गौचर : उत्तराखंड के बाढग्रस्त इलाकों में अभी भी 8000 लोग फंसे हुए हैं जबकि ताजा भूस्खलन, बादल फटने और तेज बारिश के कारण बचाव अभियान प्रभावित हुआ है । केदारनाथ से 127 शवों समेत कुल 142 शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 822 हो गई।
टिहरी जिले में भूस्खलन की ताज़ा घटनाएं हुई हैं जिनमें एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई। जोशीमठ में बारिश के कारण बचाव अभियान रोक दिया गया है। देवप्रयाग में बादल फटने की ताजा खबर है और रूद्रप्रयाग के अगस्त मुनि में भारी बारिश हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि कल से अब तक केदारनाथ क्षेत्र में 127 शव और मिले हैं । वहीं उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और बिजनौर में गंगा में 15 शव तैरते मिले हैं। इसके साथ ही त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 822 हो गई है।
देहरादून में सुबह कोहरा और बादल छाए रहने के कारण सहस्रधारा हेलीपैड और जॉली ग्रांट हवाईअड्डे से हेलीकॉप्टरों की उड़ान में देरी हो गई थी लेकिन मौसम में सुधार होते ही हवाई बचाव अभियानों में फिर से तेज़ी आ गई है। अधिकारियों ने बताया कि चार हेलीकॉप्टरों ने आज बद्रीनाथ के लिए उड़ान भरी और 60 लोगों को बाहर निकाला।
वायुसेना, सेना और उत्तराखंड प्रशासन ने आपदा में बुरी तरह प्रभावित केदारनाथ घाटी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, ईघन जैसी सामग्री पहुंचाने के लिए वृहद अभियान शुरू किया है। राहत और बचाव कार्य में जुटी विभिन्न एजेंसियां शवों के सड़ने और बीमारियों के फैलने की आशंका से चिंतित है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रकों पर भर कर देवदार की लकड़ियां और घी केदारनाथ भेजा जा रहा है और इस त्रासदी में मारे गए लोगों के सामूहिक अंतिम संस्कार के प्रयास किये जा रहे हैं । इससे पहले शवों की पहचान की जायेगी और फिर पोस्टमार्टम और डीएनए संरक्षित करने की औपचारिकताएं पूरी की जायेंगी। (एजेंसी)
टिहरी जिले में भूस्खलन की ताज़ा घटनाएं हुई हैं जिनमें एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई। जोशीमठ में बारिश के कारण बचाव अभियान रोक दिया गया है। देवप्रयाग में बादल फटने की ताजा खबर है और रूद्रप्रयाग के अगस्त मुनि में भारी बारिश हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि कल से अब तक केदारनाथ क्षेत्र में 127 शव और मिले हैं । वहीं उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और बिजनौर में गंगा में 15 शव तैरते मिले हैं। इसके साथ ही त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 822 हो गई है।
देहरादून में सुबह कोहरा और बादल छाए रहने के कारण सहस्रधारा हेलीपैड और जॉली ग्रांट हवाईअड्डे से हेलीकॉप्टरों की उड़ान में देरी हो गई थी लेकिन मौसम में सुधार होते ही हवाई बचाव अभियानों में फिर से तेज़ी आ गई है। अधिकारियों ने बताया कि चार हेलीकॉप्टरों ने आज बद्रीनाथ के लिए उड़ान भरी और 60 लोगों को बाहर निकाला।
वायुसेना, सेना और उत्तराखंड प्रशासन ने आपदा में बुरी तरह प्रभावित केदारनाथ घाटी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, ईघन जैसी सामग्री पहुंचाने के लिए वृहद अभियान शुरू किया है। राहत और बचाव कार्य में जुटी विभिन्न एजेंसियां शवों के सड़ने और बीमारियों के फैलने की आशंका से चिंतित है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रकों पर भर कर देवदार की लकड़ियां और घी केदारनाथ भेजा जा रहा है और इस त्रासदी में मारे गए लोगों के सामूहिक अंतिम संस्कार के प्रयास किये जा रहे हैं । इससे पहले शवों की पहचान की जायेगी और फिर पोस्टमार्टम और डीएनए संरक्षित करने की औपचारिकताएं पूरी की जायेंगी। (एजेंसी)
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