देहरादून: भारी बारिश के कारण मंगलवार को उत्तराखंड में चल रहे राहत एवं बचाव अभियान बाधित हुआ है। राज्य के आपदाग्रस्त इलाके में अभी भी 13,000 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से निकाला जाना है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सोमवार रात से राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
जिन लोगों को बचाया जाना है, उनमें से अधिकांश बद्रीनाथ के रास्ते में और केदारनाथ के समीप फंसे हुए हैं। केदारनाथ में ही 10 दिनों पूर्व बादल फटने के बाद तबाही मची। छोटे हेलीकाप्टरों ने उड़ान भरी, लेकिन खराब मौसम के कारण वे जोशीमठ और हर्षिल स्थित अपने आधार शिविरों को लौटने पर मजबूर हो गए। अधिक यात्री ढोने वाले एमआई-16 हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर रहे हैं।
ताजा बारिश और भूस्खलन ने कुछ स्थानों पर बचाव कार्यो के साथ-साथ शवों की पहचान के काम में बाधा डाली है। सेना, वायुसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की अगुआई में राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के मुताबिक 14-15 जून को आई आपदा में बच गए सैंकड़ों लोगों ने जंगल चट्टी इलाके में भूख और ठंड से दम तोड़ दिया।
उत्तराखंड के अधिकारियों ने मृतकों की संख्या पर ताजा जानकारी देने से मना कर दिया है। अधिकांश सूत्रों का कहना है कि मृतकों की संख्या सैंकड़ों में है। भारी वर्षा से उत्तराखंड के तराई वाले इलाके उधम सिंह नगर, लाल कुआं और काठगोदाम में सड़कें, राजमार्ग डूब गए हैं।
जिन लोगों को बचाया जाना है, उनमें से अधिकांश बद्रीनाथ के रास्ते में और केदारनाथ के समीप फंसे हुए हैं। केदारनाथ में ही 10 दिनों पूर्व बादल फटने के बाद तबाही मची। छोटे हेलीकाप्टरों ने उड़ान भरी, लेकिन खराब मौसम के कारण वे जोशीमठ और हर्षिल स्थित अपने आधार शिविरों को लौटने पर मजबूर हो गए। अधिक यात्री ढोने वाले एमआई-16 हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर रहे हैं।
ताजा बारिश और भूस्खलन ने कुछ स्थानों पर बचाव कार्यो के साथ-साथ शवों की पहचान के काम में बाधा डाली है। सेना, वायुसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की अगुआई में राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के मुताबिक 14-15 जून को आई आपदा में बच गए सैंकड़ों लोगों ने जंगल चट्टी इलाके में भूख और ठंड से दम तोड़ दिया।
उत्तराखंड के अधिकारियों ने मृतकों की संख्या पर ताजा जानकारी देने से मना कर दिया है। अधिकांश सूत्रों का कहना है कि मृतकों की संख्या सैंकड़ों में है। भारी वर्षा से उत्तराखंड के तराई वाले इलाके उधम सिंह नगर, लाल कुआं और काठगोदाम में सड़कें, राजमार्ग डूब गए हैं।
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