही गुजरता है।लेकिन कोलकाता तेजी से सोना तस्करों के लिए सिंहद्वार बनता जा रहा है। कोलकाता के नेताजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पिछले हफ्ते भर में पांच किलो सोना तस्करों से बरामद हुआ है। मुंबई और दिल्ली पर लगातार बढ़ती निगरानी और स्वर्ण महिमा से गिरते रुपये से डांवाडोल अर्थव्यवस्था के मद्देनजर सोना तस्करी के लिए कोलकाता का अब ट्रांजिट मार्ग बतौर इस्तामाल होने लगा है।
वैसे भी चीनी सामान से भारतीय बाजारों को पाटने के लिए कोलकाता को ट्रांजिट रूट बनाया गया है, जिससे भारतीय उत्पादकों को निरंतर चूना लग रहा है।सस्ते गैरकानूनी और घटिया चीनी उपभोक्ता माल ने भारत में बने अच्छे सामान को चलन से बाहर कर दिया है। त्रिपुरा और मणिपुर जैसे राज्यों में सीमाओं पर निगरानी कम होने की वजह से इस रास्ते चीनी माल कोलकाता होकर भारतीय बाजारों में खपाया जाता है। गुवाहाटी में आंतरिक सुरक्षा के नजरिये से अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षा इंतजामात होने की वजह से पूर्व और पूर्वोत्तर के रास्ते तस्करी के लिए कोलकाता सबसे सुरक्षित केंद्र बन गया है।मादकद्रव्यों का कारोबार तो सीमावर्ती इलाके के चप्पे में हो रहा है।सोना तस्करी ने इन परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन करके कोलकाता का चुनाव किया है, जहां विदेशी मुद्राओं में कारोबार भी बहुत आसान हो गया है। नेपाल का रास्ता भी कोलकाता होकर खुलता है।
मालूम हो कि सरकार द्वारा सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर छह से आठ फीसद कर दी गई है, जिसके बाद हवाई मार्ग से सोने की तस्करी बढ़ी है। नई दिल्ली इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर भी कड़े सुरक्षा इंतजाम के मध्य अब भी तस्करी के सोने की बरामदगी का सिलसिला जारी है।। कस्टम विभाग ने अलग-अलग विमान से दुबई से आए एक विदेशी तस्कर सहित दो को गिरफ्तार किया है। उनके पास से डेढ़ किलो की सोने की टिकिया और 6999.84 ग्राम के सोने के बिस्कुट बरामद हुए हैं। आरोपियों की पहचान श्रीलंका निवासी साराफुल अनाम और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद जावेद के रूप में हुई है। दोनों को कस्टम एक्ट के तहत गिरफ्तार कर अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, कोलकाता नेताजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कास्टम अधिकारियों ने शनिवार को मोहम्मद रियाज नाम के एक तस्कर को गिरफ्तार करके उससे एक किलो ढाई सौ ग्राम सोना बरामद कर लिया। यह सोना रइस ने जूते के अंदर छुपाया हुआ था। मोहम्मद रियाज (30) को सोने के 15 बिस्कुट के साथ गिरफ्तार किया गया । बरामद किए गए बिस्कुट की कीमत 45 लाख रूपए बतायी जा रही है । कोलकाता में इसतरह जूते के अंदर,कपड़ों में और शरीर के भीतर छुपाकर सोने कीतस्करी की वारदातें बढ़ने लगी है।इसके अलावा डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रविवार शाम कामरूप एक्सप्रेस में छापेमारी कर 15 किलो सोना (350 व 400 ग्राम की 40 सिल्ली) में बरामद किया है। इस मामले में चार तस्करों की गिरफ्तारी हुई है। यह सोना गुवाहाटी से कोलकाता ले जाया जा रहा था, इससे पहले इसे नागालैंड के रास्ते म्यांमार से गुवाहाटी लाया गया था।43 वर्षीय प्रहलाद सोनी (दमदम-कोलकाता), 42 वर्षीय विजय कुमार, 40 वर्षीय चंदना बेबी और एक नाबालिगा प्रियांशु कुमारी शामिल है। विजय व चंदना पति-पत्नी हैं एवं प्रियांशु उनकी पुत्री है। ये तीनों बिहार के रोहतास के रहने वाले हैं। सिलीगुड़ी अदालत ने तीनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नाबालिगा को होम में भेज दिया गया है। नाबालिगा को मंगलवार जुवेनाईल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कास्टम अधिकारियों के मुताबिक दुबई और बैंकाक केरास्ते यह सोना भारत लाया जा रहा है।
अब भारतीयअर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए वित्तमंत्री सोने के आयात पर लगाम कसने की भरसक कोशिस कर रहे हैं। पर कोलकाता और दिल्ली के रास्ते जो अवैध सोना आ रहा है और इसके अलावा मुंबई से परंपरागत जो सोना की तस्करी होती है, उसे रोके बिना स्वर्ण संकट का हल निकालना मुश्किल है।सर्राफा उद्योग का कहना है कि सरकार द्वारा सोने के आयात पर अंकुश लगाने के प्रयासों से इसकी तस्करी बढ़ेगी। इस उद्योग के एक अधिकारी का मानना है कि 2013 में सोने के कुल आयात में तस्करी वाले सोने का हिस्सा 30 प्रतिशत तक रह सकता है।
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के पूर्व चेयरमैन बच्छराज बमालवा ने कहा, 'आयात पर इन सभी पाबंदियों से सोने की मांग कम नहीं होगी, उल्टे तस्करी को बढ़ावा मिलेगा।' वर्ष 2012 में देश में 200 टन सोने की तस्करी हुई थी और उद्योग का अनुमान है कि 2013 में यह आंकड़ा 300 टन तक जा सकता है, जो कुल आयात का 30 प्रतिशत बैठेगा।
रिजर्व बैंक ने सोने के आयात को लेकर बैंकों के साथ-साथ अन्य एजेंसियों पर भी कई नई पाबंदियां लगाई हैं। केंद्र ने भी सोने पर आयात शुल्क 6 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया है। सरकार और रिजर्व बैंक सोने के आयात पर अंकुश के लिए कदम उठा रहे हैं। सोने के ऊंचे आयात की वजह से 2012-13 की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.7 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।
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