Follow palashbiswaskl on Twitter

ArundhatiRay speaks

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Jyoti basu is dead

Dr.B.R.Ambedkar

Wednesday, June 26, 2013

फेसबुक बना विश्वस्तरीय आदिवासी महापंचायत का माध्यम

फेसबुक बना विश्वस्तरीय आदिवासी महापंचायत का माध्यम


भारत में आदिवासियों की स्थिति काफी दयनीय हैं, कहीं भी आदिवासियों के साथ कुछ भी होता है तो सभी को पता नहीं चल पाता है, लेकिन अब ग्रुपों के माध्यम से आदिवासी अपने क्षेत्र के समस्याओं को एक-दूसरे से आदान-प्रदान कर रहे हैं...

राजन कुमार

http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-02/71-movement/4127-facebook-bana-vishvstreey-aadivasi-mahapanchayat-ka-madhyam-by-rajan-kumar-for-janjwar


मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में 16 मई को सोशल नेट्वर्किंग साइट फेसबुक के माध्यम से एकजुट हुए आदिवासी युवाओं की पंचायत की सफलता से आदिवासी युवा काफी उत्साहित हैं. ये युवा आदिवासियों के हित में ठोस कदम उठाने के लिए विश्वस्तरीय फेसबुक महापंचायत करने की तैयारी में हैं.

adivasi-sammelan

'आदिवासी युवा शक्ति' के आर्गनाइजर दिल्ली के एम्स अस्पताल में कार्यरत डॉ. हीरालाल अलावा के मुताबिक आदिवासियों के विकास, अधिकार और न्यायके लिए अक्टूबर महीने में मध्य प्रदेश के इंदौर में 'विश्वस्तरीय आदिवासी युवा शक्ति फेसबुक महापंचायत 2013' आयोजित करने का आह्वान किया गया है. इस महापंचायत में भारत के अलावा विदेशों से भी आदिवासी युवा भाग लेंगे.

डॉ. हीरालाल अलावा ने बताया कि फेसबुक हम आदिवासियों के लिए सोशल मीडिया की तरह काम कर रहा है. इंटरनेट की दुनिया में आज हर कोई इंटरनेट प्रयोग करने लगा है. मोबाइल, कंम्यूटर, आईपैड इत्यादि इंटरनेट उपलब्ध कराने के सुलभ साधन हैं. हम देश-विदेश के किसी भी कोने में रहते हैं, लेकिन फेसबुक हम आदिवासियों को एकजुट करने का एक अच्छा मंच बन गया है, जहां हम अपने समस्याओं पर चर्चा करते हैं और रणनीति तैयार करते हैं.

'आदिवासी युवा शक्ति' के सदस्य रतलाम के जिला अस्पताल में डॉ. अभय ओहरी, बड़वानी में 'दलित आदिवासी दुनिया' के ब्यूरो चीफ चेतन अर्जुन पटेल,बालाघाट में आरपीएफ के जवान विक्रम अछालिया समेत अनेकों आदिवासी युवा फेसबुक के साथ-साथ जमीन पर आदिवासी लोगों को जागृत कर रहे हैं. ये लोग जमीनी स्तर पर काम करते हुए भी फेसबुक पर ही अपने विचार रखते हैं और आगे की रुपरेखा तैयार करते हैं.

फेसबुक पर 'गोंडवाना फ्रेंड्स' के नाम से भी एक ग्रुप बनाया गया है, जो गोंड आदिवासियों के एकजुटता का मिसाल कायम कर रहा है. फेसबुक पर इस तरह के कई सारे ग्रुप हैं. इस तरफ फेसबुक आदिवासियों के लिए एक मंच बन चुका है. भिलाला, हो पीपुल, आयुष आदिवासी युवा शक्ति, अखिल भारतीय आदिवासी नेटवर्क, नेशनल इंडियन ट्राइबल युवा शक्ति, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन, बरेला, पोलिटिक्स ऑफ़ भिलाला जैसे अनेकों फेसबुक ग्रुप है जो आदिवासियों को एक मंच प्रदान कर रहे हैं. हर ग्रुप में 4 हजार से लेकर 10 हजार तक मेंबर बन चुके हैं.

हैदराबाद में थॉमसन रायटर के लिए काम करने वाले चंद्रेश मरावी कहते हैं कि सोशल साइट पढ़े-लिखे आदिवासी युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं. नवी मुंबई से पर्वत सिंह मार्को, अदीलाबाद में बैंकर राजकुमार सियाम कहते हैं कि भारत में आदिवासियों की स्थिति काफी दयनीय हैं, कहीं भी आदिवासियों के साथ कुछ भी होता है तो सभी को पता नहीं चल पाता है, लेकिन अब ग्रुपों के माध्यम से आदिवासी अपने क्षेत्र के समस्याओं को एक-दूसरे से आदान-प्रदान कर रहे हैं.

डॉ. हीरालाल के अनुसार अक्टूबर महीनें में इंदौर में होने वाला 'विश्वस्तरीय आदिवासी युवा शक्ति फेसबुक महापंचायत 2013' भविष्य के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा. सरकार अगर हम लोगों को हल्के में ले रही है, तो यह उसकी भूल है. आदिवासियों के साथ जो दुर्व्यवहार किया जा रहा है, वह बर्दाश्त नहीं होगा. अक्टूबर महीने में इंदौर में आयोजित होने वाले इस महापंचायत में फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है. आदिवासियों के साथ हुए घोर अन्याय का सरकार को जवाब देना होगा. 

rajan-kumarराजन कुमार आदिवासी विकास पर लिखते हैं. 

No comments: