Sunday, 23 June 2013 12:37 |
नयी दिल्ली । केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह और भगवान शिव के 'स्वयंभू लिंग' तक मलबा जमा हो गया है। उत्तराखंड में बारिश, अचानक आई बाढ़ के कारण त्रासदी का मंजर ऐसा भयावह और प्रलयंकारी है कि केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह और भगवान शिव के 'स्वयंभू लिंग' तक मलबा जमा हो गया है, साथ ही आसपास के कई गांव बह गये हैं। केदारनाथ मंदिर के मुख्य तीर्थ पुरोहित दिनेश बगवाड़ी ने 'भाषा' को बताया ''मंदिर परिसर में मलबा काफी मात्रा में भरा हुआ है। मंदिर के 'गर्भ गृह' तक मलबे का अंबार लगा है। 'भगवान शिव के स्वयंभू ज्यार्तिलिंग' तक मलबा आ गया है। शिवलिंग का सिर्फ कुछ भाग ही दिखाई दे रहा है।''
देहरादून । उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खराब मौसम के कारण थोड़े समय तक निलंबित रहने के बाद आज सुबह हवाई बचाव अभियान 22 हजार से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए फिर से बहाल हुआ। वहीं, आईटीबीपी के जवानों ने लोगों को वहां से निकालने का कार्य तेज करने के लिए पैदल रास्ते का निर्माण शुरू कर दिया। तकरीबन 70 हजार पर्यटकों को अब तक सबसे बुरी तरह प्रभावित रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों से निकाला जा चुका है। इन जिलों में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हंै। पहाड़ी राज्य में पिछले सप्ताह राज्य में आई भीषणतम प्राकृतिक आपदाओं में से 40 से अधिक हेलिकॉप्टर और 10 हजार सैनिक और अर्द्धसैनिक बल के जवान बचाव अभियान में शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देहरादून और जोशीमठ में मध्यम वर्षा के कारण आज सुबह बचाव अभियान शुरू होने में विलंब हुआ लेकिन फिर बहाल हो गया क्योंकि तकरीबन एक घंटे बाद मौसम साफ हो गया। इस बीच, कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने आज कहा कि केंद्र बारिश प्रभावित उत्तराखंड में व्यापक क्षति वाले इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए दीर्घावधि की योजना पर काम कर रही है। कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय की प्रभारी सोनी ने यहां पहुंचने के बाद कहा, ''संकट की इस घड़ी में समूचा देश राज्य की जनता के साथ दृढ़ता से खड़ा है।'' उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर के निकट के क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और पुनरूद्धार के लिए एक दीर्घावधि की योजना पर काम चल रहा है। सोनी राज्य के पार्टी मामलों का प्रभार हासिल करने के बाद पहली बार यहां पहुंचीं। उनके साथ पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं। आईटीबीपी डीआईजी ने कहा कि तकरीबन 500 तीर्थयात्री रूद्र प्रयाग के जंगल चट्टी इलाके में अब भी फंसे हो सकते हैं और उन्हें यथाशीघ्र निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। केदारनाथ के निकट गौरी गांव और रामबाड़ा इलाके में दो हेलिपैडों का निर्माण किया जा रहा है। केदारनाथ इलाके से 123 शवों की बरामदगी के साथ इस अभूतपूर्व हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या 680 हो गई है और मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि जितने बड़े पैमाने पर तबाही मची है उसे देखते हुए मरने वालों की संख्या एक हजार हो सकती है। बहुगुणा ने यह भी कहा कि केदारनाथ मंदिर की पुनर्बहाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सुझाव लेने के बाद यह काम किया जाएगा। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने यहां कहा कि ध्यान अब बद्रीनाथ पर केंद्रित हो गया है, जहां तकरीबन 7000 से 8000 लोग अब भी फंसे हुए हैं। केदारनाथ घाटी को फंसे हुए तीर्थयात्रियों से पूरी तरह खाली करा लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पर्याप्त खाद्य सामग्री और दवाएं प्रदान की जा रही हैं। बहुगुणा ने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों से शव बरामद किए जा रहे हैं। उनका पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार किया जाएगा और मृत आत्माओं की शांति के लिए इस त्रासदी के 13 वें दिन हरिद्वार में एक 'महायज्ञ' किया जाएगा। यह सुझाव संत समाज ने कल उस वक्त दिया था जब बहुगुणा और केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने उनसे मुलाकात की थी। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद बहुगुणा से मुलाकात के दौरान बाढ़ में तबाह हुए केदारनाथ मंदिर का देश के आधुनिकतम मंदिरों में से एक के तौर पर पुनर्निर्माण करने में राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने की पेशकश की थी। |
Sunday, June 23, 2013
केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह, ‘स्वयंभू लिंग’ तक मलबा जमा, कई गांव तबाह: मुख्य तीर्थ पुरोहित
केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह, 'स्वयंभू लिंग' तक मलबा जमा, कई गांव तबाह: मुख्य तीर्थ पुरोहित
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment